अलीगढ़ दुष्कर्म कांड में बॉलीवुड की पोस्टर गैंग ने दिखाया अपना असली स्वरूप

हाल ही में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक 2.5 साल की बच्ची की लाश भूसे के ढेर में पड़ी मिली। प्रारम्भिक पोस्ट्मॉर्टेम में जो बात खुलके सामने आई, उससे कई लोगों का कलेजा मुंह को आ गया। पीड़िता की केवल हत्या ही नहीं हुई थी, बल्कि उसके साथ बर्बरता की सभी हदें पार कर दी गयी।

अगर सूत्रों की माने, तो उस छोटी सी बच्ची के साथ पहले दुष्कर्म हुआ, फिर गला घोंट कर उसकी हत्या की गयी, और फिर उसके हत्यारों ने मृत शरीर के साथ जो किया, उसकी बर्बरता बताने की किसी में भी हिम्मत नहीं होगी। हालांकि, पुलिस ने दुष्कर्म की संभावना पर प्रारम्भिक रिपोर्ट में असहमति जताई है, पर यदि अंतिम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि होती है, तो किसी को अचरज नहीं होगा। यही नहीं, प्रारम्भिक जांच में पकड़े गए आरोपी अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, जिससे कई लोगों में आक्रोश की भावना उमड़ पड़ी है।

इस जघन्य हत्याकांड से देश में अधिकांश लोग सन्न पड़े हैं। कई हस्तियों ने इस घटना की भर्तस्ना करते हुये अलीगढ़ कांड की पीड़िता के न्याय के पक्ष में अपनी आवाज़ उठाई, चाहे वो प्रख्यात अभिनेता अनुपम खेर हो, या फिर भूमि पेडनेकर, रवीना टंडन जैसी अभिनेत्रियां हो, या फिर वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ी–

https://twitter.com/MajorPoonia/status/1136502784428302337

लेकिन इस घटना पर जिनकी चुप्पी कई लोगों को सबसे ज़्यादा चुभ रही है, वह है हमारी बॉलीवुड की प्लाकार्ड गैंग। इसी प्लाकार्ड गैंग ने पिछले वर्ष कठुआ दुष्कर्म कांड जैसे जघन्य अपराध में कोर्ट का फैसला आने से पहले ही अभियुक्तों की जाति और धर्म को देखते हुए पूरे भारत और सनातन धर्म को विश्व के सामने शर्मसार करना प्रारम्भ कर दिया। जिस तरह से इन सभी ने सनातन धर्म को कठघरे में खड़ा किया था, उसे आज भी कोई भारतीय नहीं भुला पाया है।

लेकिन अलीगढ़ का कांड जब सुर्खियों में आया, तो शर्मिंदा होना तो दूर की बात, इस प्लाकार्ड गैंग के एक भी सदस्य ने इस जघन्य अपराध के खिलाफ दो शब्द तक नहीं बोले। क्या ऐसा इसलिए है कि इस मामले में अपराधी बहुसंख्यक समुदाय से नहीं है? क्या ये चुप्पी इन सभी ने इसलिए बनाई हुई है कि इस मुद्दे को उठाने से उनका कोई व्यक्तिगत फ़ायदा नहीं होना? 

हद तो तब हो गयी, जब इस अपराध पर अपनी राय रखने के बहाने सोनम कपूर ने नीचता की सारी सीमाएं लांघते हुये यह ट्वीट पोस्ट किया –

उक्त ट्वीट में सोनम कपूर ने कहा है कि ‘इस जघन्य अपराध को अपने हित साधने और नफरत फैलाने के लिए उपयोग न करें।‘ जी हाँ, अलीगढ़ कांड पर उपजा आक्रोश सोनम कपूर के लिए नफरत फैलाने का अवसर बनता जा रहा है। क्या हमें सोनम कपूर को याद दिलाना पड़ेगा कि उन्होंने कठुआ कांड के वक्त क्या किया था?

इस रवैये से साफ ज़ाहिर होता है कि कठुआ कांड पर इनका आक्रोश केवल इनकी आगामी ‘वीरे दी वेडिंग’ के लिए सुर्खियां बटोरने का साधन था। सोनम कपूर की तो बात छोड़िए, ‘वीरे दी वेडिंग’ में उनके साथ काम करने वाली किसी भी सह अभिनेत्री ने इस जघन्य अपराध के विरुद्ध एक शब्द तक नहीं बोला। चाहे वो स्वघोषित बुद्धिजीवी स्वरा भास्कर हों, या करीना कपूर खान, कठुआ कांड के समय प्लाकार्ड गैंग में शामिल इन चेहरों में गुल पनाग, विशाल डड्लानी एवं हुमा कुरेशी को छोड़कर बाकी किसी ने भी ने इस जघन्य अपराध के विरुद्ध एक शब्द तक नहीं निकाला – 

लिहाजा इस बचकाने ट्वीट के बाद ट्विट्टर पे कई लोग आक्रोशित हो गए एवं उन्होंने सोनम कपूर को उनके बचकाने बोल के लिए जमकर लताड़ा। इन्हीं में अग्रणी थे फ़िल्मकार एवं निर्माता अशोक पंडित, जिन्होंने हाल ही में ‘द ताशकन्द फ़ाईल्स’ का निर्माण भी किया। उन्होंने जब सोनम कपूर को उनके दोहरे मापदण्डों के लिए लताड़ा, तो सोनम कपूर ने अपने बचाव में काफी बेतुके तर्क दिये, जिसपर अशोक पंडित तंज़ कसने से अपने आप को रोक नहीं पाये –

https://twitter.com/ashokepandit/status/1136878820537929728

https://twitter.com/ashokepandit/status/1136882996940689408

https://twitter.com/ashokepandit/status/1136916926024888323

यहां सोनम कपूर को टक्कर दे रहे थे कांग्रेस समर्थक तहसीन पूनावाला ने इस घटना का भी राजनीतिकरण करते हुए भाजपा को दोषी ठहराने का प्रयास किया। इतना ही नहीं, विवादित न्यूज़ पोर्टल ALTnews ने तो स्थानीय पुलिस की रिपोर्ट को तोड़ मरोड़कर इस जघन्य हत्या की बर्बरता को ही झूठ सिद्ध करने का असफल प्रयास किया –

https://www.altnews.in/murder-of-child-in-aligarh-fact-checking-social-media-claims/

अलीगढ़ कांड पर इन लेफ्ट लिबरल बुद्धिजीवियों की चुप्पी ने यह सिद्ध कर दिया है कि इनकी अंतरात्मा तभी जागती है, जब अपराधी उनके प्रिय समुदाय से न हो, और पीड़ित / पीड़िता किसी विशेष जाति / धर्म से ताल्लुक रखता / रखती हो। ऐसे दोहरे मापदंड पर इन्हें जितना भी कहे, कम है। हम बस यही आशा करते हैं कि पीड़िता को जल्द से जल्द इंसाफ मिले और केंद्र सरकार ऐसे राक्षसों के विरुद्ध कोई ऐसा कदम उठाए की ऐसा जघन्य कृत्य करने से पहले ये हज़ार बार सोचें।

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