विवादित इस्लामिक उपदेशक ज़ाकिर नाइक ने अपने एक इंटरव्यू में यह स्वीकारा है कि अगर भाजपा दोबारा सत्ता में आती है तो वे भारत आने की ‘बेवकूफी’ कभी नहीं करेंगे। ज़ाकिर नाईक ने अपने आप की तुलना प्रोफेट मोहम्मद से करते हुए यह भी कहा कि वे सही समय पर भारत जाने का विचार करेंगे। आपको बता दें कि वर्ष 2016 में आतंक-विरोधी कानून के तहत भारत सरकार ने ज़ाकिर नाइक के एनजीओ ‘इस्लामिक रिसर्च फ़ाउंडेशन’ पर पाँच सालों के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद ज़ाकिर नाइक मलेशिया भाग गया जहां उसे वर्ष 2017 में स्थायी नागरिकता दे दी गई।
‘द वीक’ को दिये अपने इंटरव्यू में मुस्लिम युवाओं को भड़काने वाले ज़ाकिर नाइक ने अपनी तुलना प्रोफेट मुहम्मद से करते हुए कहा ‘अगर भारत जाकर मुझे फायदा होगा, तो मैं जरूर जाऊंगा, लेकिन मुझे प्रोफेट के इतिहास पर नज़र डालनी चाहिए। जब प्रोफेट मक्का में थे, तो उनकी जान खतरे में थी। हालांकि, अल्लाह ने उनका सही समय पर वहां से निकलने का मार्गदर्शन किया। हमें प्रोफेट से यही सीखने की जरूरत है। मुझे भारत के न्यायिक तंत्र पर विश्वास है लेकिन भाजपा आने के बाद आप सरकार के खिलाफ कुछ नहीं बोल सकते। मैं नहीं चाहता कि भारत जाते ही मुझे 10-15 सालों के लिए जेल में डाल दिया जाए’। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें जेल में ना डालने का आश्वासन दिया जाए तो वे भारत आकर कोर्ट के सामने पेश होने के लिए तैयार हैं।
बता दें कि वर्ष 2016 से ही भारत सरकार और भारतीय जांच एजेंसियां ज़ाकिर नाइक की गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखे हुए थीं। नवंबर 2016 में नेशनल इनवेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) ने सांप्रदायिक नफरत फैलाने और गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए ज़ाकिर नाइक के खिलाफ एक आधिकारिक शिकायत दर्ज़ की थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने इस्लामिक रिसर्च फ़ाउंडेशन पर पांच सालों के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय भी ज़ाकिर नाइक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की कई शिकायत दर्ज़ कर चुका है। इसी साल जनवरी में भी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा ज़ाकिर नाइक की 16 करोड़ 40 लाख की संपत्ति को ज़ब्त किया गया था। इसके अलावा इसी महीने प्रवर्तन निदेशालय ने ज़ाकिर नाइक के खिलाफ एक चार्जशीट भी दायर की है जिसमें उसकी 50 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटेच किया गया था।
साफ है कि आज मोदी सरकार ज़ाकिर नाइक पर इतना दबाव बनाने में सफल हुई है कि कोई भी देश आज उसे वीसा देने में भी घबराता है। ज़ाकिर नाइक ने खुद अपने इंटरव्यू में इस बात को कबूला है। आतंक और आतंक को बढ़ावा देने वाले लोगों के लिए ज़ीरो टोलरेंस की नीति के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता इससे साफ ज़ाहिर होती है।