वाराणसी सीट से समाजवादी पार्टी का टिकट पाकर पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की कोशिश करने वाले तेजबहादुर यादव के बारे में एक काला सच सामने आया है। दरअसल, तेज बहादुर की एक वीडियो सामने आई है जिसमें वे कथित तौर पर यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि, “50 करोड़ दो मोदी को मार दूंगा।” तेज बहादुर का यह वीडियो देख हर कोई आश्चर्यचकित है। भाजपा ने भी इस वीडियो पर हैरानी और चिंता जताई है।
वायरल वीडियो में तेज बहादुर यादव एक कमरे में बैठे हुए खाना खाते दिख रहे हैं। उनके साथ और भी लोग बैठे दिखाई दे रहे हैं। वहीं एक अन्य व्यक्ति फोन से रिकॉर्डिंग करते हुए तेजबहादुर से बात कर रहा है। वह व्यक्ति कहता है, इतनी नॉलेज किसी सिपाही को नहीं हो सकती। फिर तेजबहादुर कहता है कि, मैं 24 घंटे में मोदी को मरवा दूंगा। फिर रिकॉर्डिंग करने वाला व्यक्ति आश्चर्य से पूछता है कि, क्यों आप मोदी को मरवा दोगे तो तेजबहादुर कहता है कि, 50 करोड़ दे दो मरवा दूंगा। फिर तेजबहादुर ने एक बार फिर कहा कि जिस दिन मुझे पेमेंट मिल जाएगा उसके 72 घंटे में मोदी को मरवा दूंगा।
बता दें कि, ये वही तेजबहादुर हैं जिन्होंने जवानों के खाने को लेकर सवाल उठाए थे। अनुशासनहीनता के कारण जब वे बीएसएफ से बर्खास्त कर दिये गए थे तो विपक्ष और लेफ्ट लिबरल मीडिया ने उन्हें हीरो बनाने की कोशिश की थी और खूब हो हल्ला किया था। यहां तक कि महागठबंध ने उन्हें वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ाने का फैसला लिया था। समाजवादी पार्टी से टिकट मिलने के बाद तेजबहादुर ने वाराणसी से अपने दो नामांकन भी भरे। लेकिन, निर्वाचन आयोग को गलत जानकारी देने और गुमराह करने के कारण उनका नामांकन रद्द कर दिया गया।
दरअसल, तेजबहादुर यादव ने अपने नामांकन के पहले हलफनामे में बताया था कि ‘भ्रष्टाचार के आरोप के चलते सेना से उन्हें बर्खास्त किया गया है। लेकिन, दूसरे हलफनामे में वे अपनी बात से मुकरते दिखे। जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने उन्हें 2 नोटिस भेजे और अनापत्ति पत्र लेकर प्रस्तुत होने का आदेश दिया लेकिन, तेजबहादुर इस नोटिस का संतुष्ट जवाब नहीं दे सके और उनका नामांकन रद्द हो गया।
हद तो तब हो गई जब तेजबहादुर का नामांकन उनकी खुद की गलती से रद्द हुआ लेकिन इसके बावजूद उन्होंने और पूरे विपक्ष ने इसके लिए पीएम मोदी को जिम्मेदार ठहरा दिया। अखिलेश यादव से लेकर केजरीवाल तक इस मुद्दे पर पीएम मोदी को कोसने लगे थे। मीडिया ने भी इसे भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
वहीं, अब जब तेजबहादुर की कलई खुल गई है और उनका काला सच सामने आ गया है तो इन लोगों ने चुप्पी साध ली है। अब विपक्षी नेताओं और लेफ्ट-लिबरल मीडिया से कुछ भी बोलते नहीं बन रहा है।
उधर बीजेपी ने इस वीडियो पर हैरानी जताई है। बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा ने कहा कि, यह बेहद चौंकाने वाला है कि, लोकसभा चुनाव में पीएण मोदी के खिलाफ समाजवादी पार्टी से टिकट पर वाराणसी से नामांकन करने वाले शख्स द्वारा पीएम मोदी की हत्या की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि, सभी लोकतांत्रिक लोगों और राजनैतिक पार्टियों को एकमत से इस तरह का हिंसक योजना की निंदा करनी चाहिए।
सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने के बाद जब मीडिया ने तेजबहादुर से बात की तो उन्होंने बताया कि, यह वीडियो दो साल पुराना दिल्ली में तब का है जब दिल्ली पुलिस में तैनात एक बर्खास्त सिपाही पंकज शर्मा ने एक पार्टी आयोजित की थी। उन्होंने बताया कि वीडियो जारी करने से पहले उन्हें पंकज शर्मा ने फोन करके 50 लाख रुपये की मांग की थी। साथ ही तेज ने यह भी आरोप लगाया कि, यह वीडियो काट-छांट करके बनायी गई है, उन्होंने पीएम मोदी की हत्या की बात नहीं की थी। लेकिन, वीडियो को देखने से साफ पता चल रहा है कि, वीडियो में कांट-छांट नहीं की गई है और तेजबहादुर पीएम को मारने की धमकी दे रहे हैं। आपको बता दें कि इससे पहले भी तेज बहादुर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें वे शराब और सिगरेट पीते हुए नजर आ रहे थे। विपक्ष और मीडिया तेजबहादुर के बारे में कुछ भी दिखाए लेकिन जनता समझदार है और सच्चाई उसके सामने है।