सरकार ने शुरू किया हाई-प्रोफ़ाइल भ्रष्ट नेताओं पर प्रहार, पहला शिकार फंसा ही समझो

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कांग्रेस और भ्रष्टाचार का बड़ा पुराना नाता रहा है। आजादी के बाद से ही कांग्रेस का ऐसी नीतियों को बनाने में विश्वास रहा है जिनसे बड़े-बड़े उद्योगपतियों की जेब भरना आसान हो सके। यही कारण है कि देश इतने सालों तक गरीबी और पिछड़ेपन की जंजीरों में बंधे रहने पर मजबूर हुआ। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनने के बाद ऐसे भ्रष्ट मानसिकता वाले लोगों पर सरकार नकेल कसने में कामयाब हुई है। अब इसी कड़ी में यूपीए कार्यकाल में सिविल एविएश्न मंत्री रहे प्रफुल्ल पटेल को एयर इंडिया से जुड़े रूट आवंटन घोटाला का मामला सामने आया है जिसको लेकर ईडी द्वारा उनको समन भेजा गया है।

साल 2008-2009 के बीच प्रफूल पटेल ने एविएश्न मंत्रालय के पद पर आसीन रहते हुए कुछ विदेशी एयरलाइन कंपनियों को अवैध तरीके से एयर इंडिया के रूट आवंटित करवाए थे। इसके लिए विदेशी कंपनियों के बीच बिचौलिये की भूमिका निभाने वाले दीपक तलवार को 272 करोड़ रुपये रिश्वत के तौर पर भी दिये गए थे, वहीं जब मामले का खुलासा हुआ तो पुलिस के डर से वह विदेश भाग गया था। लंबे समय से चल रही जांच के बीच अब प्रफुल्ल को दीपक तलवार के साथ मिलकर रूट आवंटित करने में घोटाले के मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने समन भेजा है। साथ ही ईडी को दीपक तलवार की एक ईमेल भी हाथ लगी है जिसमे प्रफुल्ल पटेल का नाम भी है। ऐसे में अब प्रफुल्ल पटेल की मुशकिलें बढ़ती नजर आ रही हैं और उनको 6 जून को ईडी के सामने पेश होना है। वहीं ईडी के द्वारा समन भेजे जाने पर प्रफुल्ल ने कहा है कि, ‘वह अधिकारियों के साथ बात करने को तैयार हैं और वे पूछताछ में पूरा सहयोग करेंगे’।

आपको बता दें कि, कुछ समय पहले भारत सरकार के कहने पर UAE ने दीपक तलवार को गिरफ्तार कर उसका भारत में प्रत्यर्पण किया था जिसके बाद ईडी ने उसको हिरासत में ले लिया था। दीपक तलवार की इस देश विरोधी हरकत से जहां एक तरफ विदेशी एयरलाइन कंपनियों (कतर, एयर अरेबिया और एमिरेट्स) को फायदा पहुंचा था तो वहीं सरकारी कंपनी एयर इंडिया को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। इसके अलावा एक अन्य मामले का भी खुलासा हुआ था जिसमे विमानन कंपनियों के बीच का सबसे बड़ा बिचौलिया माना जाने वाला दीपल तलवार ही शामिल था। यह मामला एयर एशिया के 111 विमान खरीद सौदे से जुड़ा था जिसमें  दीपक तलवार की अहम भूमिका रही थी। यह सौदा करीब 77000 करोड़ रुपये का था जिसके बाद सीबीआई ने जांच की और एयर एशिया के सीईओ टोनी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। यही नहीं, सीईओ के अलावा ट्रैवल फूड ओनर, बिचौलिये दीपक तलवार, एयर एशिया के डायरेक्टर आर वेंकेटरमन समेत कुछ अन्य सरकारी अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। ईडी को जांच में जो जानकारी हाथ लगी है, उसमे यह बताया गया कि इस खरीद सौदे में पहली पेमेंट दीपक तलवार के द्वारा चलाई जा रही कंपनी को ही दी गई। यह पेमेंट अरब एयरलाइन्स एमिरेट्स की तरफ से भेजी गई थी, इसमे दिलचस्प बात यह है कि, यह सौदा प्रफुल्ल पटेल के एविएशन मंत्रालय का जिम्मा संभालने के दो महीने बाद ही हुआ। वहीं लगातार दीपक तलवार की कंपनी में जब विदेशी एयरलाइन्स कंपनियों की तरफ से पैसा भेजा जाने लगा तो दीपक पर शक की सुई घूमी। इसके बाद ईडी ने दीपक से सवाल जवाब शुरू कर दिया जिसमे परत दर परत कई चौंकाने वाले मामले सामने आते चले गए और यह पता चला कि, दीपक के सरकारी पद पर बैठे कई उच्च अधिकारियों और मंत्रियों से खास रिश्ते हैं।

मोदी सरकार ने आते ही अपने भ्रष्टाचार विरोधी रुख को स्पष्ट रूप से सबके सामने रखा है। उससे तो साफ है कि, अब मोदी 2.0 के आने के बाद भ्रष्टाचारियों और उनका पालन-पोषण करने वाले लोगों की खैर नहीं।

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