लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद लगता है कांग्रेस पार्टी अभी तक सदमें से उभर नहीं पाई है। पार्टी में चारों तरफ निराशा का माहौल है और भविष्य की रणनीति को लेकर किसी के पास कोई उपाय नहीं दिखाई देता। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को बीजेपी ने चौतरफा मात दी। एक तरफ जहां जमीनी स्तर पर भाजपा ने कांग्रेस को धूल चटाई तो वहीं सोशल मीडिया पर भी भाजपा, कांग्रेस पर भारी साबित हुई। यही कारण है कि नतीजों की समीक्षा के बाद कांग्रेस आईटी सेल की अध्यक्षा दिव्या स्पंदना पार्टी को अब पार्टी की नाराज़गी का सामना करना पड़ रहा है। आज अचानक दिव्या स्पंदना ने अपना ट्विटर और इंस्टाग्राम पेज डिलीट कर दिया और साथ ही यह खबरें भी आने लगी कि उन्हें पार्टी द्वारा उनके पद से हटा दिया गया है। हालांकि, बाद में उन्होंने इन खबरों का खंडन कर दिया लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि उन्होंने किसके दबाव में अपने सोशल मीडिया अकाउंट को डिलीट किया और इसके पीछे उनका क्या मकसद था?
जब इसको लेकर कांग्रेस मीडिया डिपार्टमेंट से जानकारी मांगी गई, तो मीडिया को कोई जवाब नहीं दिया गया। ना इस बात को लेकर कोई पुष्टि की गई कि दिव्या स्पंदना को उनके पद से हटा दिया है या नहीं, हाँ एक बात जरूर साफ है कि इन लोकसभा चुनावों के दौरान सोशल मीडिया पर कांग्रेस पूरी तरह बेजान और असहाय नज़र आई, जिसकी ज़िम्मेदारी पूरी तरह दिव्या स्पंदना पर ही थी, लेकिन पार्टी की नैया पार लगाने की बजाय दिव्या स्पंदना ने अपनी करतूतों से कांग्रेस पार्टी की नैया को बीच मझदार में ही डुबा डाला। इसमें कोई शक नहीं है कि दिव्या स्पंदना को राहुल गांधी की छवि को चमकाने के लिए सोशल मीडिया की कमान सौंपी गयी थी। ट्विटर पर ज्यादा से जायदा फोल्लोवर्स बढ़ाने के लिए उन्होंने फेक न्यूज़ फ़ैलाने से लेकर विवादित ट्वीटस करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
पार्टी के हाईकमान की चाटुकारिता में भी वे कभी पीछे नहीं रही। दिव्या स्पंदना ने अपने देश विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए देश विरोधी तत्वों, अलगाववादी के समर्थन में भी कई ट्वीट किए थे। लोकसभा चुनावों के दौरान फेक न्यूज़ फैलाकर बार-बार उन्होंने विवादों को अंजाम दिया जिससे दिव्या स्पंदना की व्यक्तिगत तौर पर तो खूब पब्लिसिटी हुई, लेकिन कांग्रेस पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी होती गई। और नतीजा यह निकला कि दिव्या स्पंदना के फोलोवर्स तो लाखों की संख्या तक पहुंच गए लेकिन कांग्रेस पार्टी को गिनती की खुल 52 सीटें ही मिली।
इस पूरे मामले पर ना तो दिव्या स्पंदना कुछ कहने को तैयार है, और ना ही कांग्रेस पार्टी की ओर से कोई स्पष्टीकरण दिया गया है। दिव्या स्पंदना ने बेशक उनके और कांग्रेस के बीच किसी मतभेद के ना होने की बात कही हो, लेकिन उनका यूं अचानक रहस्यमई तरीके से सोशल मीडिया से दूरी बना लेना वाकई हैरान करने वाला है। माना जा रहा है कि इन लोकसभा चुनावों में उनके खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस पार्टी ने अब उनपर यह कार्रवाई की है।