लोकसभा चुनावों में पीएम मोदी की जबरदस्त जीत के बाद अब पश्चिमी मीडिया का विलाप भी शुरू हो गया है। पश्चिमी मीडिया ने इन चुनावों में पीएम मोदी के खिलाफ जमकर एजेंडा चलाया लेकिन वो उनके किसी काम न आ सका, और भाजपा पिछली बार की तुलना में ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज़ करने में कामयाब हो गई। भाजपा की इस जीत पर कुछ मीडिया संगठनों ने जहां पार्टी पर कट्टर हिंदूवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया.. तो वहीं अरब मीडिया ने भाजपा की जीत का श्रेय पीएम मोदी की मजबूत छवि को दिया।
भाजपा की जीत पर सबसे पहले अमेरिकी मीडिया संगठन न्यूयॉर्क टाइम्स ने जहर उगला। न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा ‘प्रधानमंत्री मोदी ने यह चुनाव हिंसा, फेक न्यूज़ और झूठ के बल पर जीता है’। न्यूयॉर्क टाइम्स ने पीएम मोदी के राज के दौरान भारत में असहिष्णुता बढ़ने की भी बात लिखी। अपने लेख में न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा ‘पीएम मोदी के राज के दौरान असल दुनिया के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी असहिष्णुता देखने को मिली। महिलाओं को रेप की धमकी दी गई, जबकि मुस्लिमों को जान से मारने की धमकी दी गई। पीएम मोदी ने यह दर्शा दिया कि वे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के अयोग्य नेता हैं’। इस लेख के माध्यम से आप न्यूयॉर्क टाइम्स की घटिया मानसिकता से भली-भांति परिचित हो सकते हैं।
इसके अलावा अमेरिका के ही एक अन्य मीडिया समूह ‘वॉशिंग्टन पोस्ट’ ने भी पीएम मोदी की जीत पर अपना दुखड़ा रोया। वॉशिंग्टन पोस्ट ने लिखा ‘देश में बेरोजगारी 4 दशक के अपने उच्चतम स्तर पर है। मुस्लिमों को डराया धमकाया जा रहा है, देश में हिंसा बढ़ी है। आतंकवाद फैलाने की आरोपी साध्वी प्रज्ञा को भी चुनावी मैदान में उतारा गया, लेकिन इन सब के बावजूद भारतीय वोटर्स ने पीएम मोदी और भाजपा पर ही अपना भरोसा जताया। यह भारतीय राजनीति में एक बड़े बदलाव का संकेत है।
क़तर सरकार द्वारा चलाये जाने वाले मिडिल ईस्ट के प्रोपेगैंडावादी चैनल अल-जज़ीरा ने पीएम मोदी की जीत का श्रेय हिन्दू कट्टरवाद को दिया। अल-जज़ीरा ने लिखा ‘पीएम मोदी और भाजपा के नेताओं ने मुस्लिमों के खिलाफ जमकर दुष्प्रचार किया, जिसका फल अब पार्टी को जीत के रूप में मिला है’। इसके अलावा द गार्डियन’ ने भारत के लोकसभा चुनाव नतीजों पर लिखा, मोदी की असाधारण लोकप्रियता से भारतीय राजनीति अब हिंदू राष्ट्रवाद के एक नए युग में प्रवेश कर गया है। गार्डियन ने एक संपादकीय लेख में लिखा, भारत की आत्मा के लिए मोदी की जीत बुरी है। अखबार ने लिखा कि दुनिया को एक और लोकप्रिय राष्ट्रवादी नेता की जरूरत नहीं है जो अल्पसंख्यकों को दूसरे दर्जे का नागरिक मानता हो।
गल्फ न्यूज़ ने पीएम मोदी की जीत को वर्णित करने के लिए ‘TSUNAMO 2.0’ शीर्षक का इस्तेमाल किया। अखबार के लेख में लिखा है कि साल के शुरुआत में मोदी के सामने किसानों की समस्याएं, रोजगार संकट, राफेल जैसे मुद्दों का पहाड़ खड़ा था लेकिन पुलवामा और भारत की बालाकोट में स्ट्राइक के बाद मोदी व पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बीजेपी की कहानी नए सिरे से लिख दी।
कुल मिलाकर पश्चिमी मीडिया ने हर बार की तरह पीएम मोदी की जीत पर भी अपना एजेंडा चलाने की कोशिश की। यह मीडिया पूरी दुनिया में दक्षिणपंथी विचारधारा के खिलाफ अपना एजेंडा चलाता आया है। भारत के खिलाफ तो यह मीडिया शुरू से ही नफरत फैलाता आया है। हालांकि, इन लोकसभा चुनावों में भारत के वोटर्स ने फिर से मोदी सरकार को चुनकर पश्चिमी मीडिया के इस एजेंडे को करारा जवाब दिया है।