‘सेक्रेड गेम्स’ और ‘घोल’ जैसी विवादित वेबसीरिज़ की वजह से लोगों का गुस्सा झेल चुका ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लैटफॉर्म ‘नेटफ्लिक्स’ अब एक और हिन्दू-विरोधी वेबसीरिज़ लाने की तैयारी में हैं। दरअसल, दो दिन पहले नेटफ्लिक्स ने अपनी आने वाली वेबसीरिज़ ‘लीला’ का ट्रेलर रिलीज़ किया, लेकिन सिर्फ इस ट्रेलर को देखने-भर से यह स्पष्ट हो गया कि यह वेबसीरिज़ भी ‘हिन्दुफोबिया’ को बढ़ावा देने वाली विचारधारा का ही एक हिस्सा है। इस वेबसीरिज़ में हिंदुओं के प्राचीन ग्रन्थों में वर्णित ‘आर्यावर्त साम्राज्य’ को एक क्रूर, हिंसक और असहिष्णु समाज के तौर पर दिखाया गया है जहां किसी के मानवाधिकार की किसी को कोई परवाह नहीं है। ट्रेलर के मुताबिक एक महिला शालिनी अपने समुदाय के पुरुष की बजाय एक अन्य समुदाय के पुरुष से शादी कर लेती है, जिसके बाद वह आर्यावर्त के अनुयायियों के निशाने पर आ जाती है, और उनकी बेटी को आर्यावर्त के अनुयायियों द्वारा अपहृत कर लिया जाता है। वेबसीरिज़ की पूरी कहानी शलिनी और उसकी अपहृत हो चुकी बेटी के इर्द-गिर्द घूमती है।
आपको बता दें कि हिंदुओं के प्राचीन ग्रंथो में आज के उत्तर भारत को ‘आर्यावर्त’ के नाम से वर्णित किया गया है। भारत के इतिहास में आर्यावर्त को एक पूजनीय स्थान दिया गया है, जिसका प्रभाव सिर्फ भारत ही सीमित नहीं था, बल्कि आज के अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, इंडोनेशिया पर भी था। हिन्दू धर्म सदियों से दुनिया को शांति का पाठ पढ़ाता आया है, और हिंदुओं के किसी भी प्राचीन और पवित्र ग्रंथ में अमानवीय हिंसा को कोई स्थान नहीं दिया गया है। हालांकि, जिस तरह ‘लीला’ वेबसीरिज़ में प्राचीन भारत के इतिहास को दिखाया गया है, वह पूरी तरह आधारहीन और गुमराह करने वाला है।
लीला वेबसीरिज़ में सनातन धर्म के अनुयायियों को सबसे हिंसक और दमनकारी मानसिकता वाले लोगों के तौर पर दिखाया गया है जो सिर्फ लोगों को बांटकर उनपर राज करना चाहते हैं। वेबसीरिज़ में आर्यावर्त समाज को भयंकर जातिवाद, कट्टरवाद और असहिष्णुता से ग्रसित दिखाया गया है जहां मामूली अपराध करने पर भी कड़ी सज़ा दी जाती है। यहां आपके लिए यह जानना जरूरी है कि यह वेबसीरिज़ प्रयाग अकबर द्वारा लिखित एक विवादित किताब पर आधारित है जिसमें लेखक ने सच्चाई और तथ्यों की जगह सिर्फ अपने एजेंडे का ही प्रचार किया है।
अगर आप इस वेबसीरिज़ के डायरेक्टर और फिल्म कास्ट पर नज़र डालेंगे, तो वेबसीरिज़ की आड़ में चल रहे इस छुपे एजेंडे को समझ पाना और आसान होगा। इस सिरीज़ को क्रांतिकारी डायरेक्टर दीपा मेहता ने डायरेक्ट किया है, जिनकी सनातन-विरोधी मानसिकता किसी से छुपी नहीं है। ‘वॉटर’ और ‘फायर’ जैसी विवादित फिल्मों की वजह से वे पहले ही चर्चा में रह चुकी हैं। उनकी ‘वॉटर’ फिल्म पर तो इतना विवाद हुआ था कि फिल्म को भारत की बजाय श्रीलंका में शूट करना पड़ा था। सिरीज़ में एक्टर हुमा कुरेशी को मुख्य भूमिका में दिखाया गया है जिन्होंने कठुआ रेप केस की आड़ में सोनम कपूर, स्वरा भास्कर और करीना कपूर जैसे एक्टर्स के साथ मिलकर पूरे हिन्दू समुदाय पर जमकर हमला बोला था। इसके अलावा सिरीज़ के को-स्टार सिद्धार्थ नारायण भी पीएम मोदी की केदारनाथ यात्रा पर सवाल उठाकर अपनी कुंठित विचारधारा का परिचय दे चुके हैं। जिस फिल्म या वेबसीरिज़ के डायरेक्टर और एक्टर्स की मानसिकता इस हद तक विकृत हो चुकी हो, तो भला उनकी फिल्म से कोई सकारात्मक संदेश की आशा कर भी कैसे सकता है? भारत के लोगों को इस वेबसीरिज़ के साथ-साथ स्ट्रीमिंग सर्विस ‘नेटफ्लिक्स’ का पूर्ण बहिष्कार करने की जरूरत है ताकि इनकी इस एजेंडावादी सोच पर कड़ा प्रहार किया जा सके।