यूपी पुलिस को सोशल मीडिया पर बदनाम करने की होड में अब कांग्रेस की महासचिव और राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी भी शामिल हो गयी हैं। उन्होने 27 जून को एक ट्वीट किया और लिखा,’ पूरे उत्तर प्रदेश में अपराधी खुलेआम मनमानी करते घूम रहे हैं। एक के बाद एक अपराधिक घटनाएँ हो रही हैं। मगर उ.प्र. भाजपा सरकार के कान पर जूँ तक नहीं रेंग रही। क्या उत्तर प्रदेश सरकार ने अपराधियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है?’
पूरे उत्तर प्रदेश में अपराधी खुलेआम मनमानी करते घूम रहे हैं। एक के बाद एक अपराधिक घटनाएँ हो रही हैं। मगर उ.प्र. भाजपा सरकार के कान पर जूँ तक नहीं रेंग रही।
क्या उत्तर प्रदेश सरकार ने अपराधियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है? pic.twitter.com/khYP4eZam2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 29, 2019
इसके साथ ही उस ट्वीट में विभिन्न अखबारों के कटिंग्स भी लगा रखे थे जिसमें यूपी में हुये आपराधिक घटनाओं की खबरें छपी थी। उस फोटो में बदायूं में बंदूक की नोक पर तलाशी, अमेठी में फायरिंग और उन्नाव जेल में कैदियों द्वारा बंदूक लहराने जैसी घटनायें दर्शायी गयी थी। हालांकि, प्रियंका वाड्रा के इस भ्रामक ट्वीट का जवाब उत्तर पुलिस ने अपने आंकड़ों से दिया। यूपी पुलिस ने आंकड़ों के साथ हिन्दी और अँग्रेजी दोनों भाषाओं में जवाब दिया और बताया कि यूपी पुलिस के लगातार प्रयास से आपराधिक घटनाओं में 20-35% की कमी आई है।
गम्भीर अपराधों में यूपी पुलिस द्वारा अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की गयी है
2 वर्षों में 9225 अपराधी गिरफ़्तार हुए और 81 मारे गये हैं |रासुका में प्रभावी कार्यवाही कर लगभग 2 अरब की सम्पत्ति ज़ब्त की गयी है
डकैती, हत्या, लूट एवं अपहरण जैसी घटनाओं में अप्रत्याशित कमी आई है https://t.co/DE9KmtRBtK— UP POLICE (@Uppolice) June 29, 2019
यूपी पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से प्रियंका गांधी वाडरा को जवाब जवाब देते हुये बताया की 2 वर्षों में 9225 अपराधी गिरफ़्तार हुए और 81 मारे गये हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) में भी प्रभावी कार्यवाही कर लगभग 2 अरब की सम्पत्ति ज़ब्त की गयी है।
गम्भीर अपराधों में यूपी पुलिस द्वारा अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की गयी है
2 वर्षों में 9225 अपराधी गिरफ़्तार हुए और 81 मारे गये हैं |रासुका में प्रभावी कार्यवाही कर लगभग 2 अरब की सम्पत्ति ज़ब्त की गयी है
डकैती, हत्या, लूट एवं अपहरण जैसी घटनाओं में अप्रत्याशित कमी आई है https://t.co/DE9KmtRBtK— UP POLICE (@Uppolice) June 29, 2019
यह पहली बार नहीं है कि यूपी पुलिस ने झूठ फैलाने वालों को जवाब दिया है और सच जनता के सामने लाया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को बदनाम करने के लिए कई एजेंडावादी लोग साथ आ गए है और झूठी खबरे फैला रहे है। पिछले दिनों चिनमयी श्रीपदा ने इंडिया टाइम्स द्वारा साझा किए गए एक लेख का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस पर एक गैंगरेप पीड़िता के प्रति असंवेदनशील होने का आरोप लगाया था। और यूपी पुलिस पर झूठे आरोप मढ़ने की कोशिश की थी। इसपर भी यूपी पुलिस ने कड़ा जवाब देते हुये उनके उस झूठी खबर की जांच कर बताया की वह घटना वर्ष 2017 की है। और उन्हें यह भी बताया कि एक महिला को इस मामले में पुलिस को गुमराह करने के लिए गिरफ्तार भी किया गया है।
-Meanwhile it is not expected of celebrities to post a #FakeNews of 2017 in 2019.
-Meanwhile the victim had lodged a fake gang rape case which the SI had exposed hence revengeful.
-Meanwhile t charges against SI were found false after proper investigation & voice sampling test pic.twitter.com/CidRGdJ1XE— UPPOLICE FACT CHECK (@UPPViralCheck) June 26, 2019
आज देश का पूरा मीडिया तंत्र यूपी सरकार को नीचा दिखने के लिए कमर-कस कर फर्जी खबरें फैला रहा है। हालांकि, यहाँ यूपी पुलिस की काफी सराहना की जानी चाहिए। अपने खिलाफ इतना एजेंडा चलाये जाने के बाद भी यूपी पुलिस ने अपना धैर्य नहीं खोया और शांत तरीके से इन मामलों को संभाला। और झूठी खबरों का खंडन किया है। लगातार सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिती से यूपी पुलिस प्रयास कर रही है की जनता को राज्य के लॉं एंड ऑर्डर संबंधी सही और प्रामाणिक खबरें मिले। यह सराहनीय है कि यूपी पुलिस अपराध मुक्त यूपी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए हुए है।