पश्चिम बंगाल में बीजेपी नेताओं पर हमले और गिरफ़्तारी ममता की तानाशाही राजनीति लोकतंत्र बड़ा खतरा

ममता बीजेपी

PC: dbpost

पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र लगातार दम तोड़ता नज़र आ रहा है। ममता सरकार पूरे राजकीय तंत्र को अपनी हिटलरशाही की विचारधारा को बढ़ावा देने में इस्तेमाल कर रही है। उनके कार्यकर्ताओं के हौसले इतने बुलंद हो चुके है कि वे सरेआम अपनी विरोधी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं पर हमला करने से भी नहीं हिचक रहे हैं। कल ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के एक रोडशो के दौरान टीएमसी के छात्र विंग के कुछ सदस्यों ने जमकर गुंडागर्दी की, और कई गाड़ियों में आगजनी भी की। इसके अलावा बंगाल पुलिस द्वारा दिल्ली से भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा को भी हिरासत में ले लिया गया। अब भाजपा इसके खिलाफ बुधवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने के अलावा चुनाव आयोग से भी इसकी शिकायत करेगी। वहीं उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने राज्य में अब राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। 

कल अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक भव्य रोड शो का आयोजन किया था। अमित शाह का काफिला जब विद्यासागर कॉलेज के पास से गुजर रहा था तभी वहां कॉलेज के टीएमसी विंग के छात्र पहुंच गए और ‘गो बैक अमित शाह’ के नारे लगाना शुरू कर दिया, जिसके बाद उन्होंने रोड शो में खलल पैदा करने के लिए जमकर हिंसा फैलाई। हिंसा फैलने के बाद रोड शो को समय से पहले खत्म करना पड़ा। इसके साथ ही ममता सरकार के धुर विरोधी भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा को भी हिरासत में ले लिया गया। अमित शाह ने इस पूरी घटना की निंदा करते हुए ममता बनर्जी पर असहिष्णु होने का आरोप लगाया और कहा कि टीएमसी के गुंडों द्वारा उनपर हमला करने की कोशिश की गई।

ममता सरकार की असहिष्णुता का एक और उदाहरण हमें पिछले ही दिनों तब देखने को मिला था जब सिर्फ एक मीम को शेयर करने पर बंगाल पुलिस द्वारा भाजपा की युवा नेता प्रियंका शर्मा को हिरासत में ले लिए गया था। हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उस युवा नेता को बिना किसी शर्त रिहा करने के आदेश दिये थे। राज्य में कानून व्यवस्था इस कदर तक बिगड़ चुकी है कि चुनाव आयोग द्वारा निष्पक्ष चुनाव करवाना भी अब एक बड़ी चुनौती बन गई है। पूरे देश भर में राजनीतिक हिंसा की खबरें अगर किसी राज्य से आ रही हैं, तो वह बंगाल ही है। इसी के चलते उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अब राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।

दरअसल, कोलकाता में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो पर हमले को सत्ता प्रेरित अराजकता एवं गुंडागर्दी बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पश्चिम बंगाल की सरकार को तत्काल बर्खास्त करने की राष्ट्रपति से मांग की है। गोरखनाथ मंदिर में मंगलवार की शाम पत्रकारों से बातचीत  में योगी आदित्यनाथ ने चुनाव आयोग पर भी हमला बोला और कहा कि इन सभी घटनाओं पर चुनाव आयोग का चुप्पी साधना दुर्भाग्यपूर्ण है।  

बंगाल में बढ़ती अराजकता को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। टीएमसी के गुंडों द्वारा चुनावों के दौरान राज्य में इतनी हिंसा फैलाई गई है कि राज्य में चुनावों के ‘फ्री एंड फेयर’ आयोजन पर भी अब शक पैदा होता है। ममता सरकार की असहिष्णुता का ही यह नतीजा है कि अब बंगाल की जनता राज्य में सत्ता परिवर्तन की मांग कर रही है। राज्य में भाजपा के बढ़ता जनाधार से ममता बनर्जी में सत्ता खोने का डर घर है और उसी बौखलाहट में वो राज्य की कानून व्यवस्था को अपने हित के लिए इस्तेमाल कर रही हैं। वास्तव में राज्य के लोग अब ममता दीदी की हिटलरशाही से तंग आ चुके हैं और अब वे भाजपा को अपने उपयुक्त विकल्प के तौर पर देख रहे हैं जिसे ममता में डर का बढ़ना लाजमी है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतन्त्र है और यहां ममता की हिटलरशाही नहीं चलने वाली है। ऐसे हालातों में राज्य के वोटर्स के लिए ऐसी मानसिकता वाले नेताओं को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाना ही सबसे अच्छा विकल्प होगा।

Exit mobile version