संदेसरा घोटाले मामले में अहमद पटेल पर ईडी ने कसा शिकंजा

अहमद पटेल

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हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने संदेसरा घोटाले में कांग्रेस नेता अहमद पटेल पर अपना शिकंजा कसते हुए उनसे संबन्धित स्टर्लिंग बायोटेक – संदेसरा ग्रुप के मनी लॉन्ड्रिंग के संबंध में 9800 करोड़ रुपये की  संपत्ति जब्त की है। सम्पत्तियों में ग्रुप के भगोड़े मालिकों की नाइजीरिया में ‘ओएमएल 143’ नाम का तेल क्षेत्र और चार तेल रिग, पनामा में पंजीकृत चार पोत, अमेरिका में पंजीकृत एक ‘गल्फस्ट्रीम’ विमान और लंदन में स्थित एक आवासीय फ्लैट शामिल है। अहमद पटेल कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा सांसद है और एक समय पर यूपीए कार्यकाल में सोनिया गांधी के ‘राइट हैंड मैन’ कहे जाते थे।

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संदेसरा ग्रुप के मालिक नितिन संदेसरा 5000 करोड़ के बैंक फ़्रौड केस में वांछित हैं, जिनके पीछे ईडी और सीबीआई दोनों पड़ी है। उन्होंने आंध्रा बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के समूह से 5000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जो बाद में एनपीए यानि नॉन परफॉर्मिंग एसेट में परिवर्तित हो गया। कई मीडिया सूत्रों के अनुसार संदेसरा ग्रुप पर लगभग 8000 करोड़ रुपये से ज़्यादा कर्ज़ न चुकाने का आरोप है।  

इनके गुजरात आधारित कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड पर कई आईएएस, आईपीएस एवं आयकर विभाग के अफसरों को घूस देकर अपना काम निकलवाने का आरोप है। कई लोगों और कुछ विश्वसनीय सूत्रों का मानना है कि ये कांग्रेस नेता अहमद पटेल एवं उनके परिवार के सदस्यों के भी काफी नजदीक है। सूत्रों के मुताबिक कई गवाहों ने अहमद पटेल के दिल्ली स्थित आवास और उनके विश्वासपात्र गगन धवन के घर पर स्टर्लिंग बायोटेक की ओर से नकद की आवाजाही को भी देखा है। यहां गगन धवन ने बिचौलिया की भूमिया निभाई थी।

हाल ही में दिल्ली की एक विशेष अदालत ने इस कंपनी को ईडी की याचिका पर कानूनी नोटिस भेजा है। याचिका में ईडी ने वांछित मालिकों को भगोड़ा घोषित करने का निवेदन किया है। नितिन संदेसरा के अलावा चेतन संदेसरा, दीप्ति संदेसरा एवम हितेश पटेल इस विवादित फ़र्म के भगोड़े मालिकों में शामिल है।

अहमद पटेल पर जांच एजेंसियों की पहले से ही नज़र गड़ी हुई है। ईडी ने जब 2018 में इस मामले में प्राथमिक जांच की थी तब उनका नाम पहली बार सामने आया था। और यह पहला अवसर नहीं है जब अहमद पटेल को भ्रष्टाचार में संलिप्त पाया गया हो। ऑगस्टा वेस्टलैंड घोटाले से संबन्धित चार्जशीट में गांधी परिवार के अलावा इनका नाम भी सामने आया है। स्वयं पकड़े गए दलालों में से एक  क्रिश्चियन मिशेल ने ये स्वीकार किया है  कि अहमद पटेल भी इस घोटाले में संलिप्त थे।

इतना ही नहीं लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ऑफिस में हवाला के 20 करोड़ रुपये पहुंचाए जाने का मामला भी सामने आया था, तो आयकर विभाग के छापे से ऐन वक्त पहले अहमद पटेल अपने एक विश्वासपात्र, एसएम मोइन के घर गये थे जिससे जांच एजेंसियों का शक और प्रबल हो गया।

ग्रेस पार्टी ने एक प्रेस रिलीज़ में दावा किया था कि मोदी सरकार के तहत 23 लोग भाग गए हैं। हालांकि, इस सूची में सिर्फ 19 नाम का ही उल्लेख था और उन्होंने बाकि नाम जानबुझकर छुपाया था।

जब कांग्रेस विजय माल्या और नीरव मोदी के संबंध में मोदी सरकार को घेरने चली थी, तब उन्होंने पार्टी के एक प्रेस रिलीज़ में 23 भगोड़े अपराधियों की सूची सौंपी थी, जिसमें अप्रत्याशित रूप से केवल 19 नाम मौजूद थे। रोचक बात तो यह है कि उन 4 नामों में नितिन संदेसरा और उनके रिश्तेदारों का उल्लेख तक नहीं किया गया था। इन नामों को जानबुझकर छुपाया गया था। कांग्रेस का घोटालों से नाता कितना गहरा है ये तो किसी से छुपा नहीं है लेकिन जिस तरह से समय के साथ बड़े खुलासे हो रहे हैं उससे तो यही लगता है कि इस पार्टी ने अपने शासनकाल में सिर्फ जनता को ठगा है और यही वजह है कि आज ये पार्टी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।

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