प्रधानमंत्री मोदी ने दोबारा देश की कमान संभालने के बाद अब विकास और रोजगार जैसे बड़े मसलों को हल करने के लिए तेजी से निर्णय लेना शुरू कर दिया है। देश की इन बड़ी समस्याओं को हल करने के लिए 8 समितियों का गठन किया गया है और इन सभी में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने खास और देश के गृहमंत्री अमित शाह को शामिल किया है। साथ ही कुछ समितियों की अध्यक्षता भी उनको सौंपी है। 8 समितियों में दो समितियां ऐसी हैं जिनका पहली बार कैबिनेट में गठन हुआ है ऐसे में अब अमित शाह अप्रत्यक्ष तौर पर पीएम मोदी की गैरमौजूदगी में उनका कार्यभार भी संभालते नजर आ सकते हैं।
गुरुवार को हुई प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में जिन 8 समितियों का गठन किया गया है उनमें ‘बेरोजगारी, विकास, मंत्रीमंडलीय, केबिनेट की नियुक्ति, आवास, आर्थिक मामलों के लिए मंत्रिमंडल, सीसीए, संसदीय मामलों और बड़े नीतिगत मामलों’ के लिए समितियों का गठन किया गया है। इन सभी समितियों की देखरेख पीएम के साथ शाह भी करेंगे। इन 8 समितियों में बेरोजगारी और विकास के लिए एक अलग समिति का गठन पहली बार किया गया है जो देश में लोगों को रोजगार और विकास को रफ्तार देने की दिशा में काम करेगा। जाहिर है जब पीएम मोदी ने 2014 में देश की कमान संभाली थी उस वक्त ही उन्होंने देश की जनता से यह वादा किया था कि, वह विकास और रोजगार के लिए हर वक्त तत्पर रहेंगे। ऐसे में अब वह अपने दूसरे कार्यकला में उन्होंने दो बड़ी समस्याओं को हल करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। पीएम की अध्यक्षता के अलावा सुरक्षा समिति में राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, निर्मला सीतारमण शामिल हैं। वहीं कैबिनेट की नियुक्ति के लिए एक अलग समिति का गठन हुआ है जिसकी अध्यक्षता पीएम मोदी खुद करेंगे, तो अमित शाह इसके सदस्य होंगे। बात करें आर्थिक मामलों से जुड़ी समिति की तो पीएम मोदी इसकी अध्यक्षता करेंगे जिसमें सदस्य के तौर पर अमित शाह, राजनाथ, नितिन गडकरी, रसायन व उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा, निर्मला सीतारमण, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल शामिल हैं।
गौरतलब है कि, मोदी और शाह की जोड़ी देश के विकास के लिए एक मास्टर पीस साबित हुई है और यह साथ काफी पुराना है। 1984 में महज 2 सीट लाने वाली पार्टी अगर आज अपने दम पर 2019 के लोकसभा चुनावों में 303 सीटों का जादुई आंकड़ा पार करने में कामयाब हुई है तो इसका श्रेय मोदी-शाह की जोड़ी को ही जाता है। अब यह जोड़ी देश को एक नई दिशा देने के लिए और अधिक मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है।