लोकसभा चुनावों के नतीजों से पहले रुझान सामने आने शुरू हो गए हैं। शुरुआती रुझानों में भाजपा को पिछली बार के मुक़ाबले ज्यादा सीटें मिलती दिख रही हैं। सुबह 11 बजे तक के अपडेट्स के अनुसार भाजपा और साथी दलों को 326 सीटों पर बढ़त हासिल है, जबकि यूपीए को 100 से कम सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं। रुझानों में उत्तर प्रदेश के आंकड़ों ने सबका ध्यान आकर्षित किया क्योंकि राजनीतिक दृष्टि से यह देश का सबसे महत्वपूर्ण राज्य है। चुनावों से ठीक पहले सभी राजनीतिक पंडित राज्य में भाजपा के खराब प्रदर्शन की भविष्यवाणी कर रहे थे। सभी यह दावा कर रहे थे कि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खराब नीतियों की वजह से भाजपा को बड़ा नुकसान होगा, लेकिन रुझानों में हमें ठीक विपरीत परिस्थितियां देखने को मिली रही है। रुझानों में भाजपा को 80 लोकसभा सीटों में से 55 सीटों पर बढ़त हासिल है जबकि सपा-बसपा के गठबंधन को सिर्फ 20 से 25 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं। रुझानों में आए आंकड़ों से यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य की राजनीति में ‘योगी फ़ैक्टर’ अब भी अपनी अहम भूमिका निभा रहा है।
इन चुनावों से ठीक पहले मीडिया के एक धड़े ने सीएम योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े करने शुरू कर दिये थे। कई सर्वेज़ में योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता को कम होते दिखाया गया। इसके अलावा उनपर विकास को छोड़कर हिन्दुत्व की विचारधारा को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया गया। इतना ही नहीं, लेफ्ट लिबरल गैंग ने तो यह तक कहा था कि योगी सरकार अपने अधिकतर वादे पूरे करने में अक्षम रही है, लेकिन रुझानों में आए आंकड़ों ने इन सब के आधारहीन दावों की धज्जियां उड़ा दी।
योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद कई ऐसे काम किए, जिन्होंने लोगों के मन में भाजपा के प्रति उनके विश्वास को मजबूत किया है। योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कानून व्यवस्था को बेहतर करने से लेकर राज्य में बाहरी निवेश को भरपूर बढ़ावा दिया, जिसके कारण लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा हुए। इसके अलावा योगी सरकार की बड़ी उपलब्धियों में कुम्भ मेले का सफलतापूर्वक आयोजन करना भी शामिल रहा। योगी सरकार के सफलतापूर्वक कुम्भ आयोजन ने कई नए विश्व रिकॉर्ड बनाकर एक कीर्तिमान स्थापित किया था। यही कारण है कि इन लोकसभा चुनावों में महागठबंधन रूपी नयी चुनौती के बावजूद भाजपा इतना अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रही है।
साफ है कि उत्तर प्रदेश की जनता को अब भी योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है जिसके बाद लोकसभा चुनावों में भी लोगों ने भाजपा पर ही अपना भरोसा जताया है। अब की बार भाजपा के सामने महागठबंधन के रूप में एक बड़ी चुनौती भी थी, जिसके बाद कई राजनीतिक पंडित उत्तर प्रदेश में भाजपा की करारी हार का अनुमान लगा रहे थे, जो कि अब पूरी तरह गलत साबित हुए हैं। पिछले 5 सालों में पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा विकास कार्यों के अलावा, योगी आदित्यनाथ की बेदाग छवि और बढ़ती लोकप्रियता का ही यह नतीजा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा दोबारा 55 से ज़्यादा सीटों पर जीत हासिल करते दिखाई दे रही है।