पीएम मोदी ने अब कांग्रेस पार्टी की गालियों को ही बना लिया है कवच

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता ने विपक्ष को मजबूर किया कुछ ऐसे फैसले लेने के लिए जिसकी उम्मीद शायद किसी ने कभी की नहीं होगी। इस दौरान अपने बीच की दुश्मनी को दरकिनार कर सपा-बसपा की दोस्ती से लेकर लिबरल गैंग के नए हीरो बने राज ठाकरे तक ऐसे कई घटनाक्रम हमें देखने को मिले। आम जनता के बीच अपनी पकड़ को मजबूत करने और बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी पार्टियों की हताशा देखने को मिली और विपक्ष के प्रयास आज भी जारी है। हालांकि, एक सच ये भी है कि ऐसा करके विपक्ष ने अपने लिए ही गड्ढा खोदने का काम किया है। पीएम मोदी अब साल 2014 के लोकसभा चुनावों की तरह ही इन चुनावों में भी विपक्ष की इन गालियों का इस्तेमाल विपक्ष के खिलाफ ही कर रहे हैं, या यूँ कहें कि पीएम मोदी ने कांग्रेस पार्टी की गालियों को ही अपना कवच बना लिया है।

बुधवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा भी, “मैं कांग्रेस और उसके साथियों को मनमानी नहीं करने देता हूं, उनके भ्रष्टाचार को रोकता हूं, उनके वंशवाद की बात करता हूं, इसलिए ये लोग बार-बार प्रेम का नकाब पहनकर मुझे गालियां देते रहते हैं।“ उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस के एक नेता ने मुझे गंदी नाली का कीड़ा कहा, तो दूसरा मुझे गंगू तेली कहने आ गया। इनके एक नेता ने मुझे पागल कुत्ता कहा, तो दूसरे नेता ने भस्मासुर की उपाधि दे दी इनके एक और मंत्री ने मुझे वायरस कहा तो दूसरे ने दाऊद इब्राहिम का दर्जा दे दिया। “ स्पष्ट रूप से ये पार्टियां खासकर कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले करने का एक मौका नहीं छोड़ती हैं और इसके लिए वो ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने से भी नहीं झिझके जो एक देश के प्रधानमंत्री के लिए करना बेहद शर्मनाक है। माना कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां विपक्ष को वर्तमान सरकार की आलोचना करने का पूरा अवसर मिलता है लेकिन आलोचना करना और किसी को नीचा दिखाने की कोशिश करना दोनों में काफी अंतर होता है और ये अंतर इन पांच सालों में सभी ने देखा।  ऐसे में पीएम मोदी अब कांग्रेस और अन्य पार्टियों की निम्न स्तर की राजनीति को आम जनता के सामने रखने का ही काम कर रहे हैं।

अगर हम भारत के इतिहास के पन्नों को पलटे तो निशचित रूप से हम पाएंगे कि प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना जिस तरह से की गयी है वो कहीं से भी सही नहीं है बल्कि बेहद निंदनीय है। पागल कुत्ता’, ‘नाली कीड़ा’, से लेकर ‘गंगू तेली’ जैसे न जाने कितने ही शब्द कहे गये। एक ट्विटर यूजर ने पिछले पांच सालों में उन्हें दी गयी गालियों की सूची को शेयर किया है। ये शब्द न सिर्फ पीएम मोदी पर व्यक्तिगत हमला नहीं बल्कि देश के प्रधानमंत्री पद का भी बड़ा अपमान है।

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इस सूची में न केवल कांग्रेस के अनुभवी नेताओं के नाम शामिल हैं बल्कि कुछ ऐसे नेता भी हैं जिनका भारतीय राजनीति में कुछ ख़ास महत्व नहीं रहा है। पीएम मोदी के लिए गन्दी नाली का कीड़ा, गंगू तेली, पागल कुत्ता, भस्मासुर, दुर्योधन, लतखोर जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया जो बेहद शर्मनाक हैं। वास्तव में विपक्ष ने मर्यादा की सारी हदें लांघ दी और ऐसा करके उन्हें आम जनता से भी लताड़ ही मिली है।

सबसे ज्यादा ओछे शब्द अगर किसी ने इस्तेमाल किये हैं तो वो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणि शंकर अय्यर हैं। इन्होंने अपने एक इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी की न सिर्फ जाति पर टिप्पणी की बल्कि उन्हें ‘नीच आदमी’ तक कहा था। मणिशंकर अय्यर के इस बयान की चौतरफा निंदा की गयी थी। यही नहीं कांग्रेस के भीतर भी इस टिप्पणी की निंदा हुई थी। ANI को दिए इंटरव्यू में पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा था, “ये आदमी बहुत ‘नीच’ किस्म का आदमी है, इसमें कोई सभ्यता नहीं है और ऐसे मौके पर इस किस्म की गंदी राजनीति की क्या आवश्यकता है

इस मामले पर विवाद बढ़ने पर अय्यर ने सफाई भी दी थी लेकिन इस बयान से कांग्रेस की छवि को काफी नुकसान पहुंच चुका था। जिस वजह से राहुल गांधी को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा था। चौतरफा निंदा के बाद मणिशंकर अय्यर को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, बाद में इस निलंबन को वापस भी ले लिया गया था। यही नहीं प्रियंका गांधी वाड्रा भी इस तरह की अभद्र टिप्पणी करने में पीछे नहीं थीं। साल 2014 में प्रियंका गांधी ने मोदी की राजनीति को ‘नीच’ बताया था। उस वक्त ये मामला नीच जाति तक पहुंच गया था। उस समय पीएम मोदी ने इन शब्दों को हथियार बनाकर कांग्रेस के खिलाफ ही इस्तेमाल किया था और पार्टी को चुनावों में इसका रंग भी देखने को मिला था।

अब प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने ताजा हमले में कहा है, ‘इनसे बड़ा कायर और कमजोर PM कभी नहीं देखा।’ हालांकि, कांग्रेस का दोहरा रुख तब देखने को मिला जब पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के शासनकाल को ‘भ्रष्टाचारी नंबर 1’ कहा था। इस बयान के तुरंत बाद कांग्रेस पार्टी सक्रिय हो गयी और इस तरह की टिप्पणी पर बड़े बड़े बयान देने लगी और इसे एक दिवंगत प्रधानमंत्री के लिए शर्मनाक बयान करार दिया। जबकि हकीकत ये है कि पीएम मोदी ने तो सिर्फ कांग्रेस के शासनकाल में हुए घोटालों पर वार किया था।  

इसके अलावा विपक्षी पार्टियों के शीर्ष नेता भी पीएम मोदी की आलोचना करते हुए ऐसे कई ओछे शब्दों का इस्तेमाल कर चुके हैं जो प्रधानमंत्री पद की गरिमा का अपमान करता हैं। पीएम मोदी के खिलाफ इस घृणा से भरी आलोचनाओं को मीडिया का भी खूब समर्थन मिला। ये मीडिया वर्ग निष्पक्षता के नाम पर इस तरह की खबरों का समर्थन करता रहा है जो सिर्फ अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के मकसद से ही था। इसके बावजूद इन पार्टियों को अपने शब्दों से कोई फायदा नहीं हुआ है। ऐसे में जिस तरह से पीएम मोदी अपने ऊपर पढ़ रही गालियों को भुना रहे हैं और प्रेस कांफ्रेंस के अलावा ट्विटर का इस्तेमाल कर रहे हैं वो विपक्षी दलों के लिए शुभ संकेत नहीं है। साफ है कि भविष्य में ये गालियां कांग्रेस के गले की हड्डी बन भाजपा को मजबूत कर रही है और चुनावों पर इसका क्या असर पड़ता है देखना दिलचस्प होगा ।

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