क्या राहुल गांधी ने सिर्फ एक फोटो के लिए आज तक के साथ इंटरव्यू किया कैंसिल ?

इंटरव्यू राहुल गांधी

(PC: India Today)

लोकसभा चुनावों के बीच जहां सभी पार्टियां अपने अपने वोट बैंको को भुनाने में लगी है । वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कभी उन्हें विदेशी होने का दंड मिलता है कभी अच्छा राजनेता ना होने के ताने, लेकिन फिर भी राहुल गांधी जी देश का प्रधानमंत्री बनने के सपने देखते हैं।

जिसके लिए राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नक्शेकदम पर चलने की कोशिश भी जी तोड़ करते है लेकिन अफसोस इतनी मेहनत के बाद भी उनके हाथ कुछ नहीं लगता। यही नहीं वो पीएम मोदी की तरह भाषण देने की कोशिश करते हैं, टीवी चैनल्स पर इंटरव्यू देने की कोशिश करते हैं लेकिन ऐसा लगता है साल 2014 में अर्नब गोस्वामी को दिए इंटरव्यू के बाद हुई फजीहत से वो अभी तक उबर नहीं पाए हैं। तभी तो इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में जब फिर से सवालों के जवाब उलटे-सीधे देने लगे तो बाद में कांग्रेस द्वारा इस इंटरव्यू को ऑन एयर करवाने से ही रोक दिया गया। एक तरफ तो राहुल गांधी पीएम मोदी पर वाराणसी में एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस न करने के आरोप मढ़ते हैं जबकि हकीकत ये है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैक-टू-बैक कई इंटरव्यू दिए हैं। राजनीतिक भी और गैर राजनीतिक भी। News18 के एडिटर-इन-चीफ़ राहुल जोशी को दिया एक्सक्लूसिव इंटरव्यू हो या एबीपी न्यूज़ को दिया हो या ANI हो या अभिनेता अक्षय कुमार को दिया इंटरव्यू हो। ऐसे कई इंटरव्यू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया है। वहीं, कांग्रेस जो पीएम मोदी पर निशाना साधती है उसी पार्टी के अध्यक्ष इंटरव्यू से बचते नजर आते हैं। इसका उदाहरण हम पहले भी देख चुके हैं और अब तो सोशल मीडिया की खबरों की मानें तो इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू के बाद राहुल गांधी इतने हताश हो गये कि आज तक के साथ पहले से ही तय एक और इंटरव्यू को ही कैंसिल कर दिया।

https://twitter.com/indiantweeter/status/1124985499314077696

 

दरअसल, सोशल मीडिया से सामने आ रही खबरों की मानें तो, इंडिया टुडे के साथ इंटरव्यू के बाद आज तक की एंकर अंजना ओम कश्यप सहित आज तक की पूरी टीम जयपुर में राहुल गांधी का इंटरव्यू लेने पहुंची थी लेकिन बाद में इस इंटरव्यू को कैंसल कर दिया गया। वजह बताई गयी कि इंडिया टुडे द्वारा जो ‘प्रोमो पिक्चर’ इंटरव्यू के लिए इस्तेमाल की गयी थी वो राहुल गांधी को पसंद नहीं आई। अब इतनी सी बात पर आज तक के साथ इंटरव्यू ही कैंसल कर देना काफी बचकाना लगता है। वो पिक्चर ये थी: 

हालांकि, ये तो सिर्फ एक बहाना था इंटरव्यू को कैंसिल करने का। वास्तव में वजह तो इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू से ही जुडी है। दरअसल, चुनावी अभियान में जी जान से जुटे राहुल गांधी दिल्ली से आगरा जा रहे फाल्कन विमान पर बैठे और उनके साथ इंडिया टुडे के संपादकीय निदेशक राज चेंगप्पा और सहयोगी संपादक कौशिक डेका भी थे। इस दौरान कौशिक डेका ने राहुल गांधी का इंटरव्यू लिया और कुछ सवाल पूछे थे लेकिन राहुल गांधी के जवाब सवालों से मेल नहीं खा रहे थे।

इंटरव्यू को टेलीविजन ऑन एयर किया जाना था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शायद इसके पीछे का कारण राहुल गांधी के जवाब थे जो कुछ वैसे ही थे जैसा कि साल 2014 के अर्नब-राहुल संवाद में जवाब थे। बता दें कि साल 2014 में राहुल गांधी का जो इंटरव्यू अर्नब गोस्वामी ने लिया था वो भारतीय पत्रकारिता के उन साक्षात्कारों मे से एक था जिसमें एक आदमी की बेवकूफी, उसकी तर्कहीनता और सबसे बढ़कर उसके मानसिक दायरे का छोटापन सबके सामने उभर कर आया था। ऐसे में चुनावी समय में अगर इंडिया टुडे के साथ का इंटरव्यू सामने आ जाता तो कांग्रेस पार्टी को एक बार फिर से शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ता। इसलिए पार्टी के कहे अनुसार इंडिया टुडे ने इसे प्रिंट के लिए दिया गया इंटरव्यू बताया जबकि सोशल मीडिया पर जब इससे जुडी तस्वीर वायरल हुई तो राहुल गांधी के इंटरव्यू का सच भी सामने आ गया।

हालांकि, इस इंटरव्यू के बाद अपने तय कार्यक्रम के अनुसार आज तक की टीम के साथ राहुल गांधी का जयपुर में इंटरव्यू था लेकिन वो अपने पहले इंटरव्यू से इतने हताश हो गये। ऐसा लगता है कि राहुल को डर था कि कहीं ये भी अरनब-राहुल संवाद का पार्ट 2 न हो जाए। पिछले पांच सालों जैसे तैसे मीडिया के एक तबके ने राहुल गांधी को एक परिपक्व नेता के तौर पर पेश किया है ऐसे में इस इंटरव्यू से फजीहत न हो जाये उन्होंने इंटरव्यू ही कैंसिल करवा दिया।

हालांकि, अक्सर राहुल को भी कई इंटरव्यू या प्रेस कान्फ्रेंस करते देखा जाता है लेकिन वहां भी वो चारों तरफ से कांग्रेस के कुछ चापलूस वरिष्ठ आधिकारियों से घिरे ही रहते है। ऐसा लगता है कि साल 2014 में पत्रकार अर्नब गोस्वामी को दिए इंटरव्यू के बाद से राहुल गांधी अपने ऊपर वो विश्वास कायम नहीं कर पाये है जो एक नेता के अंदर होना चाहिए।

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