लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं और एनडीए ने 353 सीटों के साथ एक बार फिर केंद्र सरकार के लिए अपना दावा पेश किया है। बीजेपी ने स्वयं 2014 के अपने 282 सीटों की संख्या से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 303 सीटों पर विजय प्राप्त की। शुक्रवार को नरेंद्र मोदी ने माननीय राष्ट्रपति से मुलाक़ात की, जहां उन्होंने अपने मंत्रिमंडल के समक्ष अपना इस्तीफा सौंपा। राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री को नई सरकार के गठन तक पद पर बने रहने के लिए आग्रह किया।
इसी के साथ जब बीजेपी आज राजधानी में सरकार बनाने के उद्देश्य से बैठक करेगी, तो सबकी नज़रें इस बात पर होगी की इस बार गृह मंत्रालय का पद किसे मिलेगा। सभी मंत्रालय में सबसे महत्वपूर्ण समझे जाने वाले गृह मंत्रालय पर सबकी नज़रें टिकी हुई गयी है। माना जा रहा है की कई वर्तमान मंत्री अपने पदों पर बने रहेंगे। पर इसका अर्थ यह नहीं की कैबिनेट में कोई व्यापक बदलाव नहीं होगा। इनके अनुभव को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित उम्मीदवारों में से किसी एक को गृह मंत्रालय मिलने के पूरे पूरे आसार है।
राजनाथ सिंह
वर्तमान गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ लोकसभा क्षेत्र में पिछली बार से ज़्यादा मतों से विजय प्राप्त की है। राजनाथ सिंह के अंतर्गत गृह मंत्रालय ने काफी प्रगति की है। चाहे वो केन्द्रीय सुरक्षा बालों द्वारा निःसंकोच किए गए आतंक विरोधी अभियान हो, या नक्सल विरोधी ऑपरेशन, राजनाथ सिंह के अंतर्गत गृह मंत्रालय ने हर मुसीबत का डटकर सामना किया है। सुरक्षा के लिहाज से डिजिटल इनफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा उठाये कदमों की सराहना भी की जाती। इनके ट्रैक रिकॉर्ड और अनुभव को दिखते हुए राजनाथ सिंह गृह मंत्री के पद पर बने रह सकते हैं, जब तक पूरे मंत्रिमंडल का काया कल्प न हो जाये।
अमित शाह
वर्तमान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का नाम भी गृह मंत्रालय के प्रबल उम्मीदवार होने के नाते चर्चा में है। अमित शाह के बतौर भाजपा अध्यक्ष दो कार्यकाल पूरे हो चुके हैं, और पार्टी के नियमों के अनुसार वे इससे ज़्यादा समय तक अध्यक्ष पद पर नहीं बने रह सकते। नरेंद्र मोदी के खास माने जाने वाले अमित शाह जब 2002 में पहली बार चुनाव जीतकर सत्ता में आए, तब वे तत्कालीन गुजरात सरकार के सबसे युवा मंत्रियों में से एक थे। एक समय पर 12 पोर्टफोलियो, जिनमें गृह, विधि और न्याय, जेल / कारागार, सीमा सुरक्षा इत्यादि शामिल हैं, संभालने वाले अमित शाह अपने इसी अनुभव के दम पर गृह मंत्रालय के लिए दावा पेश कर सकते हैं।
किरेन रिजिजू
वर्तमान में गृह राज्य मंत्री का पद संभालने वाले किरेन रिजिजू एक युवा, जुझारू नेता, जो अपने कुशल वक्तव्य के लिए जाने जाते हैं। इस बार के आम चुनावों में किरेन रिजिजू ने पश्चिमी अरुणाचल लोकसभा क्षेत्र में 63 प्रतिशत के भारी मत अंतर से निर्वाचित हुए हैं, जो पूरे देश में तीसरा सबसे ज़्यादा विजयी मत प्रतिशत है। 2004-09 के बीच किरेन रिजिजू को इनके समकालीनों द्वारा टॉप 5 विपक्षी सांसदों में शामिल किया गया था, जहां उन्हे एल के आडवाणी जैसे अनुभवी सांसदों के समकक्ष रखा गया था। इन्हें तो कई राष्ट्रीय न्यूज़ संस्थाएं और मैगज़ीनों ने सर्वश्रेष्ठ युवा सांसद के खिताब से भी नवाजा जा चुका है। चूंकि नरेंद्र मोदी को कई प्रबल क्षेत्रीय नेताओं को अपने मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए जाना जाता है, इसलिए किरेन रिजिजू भी गृह मंत्री के प्रबल दावेदारों में से एक गिने जाते हैं।
प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता वापसी करने के साथ ही नयी सरकार को नित नयी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। कई युवा चेहरे अब नए केंद्र सरकार का हिस्सा बनने जा रहे हैं, जो ओल्ड गार्ड की जगह लेंगे। इन फैसलों पर अंतिम राय चूंकि हमारे प्रधानमंत्री की होगी, ऐसे में किसे कौनसा पद मिलेगा इसपर अभी कुछ कहना सही नहीं होगा। पर परिणाम चाहे जो भी हो, वो भारत की छवि को और संबल प्रदान करेगा।