इन लोकसभा चुनावों ने देश की तथाकथित लिबरल मीडिया के एजेंडे को पूरी तरह एक्सपोज़ कर दिया है। देश की जनता ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल करके बखूबी ऐसे एजेंडावादी लोगों को जवाब दिया है। हालांकि, राजदीप सरदेसाई जैसे ‘क्रांतिकारी’ पत्रकारों की दोहरी पत्रकारिता अब भी जारी है। इसका उदाहरण चुनावों से पहले राजदीप सरदेसाई ने पीएम मोदी के खिलाफ जमकर एजेंडा फैलाया था, लेकिन चुनावी नतीजों में उनके एजेंडे की करारी शिकस्त के बाद अब वे अपनी ही कही बातों पर यू-टर्न लेते दिखाई दे रहे हैं। सरदेसाई ने अपने एक इंटरव्यू में बड़ी ही बेशर्मी से उन बातों की आलोचना की, जो वे चुनावों से पहले तक खुद कहते आ रहे थे।
दरअसल, अपने इंटरव्यू में सरदेसाई ने उन पत्रकारों पर हमला बोलने का ढोंग किया जिन्होंने चुनावों में पीएम मोदी को कमजोर दिखाने के लिए जानबूझकर मोदी विरोधी लोगों को लाइमलाइट में रखा था। सरदेसाई ने कहा ‘मुझे सवाल कुछ लोगों पर उठाना पड़ेगा जो पहले से कह रहे थे कि मोदी हार रहा है। ये कई लोगों ने आखिर तक कहा कि बड़े कांटे की टक्कर है, हो सकता है कि मोदी हार जाए। प्लान ‘बी’ गडकरी हो सकता है। ये जो पत्रकारिता है, इसपर सवाल उठाना पड़ेगा’।
https://twitter.com/moronhumor/status/1133570701884043269
हालांकि, अपनी इन बातों को कहने से पहले वे अपने कुछ पुराने ट्वीट्स भूल गए जो चुनावों से पहले अपने एजेंडे के तहत उन्होंने पोस्ट किए थे। इसी वर्ष 26 मार्च को खुद राजदीप सरदेसाई ने गडकरी को भाजपा का ‘प्लान बी बताया था’। उन्होंने लिखा था ‘अगर भाजपा को इन चुनावों में 220 सीटों से कम सीट मिलती हैं, तो क्या नितिन गडकरी भाजपा के लिए प्लान बी साबित होंगे?’
Is @nitin_gadkari ''plan B' of the BJP if the party ends up with less than 220 seats? Listen in to what the neta has to tell me.. https://t.co/uPHkJmJg01
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) March 26, 2019
लेकिन राजदीप का ढोंग यहीं नहीं रुका, इंटरव्यू में उन्होंने आगे कहा ‘आप जानबूझकर ऐसे लोगों के पास गए जो मोदी के खिलाफ थे, ऐसी पत्रकारिता पर मैं सवाल उठा सकता हूं। आप पीएम मोदी पर सवाल उठा सकते हैं, मैंने भी उनके चुनाव प्रचार को लेकर कई सवाल उठाए थे, लेकिन मानना पड़ेगा कि आखिर में जनता जनार्दन ही है और मुझे पहले दो चरणों के बाद ही लगा था कि मोदी ही आने वाले हैं’।
सरदेसाई वामपंथी गुट के ऐसे पत्रकार हैं जो अपने एजेंडे को साधने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। चुनावों से पहले उनका यह रूप खुलकर सामने भी आया! इसी वर्ष 5 जनवरी को पीएम मोदी की छवि को कमजोर करने के लिए उन्होंने महाराष्ट्र से भारत के एक नए प्रधानमंत्री बनाए जाने की बात भी कही थी। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा था ‘महाराष्ट्र से भारत के पहले प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव थे, जिनको रामटेक लोकसभा सीट से दो बार चुना गया था। अब हम एक महाराष्ट्र के नेता को प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं’। इस ट्वीट में उन्होंने नितिन गडकरी और देवेन्द्र फडणवीस को भी टैग किया था।
The first PM from Maharashtra is PV Narasimha Rao, elected twice from Ramtek; (note: Morarji Desai was CM of erstwhile Bombay state and Rajiv Gandhi was born in Bombay (now Mumbai).. now, we await a true blooded Maharashtrian as PM !! @nitin_gadkari @Dev_Fadnavis @PawarSpeaks
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) January 5, 2019
यह बड़ा हास्यास्पद है कि चुनावी नतीजे आने के बाद कैसे राजदीप सरदेसाई ने अपना पूरा रूप बदलकर खुद अपनी ही बिरादरी के ‘पत्रकारों’ की आलोचना करना शुरू कर दिया। हालांकि, नतीजों के सामने आने के बाद राजदीप सरदेसाई की इस चेतना से किसी को कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए। यह बात अब उन्हें भली-भांति समझ आ चुकी है कि देश की जनता ने उनकी चाटुकार पत्रकारिता को पूरी तरह नकार कर पीएम मोदी और भाजपा पर अपना पूर्ण विश्वास जताया है।