इन लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की मुसीबतें थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं। अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा चुनावी रैली के दौरान बच्चों से नारे लगवाने के मामले में फंस गयी है। दरअसल, प्रियंका गांधी अपने भाई राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में चुनाव प्रचार करने पहुंची थी जहां उनके सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कुछ बच्चों द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। जिसके बाद राष्ट्रीय बाल अधिकारी संरक्षण आयोग ने चुनाव आयोग से प्रियंका गांधी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
गौरतलब है कि प्रियंका गांधी अमेठी के तिलोई विधानसभा क्षेत्र में कई जगहों पर नुक्कड़ सभाएं कर रही थीं। इसी दौरान क्षेत्र के कई बच्चे प्रियंका के सामने आए, जिन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ नारेबाजी की और उनके विरोध में ‘चौकीदार चोर है’ के नारे लगाए। इस वीडियो में बच्चों ने आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग भी किया। बाल आयोग ने चुनाव आयोग को शिकायत करते हुए कहा कि चुनाव प्रचार के लिए बच्चों का इस्तेमाल करना सही नही है।
पीएम मोदी के खिलाफ नारेबाजी की वीडियो को केंद्रीय मंत्री और अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी ने शेयर किया है। स्मृति ने कहा कि, लोगों को अपने बच्चों को प्रियंका गांधी व कांग्रेस से दूर रखना चाहिए। स्मृति ने आगे कहा कि ‘जरा सोचिए एक प्रधानमंत्री को क्या- क्या सहना पड़ता है। प्रियंका गांधी बच्चों से अपशब्द बोलने को कह रही हैं। आप बच्चों का इस्तेमाल राजनीतिक प्रचार के लिए कर रही हैं, इससे बच्चे क्या सीखेंगें? ‘स्मृति ने आगे कहा कि ये उनका असली चेहरा है वह एक प्रधानमंत्री का अनादर कर रही हैं। मैं सभी सभ्य परिवारों से कहूँगी के वो अपने बच्चों को प्रियंका गांधी से दूर रखें।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रियंका गांधी के साथ बच्चों के इस वीडियो पर संज्ञान लिया है, और चुनाव आयोग से प्रचार में बच्चों के इस्तेमाल के मामले में कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने चुनाव आयोग में शिकायत करते हुए कहा है कि “बॉम्बे हाईकोर्ट ने 4 अगस्त 2014 के अपने आदेश में चुनाव आयोग को कहा था कि बच्चों को चुनाव प्रचार में शामिल न किया जाए।‘ हाईकोर्ट ने भी इस बात पर चुनाव आयोग को सभी राजनीतिक पार्टियों को निर्देश जारी करने का आदेश दिया था। इसके बाद चुनाव आयोग ने 21 फरवरी 2017 को सभी राजनीतिक पार्टियों को निर्देश दिया था कि चुनाव प्रचार में बच्चों को शामिल नहीं किया जाना चाहिए।‘
कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं को इतना ज़रूर ध्यान रखना चाहिए कि चुनावी प्रचार भी एक सीमा में रहकर किया जाना चाहिए। राहुल गांधी के बाद अब प्रियंका गांधी दोनों ही एक के बाद ऐसी गलतियाँ कर रहे हैं जो लोकसभा चुनावों के नतीजों को प्रभावित कर सकते है। जो लगातार कांग्रेस पार्टी के लिए मुसिबत बनती जा रही हैं। साथ ही अब ये भी देखना है कि चुनाव आयोग इस मामले पर क्या फैसला लेता है।