भज्जी ने ISRO के लिए 1 ट्वीट क्या किया, शेहला राशिद जैसे लिबरलों का कलेजा मुंह को आ गया

इसरो ने अपनी सफलता में चार चांद लगाते हुये चंद्रमा की ओर भारत के दूसरे मिशन, चंद्रयान-2 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। इसरो के प्रतिभावान वैज्ञानिकों को इसके लिए हर जगह से प्रशंसा मिली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द एवं पीएम नरेंद्र मोदी की शुभकामनाओं से जो सिलसिला प्रारम्भ हुआ, उसपर आगे चलकर प्रचलित हस्तियों से लेकर आम भारतीयों ने इसरो को इस अभूतपूर्व सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।

इसी दौरान प्रसिद्ध क्रिकेटर हरभजन सिंह ने इसरो को बधाई देते हुये एक मज़ाकिया ट्वीट पोस्ट किया –

इस ट्वीट के अनुसार कुछ देश चांद पर अपना झण्डा लहराकर आ गए, और कुछ देशों के झंडों पर ही चांद सिमट कर रह गया। इस ट्वीट के माध्यम से हरभजन ने यूएसए, रूस, चीन और भारत की प्रशंसा करते हुये उनकी प्रतिबद्धता को सराहा। हालांकि यह बात हमारे लेफ्ट लिबरल बुद्धिजीवियों के गले नहीं उतरी, और उन्होंने बिना कुछ सोचे समझे हरभजन को निशाना बनाते हुये उनके इस ट्वीट के लिए उन्हें निशाने पर लेने लगे।

हमारे व्यथित लेफ्ट लिबरलों में सबसे आगे थीं कविता कृष्णन, जिनको शायद हरभजन के इस ट्वीट से सबसे ज़्यादा आघात पहुंचा, जो उनकी पोस्ट में साफ दिख भी रहा था – उन्होंने लिखा ‘क्या मैं आपके इस वैमनस्य भरे ट्वीट में थोड़ी असलियत बता सकती हूँ? यह नेपाल का झण्डा है, जिसमें भी चाँद मौजूद है। जिस तरह आपने इन झंडों को इकट्ठे लगाया है, इससे इस्लामोफोबिया की बू आती है। आशा करती की आप श्रीलंकाई क्रिकेटरों से सीख कर इससे आगे बढ़ते।’ 

हरभजन के ट्वीट में कहीं भी किसी धर्म का उल्लेख नहीं हुआ था, लेकिन कविता कृष्णन ने जानबूझकर इस मज़ाकिया ट्वीट को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की।कविता कृष्णन की हां में हां मिलाते हुये विवादित जेएनयू छात्र नेता शेहला राशिद शोरा, जिन्होंने हरभजन सिंह की आलोचना करने वाले एक यूज़र के ट्वीट को अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया –

परंतु हरभजन के मज़ाकिया ट्वीट पर ये बेतुकी आलोचना न केवल अजीब, अपितु अशोभनीय भी सिद्ध हुई है। हरभजन ने तंज़ कसते हुये भारत को चंद्रयान-II के सफल प्रक्षेपण के लिए बधाई ही तो दी थी। वैसे भी, कविता की आलोचना की तुलना में नेपाल इस सूची का हिस्सा भी नहीं था, और हरभजन ने जिस उद्देश्य से यह ट्वीट किया था, उसके मुक़ाबले नेपाल के ध्वज में चंद्रमा का महत्व तो बिलकुल ही अलग है। ऐसे में इस बेतुकी आलोचना को हल्के में न लेते हुये सोशल मीडिया यूज़र्स ने कविता कृष्णन और शेहला राशिद शोरा को आड़े हाथों लेने में ज़रा भी समय नहीं गंवाया।

https://twitter.com/SarmaIND/status/1153569171596169216

वैसे भी, यह पहला अवसर नहीं है जब सेलेब्रिटीज़ को ऐसे ट्विट्स के लिए लेफ्ट लिबरल बुद्धिजीवियों के गुस्से का शिकार बनना पड़ा हो। जब गुरमेहर कौर के विवादित पोस्ट्स के कारण पूरा देश दो गुटों में बंट गया, उस समय माहौल को हल्का करने हेतु वीरेंद्र सहवाग ने अपने मज़ाकिया अंदाज़ में इस विषय पर एक पोस्ट किया, जिसपर अभिनेता रणदीप हुड्डा खिलखिला के हंस पड़े।

परंतु ये लेफ्ट लिबरल बुद्धिजीवियों को पसंद नहीं आया, जिन्होंने इसे एक चुनौती की तरह लेते हुये न केवल इन दोनों को खरी खोटी सुनाई, बल्कि इन्हे माफी मांगने के लिए भी बाध्य किया। इसके बावजूद ये लोग आशा करते हैं की पूरा देश 26/11, उरी और पुलवामा जैसे कायराना हमलों पर मौन रहें। ऐसे में हरभजन के ट्वीट पर लेफ्ट लिबरल्स की बेतुकी आलोचना न केवल अनुचित है, बल्कि अशोभनीय भी।  

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