आज जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे, तो कई लोग यह जानने को उत्सुक होंगे की इनके मंत्रिमंडल में किन पुराने चेहरों की वापसी हुई, और किन नए चेहरों को अवसर मिला है। लेकिन इसके अलावा जिस एक पद पर सभी की निगाहें टिकी हुई है, वो है लोकसभा के स्पीकर का पद।
पिछली बार सर्व सम्मति से इंदौर की तत्कालीन सांसद सुमित्रा महाजन को लोकसभा के स्पीकर पद पर बैठाया गया था। उन्होंने इस दौरान अपनी जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वाह किया और संसद की गरिमा को बनाए रखा. इसके साथ ही लोकसभा की कार्यवाही में अवरोध पैदा करने वाले सांसदों को भी आड़े हाथों लिया। हालांकि, अपनी उम्र के चलते उन्होंने लोकसभा चुनाव शुरू होने से पहले ही चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया। अब ऐसे में सवाल उठता है कि अगला लोकसभा स्पीकर कौन होगा?
यूं तो कई नाम सामने आए है, लेकिन अधिकांश पत्रकारों और राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार ये चार नाम इस पद के लिए सबसे प्रबल दावेदार हैं। आइये डालते है इन चेहरों पर एक नज़र –
संतोष गंगवार –
सबसे पहले बात करतें हैं वरिष्ठ भाजपा नेता संतोष गंगवार के बारे में। आठ बार से बरेली क्षेत्र से सांसद और पिछली सरकार में श्रम एवं रोजगार [स्वतंत्र प्रभार] मंत्री और वित्त राज्य मंत्री का पद संभाल चुके संतोष गंगवार काफी अनुभवी एवं योग्य नेता हैं। 1989 से लगातार छह बार अपने क्षेत्र से चुनाव जीत चुके संतोष गंगवार ने संसदीय मंत्री का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला है। ऐसे में यदि उन्हें स्पीकर का पद दिया जाता है, तो इसमें इनका वर्षों का राजनीतिक अनुभव बहुत काम आएगा।
प्रल्हाद जोशी –
दूसरी तरफ लोकसभा स्पीकर पद के लिए एक और प्रबल दावेदार हैं कर्नाटक के धारवाड़ लोकसभा क्षेत्र से वर्तमान सांसद प्रल्हाद जोशी। पिछली सरकार में स्पीकर एवं डेप्यूटी स्पीकर के अनुपस्थित रहने पर संसद का कार्यभार संभालने का इन्हें बखूबी अनुभव भी है। कर्नाटक में भाजपा के शानदार प्रदर्शन और इनके अनुभव को देखते हुये प्रल्हाद जोशी भी इस पद के प्रबल दावेदारों में से एक हैं।
प्रहलाद पटेल –
अब आते हैं एक और प्रबल दावेदार, और कभी अटल वाजपेयी की एनडीए सरकार में मंत्री रह चुके प्रहलाद पटेल पर। 1989 की लोकसभा में पहली बार निर्वाचित हुए प्रहलाद पटेल 1996, 1999 और फिर 2014 में मध्य प्रदेश के दमोह लोकसभा क्षेत्र से सांसद के तौर पर निर्वाचित हुए हैं। इस बार भी उन्हें दमोह से निर्वाचित किया गया है, जहां उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को 3.5 लाख से ज़्यादा मतों के अंतर से हराया है। वर्षों के अनुभव एवं भारी जनसमर्थन के आधार पर प्रहलाद पटेल भी लोकसभा स्पीकर के पद की दावेदारी के लिए अपना दावा ठोंकने को पूरी तरह तैयार है।
नरेंद्र सिंह तोमर –
और अब बात करते हैं लोकसभा स्पीकर के लिए प्रबल दावेदारों में से एक, नरेंद्र सिंह तोमर के बारे में। पिछली सरकार में संसदीय मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री, और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री का पदभार संभालने वाले नरेंद्र सिंह तोमर के पास लोकसभा का विशेष अनुभव रहा है। इस बार लोकसभा क्षेत्र बदलने के बावजूद भारी मतों से जीतने वाले नरेंद्र सिंह तोमर को यदि लोकसभा स्पीकर का पद दिया जाता है, तो उनका पिछले कार्यकाल में विभिन्न मंत्रालयों का अकूत अनुभव बहुत काम आएगा।
सूत्रों के अनुसार 10 जून तक राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द लोकसभा के स्पीकर का चुनाव कर लेंगे। इसी के साथ वे 2 जून को संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे, जिसका संचालन पिछली सरकार द्वारा चुने गए कार्यवाहक स्पीकर करेंगे। अब इन चार चेहरों में लोकसभा स्पीकर कौन बनेगा, यह तो वक़्त ही बताएगा, पर एक बात तो साफ है, कि नए स्पीकर पर लोकसभा को निर्विरोध संचालित करने का जिम्मा भी रहेगा और साथ ही साथ लोकसभा की गरिमा को बनाए रखने की आशा भी रहेगी।