ज़बरदस्त जनादेश के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा युक्त एनडीए सरकार ने सत्ता वापसी का मार्ग प्रशस्त किया। अपने दम पर 303 सीट और साथी दलों के साथ मिलकर 353 सीट जीतकर न सिर्फ एनडीए ने नया कीर्तिमान रचा, बल्कि पांच साल का कार्यकाल पूरा कर दोबारा सत्ता में पूर्ण बहुमत के साथ वापसी करने वाली पहली गैर कांग्रेसी सरकार भी बनी।
ऐसे में जहां एक तरफ देश भर में खुशी और हर्षोल्लास का माहौल है, तो वहीं दूसरी तरफ हमारे परम प्रिय लेफ्ट लिबरल खेमे में मायूसी छाई हुई है। सभी षडयंत्रों के बावजूद जिस तरह मोदी सरकार ने सत्ता वापसी की है, उससे लेफ्ट लिबरल गैंग में मायूसी छाई हुई है। रही सही कसर अमित शाह के गृह मंत्री बनने से पूरी हो गयी। ऐसे में अब जहां कुछ लेफ्ट लिबरल सदमे में डूबे हुये हैं, तो कुछ लेफ्ट लिबरल अपने अनुकूल परिणाम न आने पर जनादेश का ही मज़ाक उड़ाने में लगे हुये हैं।
Here is the clipped portion with incriminating evidence. But dont think there will be any lessons learnt. pic.twitter.com/EHfUeDq8KY
— spv (@shalinispv) May 31, 2019
पर इनसे इतर चलते हुए लेफ्ट लिबरल पोर्टल ‘द प्रिंट’ के संस्थापक और जाने माने लेफ्ट लिबरल पत्रकार शेखर गुप्ता हाल ही में सम्पन्न हुए ‘हाउ इंडिया वोटेड’ सम्मेलन में अपने ही बिरादरी की पोल खोलते हुए नज़र आए। उक्त सम्मेलन में बातचीत करते हुए शेखर गुप्ता ने अप्रत्यक्ष रूप से सबके सामने स्वीकारा कि चुनावों के समय लेफ्ट लिबरल गैंग का सिर्फ एक ही ध्येय था : किसी भी तरह मोदी को सत्ता से हटाना और इसके लिए चाहे उनके अच्छे कार्यों को अनदेखा ही क्यों न करना पड़े, जिनसे आम जनता को वाकई में फ़ायदा पहुंचा है। इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी की सराहना भी की।
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शेखर गुप्ता के इस सम्मेलन में कहा,, ‘मुझे पहले लगा कि मुद्रा लोन बकवास है, झूठा है। पर मेरे पास वीडियो है, जिसमें आजमगढ़ से पचास किलोमीटर दूर एक शोभालाल नाम का एक दलित कहता है कि मुझे 50000 का मुद्रा लोन मिला, जिससे मैंने ये चाय की दुकान बनाई, और मैं हर महीने 1300 रुपये की किश्त वापिस अदा करता हूं। यदि मैं किन्हीं कारणों से किश्त नहीं चुका पाता हूं, तो बैंक मैनेजर किसी व्यक्ति को मेरे पास भेजते हैं। इसके बाद मैंने वापिस आकर बाकी डाटा चेक किया, तो करीब 4.81 करोड़ लोगों को अब तक मुद्रा लोन का लाभ मिला है, और 2.1 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का कर्ज़ दिया जा चुका है।‘
इसी मुद्दे पर शेखर गुप्ता ने आगे बताया, ‘अब मुझे ये बात ईमानदारी के साथ कहना पड़ेगा कि हम जैसे पत्रकार और वक्ताओं ने इन सुधारों को अनदेखा करने का विकल्प चुना। यहां तक कि जब भी हम इन सुधारों में बढ़ोत्तरी देख रहे थे, हमने इसको जानबूझकर अनदेखा किया।’ अपनी बात को साबित करने के लिए शेखर गुप्ता ने गैस सिलिंडर का उदाहरण भी दिया और कहा, ‘अरे, उन्हें गैस सिलिंडर मिल गया लेकिन वो दूसरा सिलिंडर लेने की क्षमता नहीं रखते हैं, क्योंकि उसके लिए उन्हें सिलिंडर का पूरा मूल्य चुकाना पड़ेगा। पर वो झूठ है, अगले सिलिंडर पर पूरा मूल्य नहीं लगेगा। अगर आप पूरा मूल्य चुकाओगे, तो आपको पूरी सब्सिडी सीधा आपके बैंक खाते में वापिस मिलेगी।‘ इससे साफ़ है कि शेखर गुप्ता मानते हैं कि कुछ मीडिया वर्ग ने जानबूझकर आम जनता को गुमराह करने का पूरा प्रयास किया था। हालांकि, ये अलग बात है कि ये प्रयास सफल नहीं हो पाए थे।‘
जहां एक तरफ राणा अय्यूब और आरफा खानुम शेरवानी जैसे पत्रकार जनादेश का न सिर्फ मखौल उड़ा रहे हैं, बल्कि अमित शाह और प्रताप चन्द्र सारंगी जैसे मंत्रियों के खिलाफ झूठी खबरों को बढ़ावा दे रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ शेखर गुप्ता की यह स्वीकारोक्ति कई लोगों को हैरत में अवश्य डाल सकती हैं। पर शेखर गुप्ता सिर्फ यहीं तक नहीं रुके। उन्होंने कांग्रेस पार्टी को आड़े हाथ लेते हुए उनके चुनाव प्रचार के तौर तरीकों पर ही प्रश्न चिन्ह खड़े कर दिये।
शेखर गुप्ता ने कांग्रेस पार्टी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘ इतने दिनों के प्रचार में मैंने तो कभी नहीं सुना की राहुल गांधी या कांग्रेस पार्टी से किसी ने भी यूपीए द्वितीय के अंतर्गत लाये गए सुधारों के बारे में कुछ भी बात की हो। ये कांग्रेस पार्टी का आत्मघाती रवैया है। वे मोदी पर दोष डालना चाहते हैं। वे मीडिया पर दोष डालना चाहते हैं। सत्ता की हताशा में कांग्रेस ने तथ्यों को अनदेखा किया कभी अपने कार्यकाल में किये गये कार्यों पर बात नहीं की और न ही जनता से जमीनी स्तर पर जुड़ने की कोशिश की। वास्तव में वो जीत के पीछे के कारणों को समझने की कोशिश नहीं कर रहे और न ही समझना चाहते हैं, न ही जनता की नब्ज को समझने में सफल हुए हैं। वो अपनी ही खामियों को नहीं देखना चाहते हैं और न ही समझना चाहते हैं बस वही कर रहे हैं जो उन्हें सही लगता है।‘ शेखर गुप्ता ने मुस्लिम वोट को लेकर कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति पर भी निशाना साधा और हिदायत दी कि वो इस तरह की राजनीति से बचे क्योंकि देश के मतदाताओं की सोच में काफी बदलाव आ चुका है। ऐसे में उन्हें देश के जनादेश का सम्मान करना चाहिए। शेखर गुप्ता के ये बोल हैरान करने वाले हैं लेकिन सच्चाई भी है जिसे लेफ्ट लिबरल गैंग और मीडिया का एक वर्ग जानबूझकर अनदेखा करता आया है।
ऐसा लगता है कि शेखर गुप्ता को अब जाकर ये समझ आया है कि देश की जनता को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है। कांग्रेस ने देश के मतदाताओं को योजनाओं के नाम पर कई बार बेवकूफ़ बनाया जा चुका है। इसी कारण इस देश के मतदाता को अब कांग्रेसी योजनाओं में ज़रा भी विश्वास नहीं है। अगर पहले कुछ हुआ भी था, तो लोगों को उसका फ़ायदा बहुत कम ही मिल पाया था। कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार के सुशासन से इसलिए नहीं लड़ पा रही क्योंकि इनके पास वैसी बुद्धि ही नहीं है।‘
जो व्यक्ति स्वयं मोदी विरोध के नाम पर नित्य अफवाहों और झूठी खबरों को अपने पोर्टल के माध्यम से बढ़ावा देता आया हो, उसके मुंह से ये स्वीकारोक्ति कई लोगों को हैरत में अवश्य डाल सकती है। पर शायद शेखर गुप्ता को भी कुछ हद तक समझ में आ गया है, कि आप कुछ लोगों को कुछ समय के लिए बेवकूफ़ बना सकते हो लेकिन हर बार ऐसा नहीं हो सकता।‘ ऐसे में हम आशा करते हैं की यही बात इनकी बिरादरी के सदस्य भी जल्द समझ जायें ।