गृह मंत्रालय संभालते ही टॉप 10 आतंकवादियों की लिस्ट तैयार करने वाले अमित शाह ने अब अपने मंत्रालय की आंतरिक सफाई शुरू कर दी है। इसके लिए ‘3के’ का फॉर्मूला तयार किया गया है। मंत्रालय की यूएस विजिलेंस यानी अंडर सेक्रेटरी विजिलेंस ने ‘3के’ फार्मूला तैयार किया है। ‘3के’ यानी ‘कामकाज, करेक्टर, करप्शन’ के आधार पर यह तय होगा कि सालों से जुगाड़ पर बैठे बाबू अब गृह मंत्रालय में रहेंगे या बाहर जाएंगे। इन तीनों मानकों में से एक में भी रडार पर आने वाले बाबुओं की छुट्टी हो सकती है।
3के फॉर्मूला सिर्फ पहले के कर्मचारियों को ही नहीं बल्कि नए पोस्टिंग वाले अधिकारियों पर भी लागू होगा। किसी के भी भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड को माफ नहीं किया जाएगा।
रिपोर्ट में इस बार करेक्टर यानी चरित्र को खास तव्वजो दी जा रही है। अगर किसी कर्मचारी के खिलाफ मंत्रालय में महिला कर्मियों से बदतमीजी के आरोप हैं तो फिर से जांच होगी। ऐसे मामलों के लिए अलग से एक कमेटी बनाई गई है। इसी तरह भ्रष्टाचार पर भी कड़े प्रहार की तैयारी की जा रही है।
मंत्रालय में ऐसे कर्मचारी भी हैं, जो फाइलों को इधर-उधर करने के मास्टर हैं। यूएस विजिलेंस ऐसे कर्मियों का भी पता लगा रही है। इसके लिए मंत्रालय के सीसीटीवी भी खंगाले जाएंगे। कौन-कौन से बाबू दफ्तर में न बैठकर, गलियारे में घूमते रहते हैं, उनका भी अलग से रिकॉर्ड तैयार होगा।
कर्मचारियों का कामकाज को भी देखा जाएगा। प्रत्येक कर्मचारी के प्रदर्शन पर आधारित बनने वाली एनुअल कोंफिडेंशियल रिपोर्ट, यानि एसीआर रिपोर्ट के अलावा जो कर्मचारी जिस ब्रांच में तैनात है, उसके प्रमुख से भी एक अलग रिपोर्ट मांगी जा रही है। अगर किसी कर्मचारी की रिपोर्ट थोड़ी सी भी प्रतिकूल है तो उसे माफ नहीं किया जाएगा।
अमित शाह के गृह मंत्री बनते ही यह उम्मीद लगाई जा रही थी की वो इन बाबुओं पर कड़े कदम लेंगे। उम्मीदों के मुताबिक उनके निर्देश पर यूएस विजिलेंस द्वारा यह 3के का फार्मूला तैयार किया गया है। इससे पहले अमित शाह ने रॉ, आईबी, एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ लगातार बैठककर सबसे अहम मुद्दा कश्मीर समस्या पर ध्यान दिया और कई अहम फैसले लिए। जैसे कश्मीर में सभी सक्रिय आतंकियों की हिट लिस्ट तैयार करवाई। इस सूची में अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे कश्मीर घाटी में सक्रिय शीर्ष दस आतंकियों को सम्मिलित किया गया है।इसके बाद दिल्ली के न्यायालय की स्वीकृति मिलते ही तीन अहम अलगाववादी आसिया अन्द्राबी, मस्सर्रत आलम और शब्बीर शाह को एनआईए को सौंप दिया गया।
इन त्वरित कारवाई से आंतरिक मामलों में देश को भ्रष्टाचार से लड़ने में मदद मिलेगी। और मंत्रालय को अपनी जागीर समझ बैठे इन बाबुओं से छुटकारा मिलेगा। इससे देश का नौकरशाही हरकत में आएगा, फाइलें जल्दी आगे बढ़ेंगी और तुरंत निर्णय लेने में मदद मिलेगी।