एबीपी न्यूज़ ने सेमीफाइनल में भारतीय टीम की हार पर की घटिया पत्रकारिता

क्रिकेट एबीपी न्यूज़

PC: Newsguru

आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में भारत का सफर दुर्भाग्यवश सेमीफ़ाइनल में ही समाप्त हो गया। सेमीफाइनल में भारत को न्यूज़ीलैंड के हाथों 18 रनों से हार का सामना करना पड़ा। रविन्द्र जडेजा और एम एस धोनी की जुझारू पारियों के बावजूद भारतीय टीम 240 के लक्ष्य को प्राप्त करने में असफल रही। इसी के साथ भारत का एक और विश्व कप जीतने का सपना इस बार भी अधूरा रह गया।

विश्व कप हारने के बाद से अधिकांश भारतीय या तो उच्च क्रम के लचर प्रदर्शन से खुश नहीं हैं या फिर धोनी को कथित रूप से खराब अंपायरिंग के कारण आउट दिये जाने पर आक्रोशित हैं। हालांकि, खेल को एक खेल भावना की तरह ही लेते हुए अधिकतर लोग भारतीय टीम के प्रयासों की सराहना भी कर रहे हैं। परंतु हद तो तब हो गयी, जब एबीपी न्यूज़ ने हार के पीछे के कारण जानने के अपने विश्लेषण के दौरान कुछ ऐसे ट्वीट किये जिसके लिए इसकी खूब आलोचना भी हो रही–

निस्संदेह भारत के असंख्य क्रिकेट प्रेमी सेमीफाइनल में भारतीय टीम के प्रदर्शन से खुश नहीं है, परंतु क्रिकेट एक खेल है, और खेल में हार जीत तो लगी रहती है। परंतु एबीपी न्यूज़ ने भारतीय टीम की खामियों को गिनाने और खेल में हुई हुई चूक पर बात करने की बजाय सीधे भारतीय क्रिकेट टीम के शीर्ष खिलाड़ियों को ही विलेन की तरह पेश किया। ये न केवल निंदनीय है, अपितु अशोभनीय भी है। ऐसा लगता है कि पत्रकारिता करते समय एबीपी न्यूज़ ने निष्पक्ष पत्रकारिता छोड़ हार के लिए खिलाड़ियों पर दोष मढ़ने का काम शुरू कर दिया।

बस फिर क्या था, लोगों का आक्रोश उमड़ पड़ा और उन्होंने एबीपी को इस घटिया पोल के लिए जमकर लताड़ा। क्रिकेट कमेंटेटर हर्षा भोगले से लेकर 2008 के अंडर 19 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य श्रीवत्स गोस्वामी, क्रिकेट की कई हस्तियों एवं प्रशंसकों ने एबीपी को इस घटिया पोल के लिए खूब खरी खोटी सुनाई –

https://twitter.com/RizviUzair/status/1148957906664087552

https://twitter.com/iawoolford/status/1149122173543436288

वैसे ये पहली बार नहीं है जब एबीपी ने इस तरह की निम्न स्तर की पत्रकारिता कर अपनी साख पर गंभीर सवाल उठाए हों।  अभी कुछ ही महीनों पहले जब पीएम मोदी ने एबीपी न्यूज़ से साक्षात्कार के दौरान लेफ्ट लिबरल पत्रकारों के गांधी नेहरू परिवार पर सवाल न उठाने पर आपत्ति जताई, तो एबीपी ने उस उक्त कथन को इंटरव्यू से ही हटा दिया था जिसकों लेकर एबीपी न्यूज़ को काफी आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा था। इसी तरह 2017 में मनीष सीसोदिया के बयानों को तोड़ मरोड़कर एबीपी न्यूज़ ने तो केजरीवाल को पंजाब का मुख्यमंत्री घोषित करने की हिमाकत तक कर डाली थी। अब भारत के विश्व कप के सेमीफ़ाइनल में हारने पर एबीपी ने जो  घटिया पोल  ट्विटर पर प्रकाशित की है, उसकी जितना निंदा की जाये, कम होगी!

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