आतंकवाद के मोर्चे पर भारत को बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है या यूं कहें कि जिस तरह से भारत लगातार कोशिशें कर रहा था वो अब सफल हो गया है। संयुक्त राष्ट्र ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अंतराष्ट्रीय घोषीत कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने ये जानकारी दी है। बुधवार को संयुक्त राष्ट्र संघ की महत्वपूर्ण 1267 समिति की बैठक में ये फैसला लिया गया है। इस फैसले से पाकिस्तान को भी बड़ा झटका लगा है क्योंकि उसकी धरती से ही मसूद अजहर भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देता था। भारत को मिली ये कूटनीतिक जीत पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चेतावनी भी है।
Syed Akbaruddin, India's Ambassador to the UN: Big, small, all join together. Masood Azhar designated as a terrorist in UN Sanctions list. pic.twitter.com/lVjgPQ9det
— ANI (@ANI) May 1, 2019
संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने चीन की ‘तकनीकी बाधा’ हटाए जाने वाले सवाल के जवाब में कहा, हां, हो गया, प्रतिबंध समिति ने मसूद पर प्रतिबंध लगाने का फैसला सर्वसम्मति से लिया। चीन ने मंगलवार को ही अपने रुख में बदलाव के संकेत दे दिए थे। मसूद पर प्रतिबंध लगाने का फैसला सर्वसम्मति से लिया।
Big,small, all join together.
Masood Azhar designated as a terrorist in @UN Sanctions list
Grateful to all for their support. 🙏🏽#Zerotolerance4Terrorism
— Syed Akbaruddin (@AkbaruddinIndia) May 1, 2019
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘इस फैसले में सभी छोटे और बड़े देश एक साथ आए। मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में शामिल कर लिया गया है। सभी देशों को समर्थन के लिए धन्यवाद।‘
चीन के रुख में बदलाव के कारण ही मसूद वैश्विक स्तर पर ब्लैक लिस्टेड हुआ है। इससे पहले अपने वीटो का इस्तेमाल कर चीन ने चार बार मसूद को बचाया है था लेकिन इस बार अमेरिका, यूके और फ्रांस जैसे देशों ने भी चीन पर दबाव बनाया और भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया। यही वजह है कि जैसे ही चीन ने टेक्निकल होल्ड हटाया संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मसूद अजहर वैश्विक स्तर आतंकी घोषित कर दिया। अब अगर पाकिस्तान सरकार भारत में आतंकी हमले करवाने वाले आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगा तो जल्द ही पाक के खिलाफ एफएटीएफ (फाइनेंसिएल एक्शन टास्क फोर्स) का फंदा भी तैयार हो सकता है।
वहीं, इस मामले पर देश के जाने माने रणनीतिकार ब्रह्मा चेलानी ने कहा, ”यह बात फिर सभी के सामने साफ हो गई है कि पाकिस्तान ही अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मक्का है। संयुक्त राष्ट्र की तरफ से घोषित 22 आतंकी संगठन पाकिस्तान में है जबकि जितने लोगों को यूएन की विशेष समिति ने आतंकी घोषित किया है उनमें से आधे पाकिस्तानी है। दुनिया कर्ज में डूबे पाकिस्तान को आतंकवादियों के खिलाफ कदम उठाने के लिए मजबूर कर सकता है। अब पाकिस्तान को दिखाना होगा कि वह इन आतंकियों के खिलाफ निर्णायक व ठोस कदम उठाएगा।”
बता दें कि जैश ए मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन चूका था और ये भारत में कई बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड भी है। 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले के पीछे भी जैश का ही हाथ था जिसमें देश के 40 जवान शहीद हो गए थे। यही नहीं 2001 देश के संसद पर जो हमला हुआ हा और 2006 में पठानकोट में हुए जो आतंकी हमला हुआ था उसका मास्टरमाइंड भी मसूद अजहर ही था। भारत सरकार बार बार इस जैश के सरगना मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकी घोषित करने के मामले को उठाता रहा है लेकिन चीन ने एक बार नहीं बल्कि कई बार भारत के प्रयासों पर अड़ंगा लगाने का काम किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद साल 2009, 2016 और 2017 में भी जब भारत ने मसूद अजहर के मुद्दे को उठाया और उसे ब्लैक लिस्टेड करने के लिए प्रयास किये तब चीन ने अपने वीटो का इस्तेमाल कर भारत के प्रयासों पर पानी फेरने का काम किया था। हालांकि, अब चारों तरफ से दबाव के कारण चीन को मजबूरन अपने रुख में परिवर्तन करना पड़ा है।
इसे पाकिस्तान को ये स्नाकेट जरुर मिल गया है कि आतंक को पनाह देने वालों के खिलाफ सभी देश एकसाथ खड़े हैं और अगर वो फिर भी अपने रुख में बदलाव नहीं करता तो वो अलग-थलग पड़ सकता है और चीन भी उसकी मदद नहीं कर पायेगा।