लेफ्ट लिबरल गैंग के कुछ प्रमुख सदस्यों ने देश के अंदर कथित नस्लभेद एवं जाति और धर्म के आधार पर हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने पर अपनी ‘नाराज़गी’ जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था। अब एक और पत्र सामने आया है लेकिन इस बार बॉलीवुड के अन्य 61 हस्तियों ने प्रधानमंत्री को ये पत्र लिखा है जिसमें इन सभी ने ‘असहिष्णु गैंग’ द्वारा लिखित पत्र के सभी बिन्दुओं का कटाक्ष किया है तथा उनके ‘सेलेक्टिव आउटरेज एंड फॉल्स नैरेटिव’ को लताड़ा है। इस पत्र को कंगना रनौत, गीतकार प्रसून जोशी, शास्त्रीय नृत्यांगना और सांसद सोनल मानसिंह, इंस्ट्रूमेंट लिस्ट पंडित विश्व मोहन भट्ट, फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर और विवेक अग्निहोत्री सहित 61 हस्तियों ने लिखा है। इस पत्र में 12 घटनाओं का जिक्र किया गया है जिसमें हिंदुओं पर अत्याचार हुआ या मोदी समर्थकों पर हमला किया गया और उस वक्त लिबरल गैंग चुप्पी साधे रहा। इस पत्र में ये भी कहा गया है कि 49 लोगों ने लोकतंत्र को बदनाम किया है।
कंगना रनौत, गीतकार प्रसून जोशी, शास्त्रीय नृत्यांगना और सांसद सोनल मानसिंह, इंस्ट्रूमेंटलिस्ट पंडित विश्व मोहन भट्ट, फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर और विवेक अग्निहोत्री सहित 61 हस्तियों ने 'सिलेक्टिव आउटरेज ऐंड फाल्स नेरेटिव्स' के खिलाफ एक ओपन लेटर लिखा https://t.co/Zn4lWf5MEY pic.twitter.com/7j6Id05TEo
— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) July 26, 2019
इस पत्र में लिखा है कि 49 स्वघोषित विवेकवान व्यक्तियों द्वारा लिखा गया पत्र प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ गलत नैरेटिव फैलाने की कोशिश है। इस पत्र का एक मात्र उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि को खराब करना है। शासन व्यवस्था को राष्ट्रीयता और जनसेवा भाव से सुदृढ़ करने का प्रधानमंत्री का अथक प्रयास को नीचा दिखाने के लिए किया गया है। खत में झूठे और अपमानजनक आरोपों पर सवाल उठाए गए हैं। इसमें पूछा गया है कि जब आदिवासी और हाशिए पर चल रहे लोगों को नक्सलियों द्वारा निशाना बनाया जाता है तब सेलिब्रिटी चुप क्यों रहते हैं? इसमें ये सवाल भी किया गया है कि जब अलगाववादियों ने कश्मीर में स्कूलों को जलाने का आह्वान किया था और जब देश के अग्रणी परिसरों में राष्ट्र को खंडित करने का आह्वान किया गया था तब उस पत्र के हस्ताक्षर कर्ता चुप क्यों थे?
आगे लिखा है,”उस पत्र में यह लिखा गया है कि ‘सरकार विरोध को देश विरोध नहीं कहा जा सकता है’ लेकिन सच्चाई यह है कि मोदी सरकार में सबसे ज्यादा अभिव्यक्ति की आज़ादी है जहां कोई भी सरकार या किसी से भी विरोध प्रकट कर सकता है। हमारा संविधान भले ही असहमति जताने का अधिकार देता है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हमारे देश के टुकड़े करने वालों का हम समर्थन करें। प्रधानमंत्री ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के नारे को बुलंद किया और विश्वास व्यक्त किया कि भारत आगे बढ़ना जारी रखेगा।“
इस पत्र के माध्यम से स्वप्न दासगुप्ता और विक्रम संपत जैसी कुल 61 हस्तियों और प्रोफेसरों ने यह भी लिखा है कि सभी से विनती है किसी भी लिंचिंग, प्रताड़ना यह धार्मिक स्थलों पर हमले की घटना का विरोध चयनात्मक हो कर नहीं बल्कि सभी घटनाओं का विरोध करना चाहिए।
इन कलाकारों ने प्रधानमंत्री के योजनाओं की तारीफ करते हुए लिखा है कि आज देश के गरीब व समाज में हाशिये पर चल रहे लोगों को सबसे ज्यादा लाभ मिल रहा है और वो मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।
बता दें कि 49 हस्तियों द्वारा जो पत्र लिखा गया वह प्रधानमंत्री को बदनाम करने की साजिश है और भारत को बदनाम करने के लिए एजेंडा के तहत लिखा गया था। आपको जानकर कोई हैरानी नहीं होगी कि 49 हस्तियों में से कई ने पहले भी ऐसे भ्रामक अभियानों को समर्थन किया है, और कुछ ने तो मोदी सरकार के अंध विरोध में देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने वाले व्यक्तियों का भी खुलेआम समर्थन किया है। इस पत्र में मणिरत्नम का नाम भी शामिल था, लेकिन उन्होंने चिट्ठी में अपने हस्ताक्षर होने से मना कर दिया था और अपने हस्ताक्षर को फर्जी बताया था।
खैर, ऐसी हस्तियों के इस पक्षपाती रुख की 61 हस्तियों ने अपने पत्र के जरिये कड़ी निंदा की है। ये पहली बार है जब देश में सिनेमा जगत दो भागों में बंट सा गया है एक देश के विकास और जनता के जनादेश के साथ है तो दूसरा धड़ा वो है जिसे देश में असहिष्णुता नजर आ रही जिसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है। इस तरह से विकास के मुद्दे पर देश से जुड़े मुद्दे पर बड़ी हस्तियां साथ नहीं आई हैं।