शर्मनाक! पश्चिम बंगाल में जय श्रीराम का नारा लगाना भी अब अपराध! रामभक्तों पर गिर रही ममता की गाज

पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी

PC : Opindia

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का तुष्टिकरण की राजनीति का प्रदर्शन अपने चरम पर है। चुनाव के समय में अपनी हिन्दू-विरोधी मानसिकता के कारण वे इतनी बौखलाई हुई हैं कि उन्हें अब ‘जय श्री राम’ के नारे से भी आपत्ति होने लगी है। दरअसल, कल शनिवार को उनके काफिले के गुजरने के दौरान जब पास में खड़े कुछ लोगों ने जय श्री राम का नारा लगाया तो इससे ममता इतना नाराज़ हो गई कि उन्होंने तुरंत अपनी गाड़ी को रुकवाकर नारे लगाने वाले लोगों को धमकाने की कोशिश की। नारे लगाने वाले वे लोग इससे इतना घबरा गए कि उन्हें मौके से भागना पड़ा। अब यह खबरें आ रही है कि नारे लगाने वाले लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया है।

दरअसल, अपने चुनाव प्रचार के दौरान ममता बनर्जी जब आरामबाग सीट के चंद्रकोण क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करने के लिए जा रही थीं, तो उस दौरान उनका सामना जय श्री राम के नारों के साथ हुआ। उनकी गाड़ी जैसे ही शहर में घुसी, तो सड़क किनारे खड़े कुछ लोग भगवान श्रीराम के नारे लगाने लगे। इसके बाद ममता अपनी गाड़ी से उतरी और नारे लगाने वाले लोगों को यह कहकर धमकाया कि चुनावों के बाद भी उन्हें यहीं रहना है। हालांकि, जब इस मामले पर विवाद गहराने लगा तो ममता ने बड़ी ही चालाकी से यह सफाई दी कि कुछ भाजपा के कार्यकर्ता उनके साथ गाली-गलोच कर रहे थे, जिसके बाद उन्होंने उनको धमकाया। इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल भाजपा ने ट्वीट कर ममता पर यह आरोप लगाया है कि अब उन्हें जय श्री राम के नारे में भी गाली नज़र आती है।

दुर्भाग्य की बात तो यह है कि अपना हिन्दू-विरोधी एजेंडा साधने के लिए ममता सरकार राज्य के प्रशासन का भी जमकर दुरुपयोग कर रही है। जय श्री राम के नारे लगाने वाले तीन लोगो को बंगाल पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इससे पहले जब आरएसएस प्रचारक और मौजूदा राज्यसभा से सांसद राकेश सिन्हा ने अपनी मंदिर-दर्शन की कुछ तस्वीरों को ट्विटर पर शेयर किया था, तो इतने भर से ही ममता सरकार घबरा गई थी और राकेश सिन्हा के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज़ करा दी गई थी।

दरअसल, चुनाव के इस समय में ममता बनर्जी के हिन्दू विरोध सर चढ़कर बोल रहा है। वहीं वे एक समुदाय विशेष का तुष्टिकरण करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। हालांकि, इसमें किसी को कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए कि भाजपा इन चुनावों में टीएमसी को कड़ी टक्कर दे रही है। भाजपा इन चुनावों में पश्चिम बंगाल में अपने जनाधार को मजबूत करने में सफल हुई है। टीएमसी सरकार की मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति का ही यह नतीजा है कि राज्य के लोग अब ममता बनर्जी की विकृत मानसिकता से ऊब चुके हैं। टीएमसी सरकार की देश-विरोधी नीतियों का ही यह नतीजा है कि  आईएसआईएस पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में घुसने के मंसूबे बना रहा है। इन सब कारणों के कारण ही इन चुनावों में ममता को लगातार लोगों का विरोध झेलना पड़ रहा है। हालांकि, अपने विरोधियों के प्रति इतनी असहिष्णुता दिखाकर ममता सरकार ने फिर एक बार अपने लोकतन्त्र-विरोधी मानसिकता को जग-जाहिर किया है।

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