आकाश विजयवर्गीय की ‘बैट भांजने’ की पूरी कहानी और उसके पीछे की कहानी भी

आकाश विजयवर्गीय

PC: Zee News

पिछले बुधवार को इंदौर के निगम अधिकारियों की टीम जर्जर मकानों को तोड़ने के लिए आई थी। लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय ने क्रिकेट बैट से अधिकारियों पर हमला किया। वहीं आकाश विजयवर्गीयके समर्थकों ने भी निगम अधिकारियों के साथ मारपीट की। यह खबर पिछले कुछ दिनों से में मुख्यधारा की मीडिया ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया। विजयवर्गीय का मारपीट करते हुए एक वीडियो वायरल हुआ है और वीडियो में देखा जा सकता है कि आकाश निगम अधिकारी से साथ मारपीट कर रहे हैं। लेकिन आकाश का पक्ष सुनने को कोई तैयार नहीं है क्योंकि इसका कोई सबूत नहीं है। गिरफ्तार होने के बाद आकाश का कहना था कि नगर निगम के गैंग ने महिलाओं को उनके पैरों से घसीटकर घरों से बाहर निकाला। महिला पुलिस को उनके साथ होना चाहिए था। जब मैं वहां पहुंचा, तो लोग अधिकारियों के इस व्यवहार से गुस्से में थे।

दरअसल, नगर निगम ने शहर में 26 घरो को चिन्हित किया था जिनकी हालत जर्जर बताई गयी। और इन  जर्जर मकानों को तोड़ने की कार्रवाई की जा रही थी। बुधवार को नगर निगम की एक टीम गंजी कंपाउंड के एक मकान को तोड़ने के लिए पहुंची और महिलाओं से बदसलूकी करने लगी तो उनकी बहस आकाश विजयवर्गीय से हो गई। इसका सबूत भी मिला है। वहां रहने वाली महिलाओं का कहना है कि नगर निगम के अधिकारियों ने महिलाओं को बद्तमीज़ी से पैर के बल घसीटा। वहां रहने वाली सपना सिंह ने कहा कि नगर निगम के अधिकारियों ने धक्का मुक्की की, उन्हें चोट आई। अधिकारी बुल्डोज़र लेकर आए थे। उनके साथ कोई भी महिला अधिकारी नहीं थी।

https://twitter.com/SengarAjay505/status/1143825747426983936

एक और महिला ने भी यही बात कही जिसे यह बात तो तय है कि उनके साथ बदतमीजी हुई थी।

और विधायक आकाश विजयवर्गीय ने भी अपने बयान में यही कहा की नगर निगम अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम को मकान नहीं तोड़ने के लिए कहा गया था क्योंकि ये मकान तोड़ने की स्थिति में नहीं है। और वे लोग भी बेघर हो जाएंगे लेकिन भवन निरीक्षक धीरेंद्र बायस ने एक महिला का हाथ पकड़ा और उससे भद्दी भद्दी गालियां दी। और उसे घसीटते हुए बाहर निकाला।

अब सवाल यह उठता है की मीडिया क्या सिर्फ एक ही पक्ष को जनता को दिखा रही है ताकि कैलाश विजयवर्गीय को बदनाम किया जा सके क्योंकि आकाश उनके बेटे है। आकाश विजयवर्गीय का तरीका गलत था और नगर निगम अधिकारीयों का भी तरीका गलत था .इसके साथ आकाश विजयवर्गीय के व्यवहार को लेकर पूछे गये सवाल पर भाजपा के वरिष्ठ नेता विजयवर्गीय का बयान भी गलत था जिसमें वो मीडिया से उनकी औकात क्या है जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वो भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं ऐसे में उन्हें इस तरह के बयान से बचना चाहिए। सवाल दोनों पर उठना चाहिए क्योंकि दोनों का रुख गलत था। ऊपर की विडियो में जरा भी सच्चाई है तो यह कहना गलत नहीं होगा कि अधिकारियों ने गलती की और बिना महिला अधिकारी के वह जाना ही गलत था। उनसे धक्का मुक्की और घसीटना तो हद पार करने वाला था। अगर नगर निगम के अधिकारियों ने महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया होता तो शायद यह स्थिति ही नहीं आती। आकाश ने जो भी किया बहुत गलत किया पर सजा अधिकारियों को भी मिलनी चाहिए।

 

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