आज शाम को एक बार फिर नरेंद्र दामोदरदास मोदी भारत के 16वें प्रधानमंत्री की तौर पर शपथ लेंगे। ऐसा करने वाले वो पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी है। पिछली बार की तरह इस बार का शपथ ग्रहण समारोह भी अपने आप में एक खास आयोजन होगा, जहां 7000 से भी ज़्यादा अतिथि इस समारोह को देखने के लिए राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में जमा होंगे।
जहां एक तरफ कई दुनिया के कई दिग्गज राजनेता एवं देश के नेता, अभिनेता इत्यादि इस समारोह का हिस्सा बनेंगे। वहीं भाजपा ने पार्टी के कार्यकर्ताओं के प्रति अपनी कर्तव्य निष्ठा का परिचय दिया।
अब भारतीय जनता पार्टी ने एक और ऐतिहासिक फैसला लेकर सभी को हैरान कर दिया, जब उन्होंने पुलवामा हमले में मारे गए कई शहीद सिपाहियों के परिवारजनों को प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा।
गौरतलब है कि अभी फरवरी में पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में 40 सीआरपीएफ़ जवान शहीद हो गए थे, जिसके पश्चात पूरे देश में आक्रोश का माहौल बन गया। हमले के 12 दिन बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित जैश ए मुहम्मद एवं अन्य आतंकी संगठनों के विभिन्न आतंकी ठिकानों पर हवाई हमलों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
Family members of Sudip Biswas, one of the CRPF personnel who lost his life in Pulwama terror attack (February 14) arrive in Delhi to attend PM Modi's swearing-in ceremony. His mother says,"We have been invited to attend the event. Despite being in sorrow we have come here." pic.twitter.com/t8mx1N3QYn
— ANI (@ANI) May 30, 2019
पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों में से एक सीआरपीएफ़ कांस्टेबल सुदीप बिस्वास की मां आज सुबह दिल्ली पहुंच चुकी है। इनके पिता भी इस समारोह में शामिल होना चाहते थे, पर सूत्रों के अनुसार वह स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण इस समारोह का हिस्सा नहीं बन पाएंगे।
हालांकि, कुछ सूत्रों के अनुसार, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के शहीदों के परिवारों तक को अभी यह निमंत्रण नहीं मिला है। लेकिन उन्होंने भी इस कदम का स्वागत किया है। शहीद जवान तिलक राज के पिता के अनुसार, ‘यहाँ कोई भी पुरुष सदस्य अभी नहीं है, क्योंकि मेरा एक बेटा शहीद हो चुका है, और दूसरा पंजाब में काम करता है। पर अगर हमें निमंत्रण भेजा जाता है, तो हम निस्संदेह हिस्सा लेंगे।‘
भाजपा के एक विश्वसनीय सूत्र के अनुसार, यह निर्णय वर्तमान सरकार द्वारा सही दिशा में लिया गया एक अहम कदम है। उन्होंने इस विषय पर यह कहा, ‘जिन लोगों ने देश की सेवा करते हुए अपने प्राण त्याग दिये, उन शहीदों और उनके परिवारजनों को प्रधानमंत्री की तरफ से यह सम्मान दिया जाना बहुत ही सरहनीय कदम है, जिससे यह संदेश भी जाएगा कि इस सरकार को उनके बलिदान का पूरा पूरा आभास है। यह कदम ममता बनर्जी के समारोह का राजनीतिकरण करने के बेतुके आरोप का भी उचित जवाब है।
जहां एक तरफ अपने दिवंगत पार्टी कार्यकर्ताओं के परिजनों को निमंत्रण देकर भाजपा ने पार्टी के कार्यकर्ताओं के प्रति अपनी कर्तव्य निष्ठा को सुदृढ़ रखा है, तो वहीं पुलवामा हमले के शहीदों के परिजनों को निमंत्रण देकर केन्द्रीय सरकार ने यह सिद्ध कर दिया कि उनके लिए देश के सैनिकों का बलिदान कभी भी व्यर्थ नहीं होगा, और उन्हें समय समय पर सम्मानित किया जायेगा।