विनोद दुआ ने किया आचार संहिता का किया उल्लंघन

PC : mynation

देश में पांचवे चरण के मतदान समाप्त हो चुके हैं और दो चरणों का मतदान अभी होना है। हालांकि, लेफ्ट राजनीतिक दलों के संभावित प्रदर्शन से वामपंथी गैंग अभी से इतना हताश हो गया है कि उसने अब निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाना शुरू कर दिया है। न्यूज़क्लिक ने आज चुनाव आयोग के नियमों को ताक पर रखते हुए अपनी वेबसाइट पर एक एक्ज़िट पोल को प्रकाशित कर दिया जिसके मुताबिक भाजपा को इन चुनावों में भारी नुकसान होते दिखाया गया है। स्वराज चैनल के विनोद दुआ ने भी इस खबर को हाथों-हाथ लिया और ना सिर्फ इस खबर को अपने चैनल पर ब्रॉडकास्ट किया बल्कि यूट्यूब पर भी इस एक्ज़िट पॉल को पब्लिश कर दिया।

न्यूज़क्लिक ने अपने एक विस्तृत लेख में यह दिखाया कि भाजपा को इन चुनावों में 2014 के मुक़ाबले भारी नुकसान हो सकता है जबकि कांग्रेस को शानदार बढ़त मिलेगी। न्यूज़क्लिक ने पांच चरणों की वोटिंग के बाद अपने ‘राजनीतिक विश्लेषकों’ के हवाले से इस एक्ज़िट पॉल को प्रकाशित किया।         

क्रांतिकारी पत्रकार विनोद दुआ ने भी इस खबर के माध्यम से अपना एजेंडा आगे बढ़ाने का सुनहरा अवसर ढूंढा और इस रिपोर्ट के आधार पर एक्ज़िट पॉल को ब्रॉडकास्ट कर दिया। चैनल ने यूट्यूब पर भी इस एक्ज़िट पोल को पब्लिश कर दिया जो थोड़े ही समय में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो में विनोद दुआ कहते नज़र आ रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में महागठबंधन होने की वजह से बीजेपी को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है। विनोद दुआ ने यह भी कहा कि राष्ट्रवाद के मुद्दे पर भाजपा की दाल जब नहीं गली, तो उसे बीच चुनावों में ‘काम रुके नहीं, देश झुके नहीं’ का नारा लाना पड़ा ताकि लोग उनके विकास के मुद्दे पर उनको वोट दें। हालांकि, बाद में इस वीडियो को सोशल मीडिया से डिलीट कर दिया गया लेकिन इसके कुछ स्क्रीनशॉट्स अभी भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। यहां कुछ स्क्रीनशॉट्स हमने भी शेयर किये आप देख सकते हैं:

             

आपको बता दें कि चुनावों के समय में ऐसे किसी एक्ज़िट पॉल को प्रकाशित करना चुनाव आयोग के नियमों के खिलाफ है। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के मुताबिक मतदान के समय एक्ज़िट पॉल या ओपिनियन पॉल के लिए सर्वे तो हो सकते हैं, लेकिन उनके नतीजों को प्रकाशित नहीं किया जा सकता। स्वराज चैनल को भी अपनी इस गलती का अहसास हो गया और इस इस वीडियो को बाद में यूट्यूब से हटा लिया गया लेकिन तब तक लगभग साढ़े 5 लाख लोग इसे देख चुके थे।

विनोद दुआ का नाम देश के वरिष्ठ पत्रकारों में गिना जाता है, ऐसे में हर कोई उनसे यह उम्मीद रखता है कि उन्हें चुनाव आयोग के नियमों की पूर्ण जानकारी हो। हालांकि आँखों पर एजेंडे की पट्टी बांधकर खबरों का प्रचार करने वाले विनोद दुआ अपनी भावनाओं में इतने बह गए कि वे दंडनीय अपराध करने से भी नहीं घबराए। चुनाव आयोग को इस संबंध में न्यूज़क्लिक वेबसाइट के साथ-साथ विनोद दुआ के खिलाफ भी सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि देश के लोकतन्त्र की विश्वसनीयता को बरकरार रखा जा सके। विनोद दुआ जैसे एजेंडावादी तत्वों के बेलगाम अपराधों की अब उन्हें सजा मिलनी ही चाहिए।

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