पीएम के बयान से बौखलाई कांग्रेस भागी-भागी गई थी चुनाव आयोग के पास, मुंह की खाकर लौटना पड़ा

पीएम मोदी चुनाव आयोग

PC : Zee News

चुनावों के समय में बेवजह के मुद्दों को ढाल बनाकर अपने सियासी दांव चलने वाली कांग्रेस को एक बार फिर से मुंह की खानी पड़ी है। दरअसल, चुनाव आयोग ने वर्धा में दिये एक बयान को लेकर पीएम मोदी को क्लीन चिट दे दी है। इस बयान में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर ‘हिन्दू आतंकवाद’ शब्द का उपयोग करने सहित कई मुद्दों पर कांग्रेस को जमकर घेरा था। जिसके जवाब में कांग्रेस ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था और पीएम मोदी पर अंचार साहिता के उल्लंघन को लेकर कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। लेकिन, अब चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में कोई नियम नहीं तोड़ा है।

आपको बता दें कि, चुनाव आयोग को पीएम मोदी के खिलाफ महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की एक विस्तृत रिपोर्ट मिली थी। इस मामले में महाराष्ट्र चुनाव आयोग और महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव अधिकारी को मिली शिकायतों को चुनाव आयोग के प्रावधानों के मुताबिक जांचा गया, जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया कि पीएम मोदी का वह बयान बिल्कुल भी आपत्तिजनक नहीं था। गौरतलब है कि पिछले महीने 1 अप्रैल को पीएम मोदी ने वर्धा में एक रैली की थी जिसमें उन्होंने कहा था ‘कांग्रेस के नेता कान खोलकर सुन लें – हिन्दू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता। हिन्दू आतंकवाद का झूठ फैलाने का पाप कांग्रेस ने किया है और अब इतना डर लगने लगा है कि सीट बदलनी पड़ी है….यह डर अच्छा है। कांग्रेस की पराजय पक्की है।

आपको बता दें कि, चुनावों के समय में भोलेपन का चोला ओढ़ने वाली कांग्रेस के नेता खुद ‘हिन्दू आतंकवाद’ शब्द की उत्पत्ति कर चुके हैं। वर्ष 2013 में केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भाजपा और आरएसएस पर तथाकथित हिन्दू-आतंकवाद को फ़ैलाने का आरोप लगाया था, जिसके बाद इस बयान पर उनको माफ़ी भी मांगनी पड़ी थी। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि जब इस बयान को लेकर पीएम मोदी कांग्रेस पर हमलावर होते हैं, तो बौखलाए कांग्रेसियों को संभालना बड़ा मुश्किल हो जाता है, और यही हमें इस बार भी देखने को मिला।

हालांकि, पीएम मोदी को क्लीन चिट दिये जाने के फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी ने अब चुनाव आयोग को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने ट्वीट करते हुए लिखा ‘पीएम मोदी को क्लीन चिट दिये जाना इस बात का सबूत है कि निष्पक्ष चुनाव आयोजित करवाने की बजाय चुनाव आयोग भाजपा के 12वें खिलाड़ी के तौर पर काम कर रहा है’।

हैरानी की बात तो यह है कि जब यही चुनाव आयोग भाजपा के नमो टीवी और पीएम मोदी की बायोपिक पर बैन लगाने का फैसला लेता है तो किसी के मुंह से कोई शब्द नहीं निकलता। कांग्रेस देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है और कांग्रेस से सभी को एक सभ्य और तर्कसंगत बयान की आशा रहती है, लेकिन दुर्भाग्य से पिछले कुछ वर्षों में देश में गिरते राजनीतिक स्तर में कांग्रेस पार्टी की ही सबसे बड़ी भूमिका रही है। आज जब कांग्रेस को चुनाव आयोग से फटकार मिली है, ऐसे में कांग्रेस ने अपने आप को पीड़ित दिखाने का एक नया ढोंग रचना शुरू कर दिया है, ताकि उसे जनता की सहानुभूति प्राप्त हो सके।

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