इधर नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ ली तो वहीं दूसरी तरफ यूपी में योगी सरकार भी अपने काम को आगे बढ़ाते हुए अब 4 नए एक्स्प्रेस वे के निर्माण के जरिये प्रदेश की जनता और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले किसानों को इसका लाभ देने की दिशा में काम कर रही है। योगी सरकार जिन चार एक्सप्रेस वे पर काम कर रही है उनमें पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे, लिंक रोड एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे शामिल है। इनमें सबसे पहले योगी सरकार की प्राथमिकता पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को शुरू करने की है। आइये आपको बताते हैं इन एक्सप्रेसवे से जुड़ी खास बातें और यह किन इलाकों को कवर करेगा साथ ही इससे कितने लोगों को रोजगार मिलेगा।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे
343 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे लखनऊ-आजमगढ़ होते हुए गाजीपुर तक जाएगा जो करीब 40 गांवों से होकर गुजरेगा। इसका निर्माण उत्तरप्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलेपमेंट अथॉरिटी करेगी। बताया जा रहा है कि, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे लखनऊ के चंदसराय से मऊ हाते हुए गाजीपुर के हैदरिया को जोड़ेगा। इसके अतिरिक्त एक्सप्रेस-वे को एक अलग लिंक रोड के माध्यम से वाराणसी से भी जोड़ा जाएगा, वहीं लोकसभा नतीजे आने से पहले सीएम योगी ने इस एक्सप्रेसवे को लेकर अधिकारियों से मीटिंग की थी जिसमे उन्होंने जल्द से जल्द काम पूरा कर अगस्त 2019 तक शिलान्यास करने कि बात कही गई। अगर बात करें एक्सप्रेसवे बनाए जाने से आम जनता को क्या फायदा होगा तो उसमें प्रदूषण स्तर में गिरावट, समय की बचत, ईंधन की बचत, दुर्घटनाओं में कमी के साथ-साथ कई लाभ मिलने संभावना जताई जा रही है। यही नहीं बताया जा रहा है कि, इस रूट पर जाने वाले लोगों की यात्रा समय में पांच घंटे तक का अंतर भी आएगा जिससे कम समय में लोग अपने गंतव्य की ओर पहुंच सकेंगे। अगर बात करें इस एक्सप्रेसवे को बनाने में होने वाले खर्च की तो वह लगभग 11000 हजार करोड़ आयेगा। बता दें कि, यह प्रोजेक्ट अखिलेश सरकार में शुरू किया गया था लेकिन अब इसको नए सिरे से इसपर काम किया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के लिए किसानों की करीब 325 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित कर ली गई है जिसका भुगतान भी उन किसानों को लगभग कर दिया गया है।
गंगा एक्सप्रेस वे
सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में दूसर जो बड़ा नाम है वह गंगा एक्सप्रेसवे है, जो अब तक बने देश के सभी एक्सप्रेसवे में सबसे लंबा होगा। बात करें इस 600 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे में कवर होने वाले इलाकों की तो इसमे प्रदेश के सभी बड़े शहर शामिल हैं। इनमें वाराणसी, मिर्जापुर, प्रयागराज(इलाहाबाद), प्रतापगढ़, रायबरेली, उन्नाव, कानपुर, लखनऊ, कन्नौज, हरदोई, फरुखाबाद, शाहजहांपुर, बदायूं, मेरठ और बुलंदशहर शामिल हैं। 600 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे से इन इलाकों के लोगों को प्रदूषण, ट्रेफिक जाम से निजात, समय की बचत मिलने के साथ ही व्यापार के लिए इन इलाकों को विकास की एक नई दिशा मिलेगी। यही नहीं इन इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। जाहिर है एक्सप्रेसवे बनने से यहां फ़ैक्टरीयां बनेंगी जिससे लोगों को रोजगार के लिए दिल्ली, हरियाणा और पंजाब राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा।
लिंक रोड एक्सप्रेस वे
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेवसे पर काम की तैयारी शुरू हो गई है, बताया जा रहा है कि, इस एक्सप्रेसवे के लिए करीब 995 हेक्टेयर जमीन खरीदी जानी है। गोरखपुर से आजमगढ़ को जोड़ने वाले इस 89 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंजूरी दे दी है। जिन गांवों से जमीन खरीदी गई है उसमें सहजनवा, सादर और खजनी शामिल हैं। इसमें खजनी के सबसे अधिक लगभग 75 गांव शामिल हैं जहां से जमीन का अधिग्रहण किया गया है, बताया जा रहा है कि, यह एक्सप्रेसवे 4 लेन का होगा लेकिन इसके लिए जमीन 8 लेन की अधिग्रहित की गई है। हालांकि, अभी जमीन अधिग्रहण का काम जारी है और इसपर तेजी से काम चल रहा है। वहीं अगर बजट की बात करें तो इसमें करीब 1000 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे
करीब 3914 करोड़ रुपये के बजट से तैयार होने वाला यह एक्सप्रेसवे इटावा के पास लखनऊ-आगर एक्सप्रेस वे से जोड़ा जाएगा। यह चित्रकूट से शुरू होकर बांदा, हमीरपुर, महौबा, जालौन, औरैया होते हुए इटावा तक जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, इस एक्सप्रेसवे के बनने से आसपास के शिक्षण संस्थाओं और उद्योग के जरिये करीब 50 हजार लोगों सीधे या अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार हासिल होगा। इस एक्सप्रेसवे के लिए साल की शुरुआत में अधिकारियों के बीच खास मीटिंग हुई थी जिसके बाद इसपर काम शूरु करने की मंजूरी दे दी गई है। बताया जा रहा है कि, इस एक्सप्रेस वे पर निर्माण का कार्य 2021 तक पूरा हो जाएगा। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि, इस एक्सप्रेस वे के आसपास शिक्षण संस्थाओं, इंडस्ट्रियल ट्रेननिंग इंस्टीट्यूट बनाए जाएंगे। एक्सप्रेस वे के निर्माण के साथ ही संस्थाओं, ट्रेनेंग इंस्टीट्यूट के साथ कई और निर्माण होने हैं जिसका कुल खर्च 14916 करोड़ रुपये आएगा। इससे साफ जाहिर है कि, इसका सीधा लाभ इलाके के युवाओं और आम जनता को मिलेगा।
बता दें कि, प्रदेश को इन 4 बड़े एक्सप्रेस वे की सौगात देकर सीएम योगी जनता को अपने किए गए वादों को पूरा कर रहे है। इन एक्सप्रेस वे के निर्माण की बात योगी सरकार द्वारा जारी किए गए इस साल के बजट में भी शामिल था जिसको अब अगले 2022 के विधानसभा के चुनावों से पहले पूरा कर लिया जाएगा। योगी सरकार की इस नीति से जनता को रोजगार, प्रदूषण से मुक्ति, कम समय में गंतवय पहुंचने मे मदद के साथ ही प्रदेश का विकास होगा।