कांग्रेस फेक न्यूज़ फ़ैलाने का काम और आम जनता को गुमराह करने का काम करने से बाज नहीं आ रही है और एक बार फिर से इस पार्टी ने यही किया है। मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम ने वाराणसी में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ स्थानीय सांसद पीएम नरेंद्र मोदी की तुलना औरंगजेब से की बल्कि काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन को लेकर आम जनता को गुमराह करने का भी काम किया।
संजय निरुपम ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा, “यहां के लोगों ने जिस व्यक्ति को चुना वो नरेंद्र मोदी दरअसल में औरंगजेब के आधुनिक अवतार हैं। क्योंकि बनारस में कॉरिडॉर के नाम पर जिस तरीके से सैंकड़ों की संख्या में मंदिरों को तुड़वाया गया मोदी जी के इशारे पर और जिस तरीके से मोदी जी के इशारे पर मंदिर में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए 550 रुपये की फीस लगाई गई है, चार्ज लगाया गया है, वह इस बात का सबूत है कि जो काम औरंगजेब नहीं कर पाया वो काम नरेंद्र मोदी कर रहे हैं।” अपने इस बयान में संजय निरुपम ने न सिर्फ देश के प्रधानमंत्री का अपमान किया बल्कि बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए 550 रुपये की फीस बताकर आम जनता को भी गुमराह करने काम किया।
कांग्रेस नेता यही नहीं रुके उन्होंने अपने बयान में आगे कहा, “कभी औरंगजेब काशी की गलियों में गुंडागर्दी करने के लिए उतरा था। हमारे मंदिरों को तोड़ने का दुस्साहस किया था तब भी हमारे काशी के नागरिकों ने अपने मंदिरों को बचाया था। कभी औरंगजेब ने जजिया कर लिया और हिंदुओं पर अत्याचार किया था तब हिंदुओं ने विरोध किया था। हिंदू हित की बात करने वाले नरेंद्र मोदी मंदिरों को तोड़ रहे हैं जजिया कर लगा रहे हैं। ऐसे आधुनिक औरंगजेब की मैं निंदा करता हूं।” पीएम मोदी की तुलना औरंगजेब से कर उनका अपमान किया तो किया ही साथ ही बाबा विश्वनाथ के वीआईपी दर्शन के लिए जो फीस ली जाती है उसके लिय केंद्र की मोदी सरकार को दोषी ठहराया।
हालांकि, यहां बाबा विश्वनाथ के दर्शन को लेकर जो भी उन्होंने कहा उसमें पीएम मोदी से न कोई संबंध है और न ही जितनी फीस उन्होंने बताई उसमें सच्चाई। वास्तव में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए अगर कोई चार्ज लगता है तो वो वीआईपी प्रवेश के लिए लगता है लेकिन संजय निरुपम के बयान से तो यही लग रहा है कि बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए सभी श्रद्धालुओं को 550 रुपये की फीस देनी पड़ती है। वाराणसी में रहने वालों को तो सच पता है लेकिन उन्होंने देश की अन्य जनता को इस तरह गुमराह करने का काम किया है। और तो और उन्होंने जो फीस बताई वो भी पूरी तरह से सही नहीं है। पिछले साल ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल ही दक्षिण भारत के मंदिरों की तर्ज पर द्वाद्वश ज्योर्तिलिंगों में प्रमुख काशी विश्वनाथ मंदिर में भी क्यूलेस सेवा यानी वीआईपी दर्शन की व्यवस्था शुरू की थी। देश-विदेश से आने वाले भक्तों को लंबी कतार में लगना पड़ता था जिस वजह से भक्तों को लाइन में लगे बगैर सहजता से दर्शन के लिए मंदिर प्रशासन ने वीआईपी दर्शन को अनुमति भी दी थी। उस समय इस सेवा को ट्रायल के रूप में शुरू किया गया था। यही नहीं विश्वनाथ मंदिर की वेबसाइट http//shrikashivishwanathdarshan.com पर देश-विदेश से कहीं से भी दर्शन के लिए बुकिंग की व्यवस्था है और इस टिकट पर दर्शन के लिए तारीख के साथ समय भी अंकित होता है। इसके अलावा बाबा विश्वनाथ मंदिर में आरती का टिकट लगता है और चढ़ावे के लिए टिकट लगता है। यही नहीं दिव्यांगों एवं बुजुर्गो का भी खास ख्याल रखा जाता है।
वैसे बाबा विश्वनाथ मंदिर में ही वीआईपी दर्शन के चार्ज नहीं लगते शिरडी साईं बाबा मंदिर ओए महाकाल मंदिर में भी लगता है. ये कोई नई बात नहीं है अगर आपको बिना किसी चार्ज के दर्शन करना है तो जायें और लंबी कतारों में खड़े हो और अपना नंबर आने पर दर्शन करें।