अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में भारतीय प्रशंसकों के बड़ी संख्या के पीछे है ‘भारत आर्मी’

विश्व कप भारत आर्मी

PC: PTI

16 जून को जब भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व कप का मुक़ाबला शुरू होने वाला था। स्टेडियम खचाखच भरा हुआ था। चारों तरफ शोर ही शोर था। ऐसा लग रहा था मानो पूरा विश्व इस मैच को देखने आया हो। स्टेडियम हर तरफ से नीले रंग में ही रंगा था। और जब भारतीय प्रशंसकों का हुजूम शोर कर रहा था तो ऐसा लग रहा था मानों मैनचेस्टर के ओल्ड ट्राफ्फोर्ड मैदान में मैच देखने खुद समुद्र आ गया हो और खिलाड़ियों के उत्साह को बढ़ाने के लिए मनुष्य रुपी लहरें उठ रही हों।

भारत के लिए जय जयकार करने वालों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि पाकिस्तान के दर्शक भारतियों के समक्ष शून्य प्रतीत हो रहे थे। यह पाकिस्तान के ही विरुद्ध मैच में नहीं बल्कि 2019 के विश्व कप में भारत के सभी मुकाबलों में देखने को मिल रहा है। 

अब सवाल ये है कि आखिर कैसे भारतीय दर्शकों की संख्या इस विश्व कप में इतनी अधिक दिखाई दे रही है। इसका एक मात्र कारण भारत आर्मी (भारतीय प्रशंसकों का ग्रुप) है। इस समूह का गठन इंग्लैंड में वर्ष 1999 के विश्व कप में बस चार सदस्यों के साथ हुआ था। उस समय भारत आर्मी (भारतीय प्रशंसकों का ग्रुप) के संस्‍थापक राकेश पटेल भारत और पाकिस्तान का मैच देखने आए थे। उस मैच के दौरान पाकिस्तान के समर्थकों की संख्या भारत के समर्थको पर भारी पड़ रही थी। तभी उनके मन में ‘भारत आर्मी’ बनाने का विचार आया। अल जज़ीरा को दिए एक  इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि उस समय स्टेडियम में सिर्फ 300-400 भारतीय समर्थक ही मौजूद थे। इस वर्ष भारत आर्मी अपना 20वीं सालगिरह मना रही है । पिछले 2 वर्षो में इस समूह की लोकप्रियता बढ़ी है। और इस वर्ष भारत आर्मी आईसीसी की आधिकारिक यात्रा और पर्यटन का भागीदार है। इस वर्ष भारत का समर्थन करने 22 देशों से लगभग 8000 प्रसंशक पहुंचे है और यह सभी भारत आर्मी के सदस्य है।

इस समुह के सदस्य यूके, भारत, यूएई, आस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और अमेरिका में भी है। भारत और अमेरिका से सबसे ज्यादा समर्थक इस विश्व कप को देखने पहुंचे है। इस विश्व कप में भारत आर्मी के पास 5 बसें हैं जिससे समर्थकों को एक स्टेडियम से दूसरे स्टेडियम तक पहुंचाया जाता है। इस विश्वकप में आईसीसी मैच के टिकट बैलट सिस्टम के जरिये उपलब्ध करा रही है। इस पर राकेश पटेल कहते है, ‘टिकट प्रकिया में बैलेट सिस्टम होता है और कोई भी प्रशंसक आवेदन कर सकता है। हालांकि, टिकट मिलना प्रशंसक के भाग्य पर निर्भर करता है। लेकिन आफिशियल फैन ग्रुप जो आईसीसी के पार्टनर हैं उन्हें प्रायोरिटी दी जाती है। इस प्रायोरिटी लिंक का URL भारत आर्मी के सदस्यों को भेजा जाता है।”

पटेल के कहने का मतलब यह है कि टिकट बैलेट लगभग सभी के लिए एक ही समय पर खोली जाती है। परंतु जो आईसीसी के साथ जुड़े हैं वो निश्चित रूप से टिकट हासिल करने की लाइन में सबसे आगे होते हैं।

इस विश्व कप में कई मौके आये हैं जब इस भारत आर्मी ने अपने पोस्टर और गाने से भारतीय टीम का मनोबल बढ़ाया है। 16 जून को जब विजय शंकर खेलते वक्त संघर्ष कर रहे थे तो इस प्रशंसक समूह ने उनका मनोबल बढ़ाने के लिए जय जय विजय शंकर नाम से गाना गाया था। ऋषभ पंत के लिए भी इस ग्रुप ने आस्ट्रेलिया के विरुद्ध मैच में गाना गया था।   

पटेल अब ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों जैसे अन्य खेल आयोजनों में अपनी पहुंच बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। इस बीच, भारत आर्मी को अगले वर्ष ऑस्ट्रेलिया में टी 20 विश्व कप के लिए आधिकारिक साझेदार के रूप में नामित किया गया है। इस पर पटेल कहते हैं कि  टी 20 विश्व कप के लिए योजना पहले ही शुरू हो चुकी है।

राकेश पटेल के प्रयास सराहनीय है और उनके प्रयासों का असर हमें इस विश्व कप में देखने को भी मिल रहा है । भारी तादाद में भारतीय खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए पहुंचे भारतीय प्रशंसकों से खिलाड़ियों के अंदर का उत्साह बढ़ गया है और ये उत्साह और जज्बा उन्हें इस बार विश्व कप में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाला है।  

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