मोदी सरकार की एक और कूटनीतिक जीत होने जा रही है। पीएनबी घोटाले के प्रमुख अभियुक्तों में से एक मेहुल चोकसी को जल्द ही भारत में प्रत्यर्पित किए जाने की उम्मीद है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एंटीगुआ की सरकार चोकसी की नागरिकता को रद्द करने की तैयारी में है। इस कदम से उसका प्रत्यर्पण का रास्ता आसान हो जाएगा। भारत के कूटनीतिक दबाव के बाद एंटीगुआ के अधिकारियों ने यह निर्णय लिया। एंटीगुआ के प्रधान मंत्री गैस्टन ब्राउन ने कहा कि हमारा देश अपराधियों और वित्तीय अपराधों में शामिल लोगों के लिए सुरक्षित आश्रय नहीं बनेगा।
एंटिगुआ के पीएम ने कहा ‘चोकसी की नागरिकता पर कार्रवाई की गई, उनकी नागरिकता रद्द कर दी जाएगी और उन्हें भारत भेज दिया जाएगा’। उन्होंने आगे कहा ‘वर्तमान में मामला अदालत के समक्ष है, इसलिए हम उचित प्रक्रिया कर रहे है। हमने भारत सरकार को बताया है कि अपराधियों के भी मौलिक अधिकार होते हैं और चोकसी को अदालत में अपना बचाव करने का हक़ है’। उन्होने आगे बताया कि मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं, जब उनकी सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो जाएंगे, तो उन्हें प्रत्यर्पित कर दिया जाएगा।
मेहुल चोकसी और उनके भतीजे नीरव मोदी को भारत में कई एजेंसियों द्वारा 13,600 करोड़ रुपये का विदेशी ऋण पत्रों के माध्यम से धोखाधड़ी का आरोप है। मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजली जेम्स लिमिटिड पर पंजाब नेशनल बैंक की ब्रैडी हाउस ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ मिलकर बिना किसी जमानत के लेटर ऑफ अंडरटेकिंग लेने का आरोप है। इसी एलओयू के आधार पर गीतांजली जेम्स लिमिटिड़ को विदेशी कर्जदाताओं से विदेशी मुद्रा के रूप में कर्ज़ मिला था।
जब वह वरिष्ठ अधिकारी सेवानिवृत्त हुए, तो गीतांजलि ने फिर से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के लिए आवेदन किया लेकिन इस बार बैंक अधिकारियों ने बिना प्रमाण के एलओयू देने से इंकार कर दिया। बाद में, पीएनबी के एक आंतरिक जांच से पता चला कि गीतांजलि जेम्स को बिना किसी जमानत के कई एलओयू जारी किए गए थे। ईडी ने नीरव मोदी की कम्पनियों में तीन गुना और चोकसी की कम्पनियों में लगभग 10 गुना स्टॉक के मूल्य में बढ़ोतरी पाई थी।
घोटाला सामने आने के कुछ हफ़्ते पहले ही नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने जनवरी में देश छोड़ दिया था। मोदी और चोकसी के खिलाफ मामला प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत दर्ज किया गया था, जो काले धन से प्राप्त संपत्तियों को जब्त करने की अनुमति देता है। इंटरपोल ने फरार अरबपति मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) भी जारी किया था। सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा था, “सीबीआई के अनुरोध पर इंटरपोल ने मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है।”
अपने प्रत्यर्पण के बारे में बताते हुए, मेहुल चोकसी ने हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया था कि उसने मेडिकल चेक-अप के लिए भारत छोड़ा था न कि मामले में अदालत से बचने के लिए। अगर इस मामले में मेहुल चोकसी का प्रत्यर्पण होता है, तो यह निश्चित ही विदेशों में भारत की कूटनीतिक शक्ति को बढ़ावा देगा।