दो वर्ष पहले उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की बदहाल कानून व्यवस्था को इस कदर दुरुस्त किया है कि अब हरियाणा एवं पंजाब हाईकोर्ट ने पंजाब और हरियाणा राज्य की सरकारों को उत्तर प्रदेश की तर्ज़ पर कानून बनाने के लिए कहा है ताकि इन राज्यों में सुस्त कानून व्यवस्त को दुरुस्त कर अपराधियों पर काबू किया जा सके। उत्तर प्रदेश पुलिस के ताबड़तोड़ एनकाउंटर भले ही लिबरल गैंग के निशाने पर आते रहते हों, लेकिन अब पंजाब-हाईकोर्ट ने अपने इस आदेश के साथ ही यूपी राज्य की कानून-व्यवस्था की सराहना की है। हाईकोर्ट ने राज्यों को कानून बनाने के लिए 6 महीनों का समय दिया है।
आपको बता दें कि यूपी में योगी सरकार आने के बाद हमें यूपी पुलिस का एक अलग ही रूप देखने को मिला था। हमेशा सुस्त और नाकाबिल समझे जानी वाली उत्तर प्रदेश पुलिस ने एकाएक राज्य के गैंगस्टर्स को ठिकाने लगाना शुरू कर दिया। लगभग ढाई साल की योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल के दौरान अब तक उत्तर प्रदेश में 3,599 एनकाउंटर हुए हैं। इस सरकार में हुए अब तक के एनकाउंटर में 73 अपराधी ढेर हुए हैं, जबकि 4 पुलिसकर्मी शहीद हुए। इस दौरान पुलिस ने 8,251 अपराधी गिरफ्तार किए मुठभेड़ में 1059 अपराधी घायल हुए।
आंकड़ों के मुताबिक, पुलिस मुठभेड़ में 1 लाख के 3 और 50 हजार के 28 इनामी अपराधी मारे गए। यूपी पुलिस के ‘ऑपरेशन क्लीन’ के खौफ से कुल 13,866 अपराधी अपनी जमानत निरस्त कराकर जेल चले गए। इसके अलावा 13,602 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई भी की गई। इतना ही नहीं, पुलिस द्वारा गैंगस्टर आरोपियों की 67 करोड़ की संपत्ति ज़ब्त भी की गई और 55 आरोपियों के खिलाफ रासुका, 1,391 के खिलाफ गैंगस्टर, 15,629 के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई हुई। योगी सरकार आने के बाद गठित एंटी रोमियो स्क्वॉड ने भी 6,010 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की। उत्तर प्रदेश की सरकार और पुलिस द्वारा इतने बड़े स्तर पर की गई कार्रवाई का ही यह नतीजा निकला है कि प्रदेश में असामाजिक तत्वों के हौसले अब पूरी तरह परस्त हो चुके हैं।
प्रदेश में गुंडों और अराजक तत्वों के सफाये से बेशक जनता ने चैन की सांस ली हो, लेकिन लेफ्ट-लिबरल गैंग को इससे सबसे ज़्यादा पीड़ा हुई है। इस पूरी गैंग ने योगी सरकार पर इन गुंडों और अपराधियों के मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगाना शुरू कर दिया। वामपंथी मीडिया समूह ‘द वायर’ ने अपने एक लेख में तो यहां तक दावा किया कि एनकाउंटर में मरने वालों में से अधिकतर के परिवारजनों का यह कहना है कि अधिकतर ‘हत्याएँ’ पहले से प्लान की जाती हैं’। हालांकि, यह पूरी गैंग इस तथ्य को पूरी तरह नकारती आई है कि जो उत्तर प्रदेश पहले अपनी खराब कानून-व्यवस्था और पुलिस द्वारा लापरवाही के लिए पूरे देश में बदनाम था, आज उसी प्रदेश की कानून व्यवस्था की मिसालें दी जा रही हैं। पंजाब-हाईकोर्ट की इस टिप्पणी से यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि योगी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से वाकई जमीनी स्तर पर लोगों को बेहतरी देखने को मिली है।