पड़ोसी देश के प्रधानमंत्री इमरान खान पिछले दिनों अमेरिका के दौरे पर थे। पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे अमेरिका ने इमरान खान को बेइज्ज़त करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनके स्वागत के लिए कोई अमेरिकी अधिकारी नहीं पहुंचा और पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को ही उनका ‘घरेलू स्वागत’ करना पड़ा। हालांकि अपने तीन दिवसीय दौरे पर इमरान खान ने एक ऐसी बात कही जिसका खामियाजा अब उनके देश की तमाम जनता को भुगतना पड़ सकता है। दरअसल, अपने अमेरिकी दौरे पर इमरान खान ने इस बात को स्वीकारा कि पाकिस्तान में अभी लगभग 30 से 40 हज़ार आतंकवादी मौजूद हो सकते हैं। बता दें कि पाकिस्तान शुरू से ही अपने यहां किसी आतंकी समूह की मौजूदगी के दावे को खारिज करता आया है। हालांकि, अब इमरान खान की इस स्वीकारोक्ति के बाद पाकिस्तान का सालों पुराना एजेंडा सबके सामने एक्सपोज हो गया।
लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती, अब भारत इमरान खान की इस स्वीकारोक्ति को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने की पूरी तैयारी कर रहा है। दरअसल, सरकार में मौजूद सूत्रों के अनुसार भारत ने अक्टूबर में होने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की अगली बैठक में इस मुद्दे को प्रकाशित करके पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट करवाने के लिए कमर कस ली है। दरअसल, इमरान खान ने अमेरिकी दौरे के दौरान यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस को संबोधित करते हुए कहा था कि वर्ष 2015 में पेशावर में हुए एक स्कूल पर भयावह हमले के बाद पाकिस्तान मे आतंकियों से निपटने के लिए एक ‘नेशनल एक्शन प्लान’ को बनाया था। हालांकि, इमरान खान के मुताबिक पाकिस्तान में नई सरकार के आने के पहले तक उस एक्शन प्लान पर कोई काम नहीं किया गया।
इमरान खान ने कहा था ‘अगर आप आतंकी गुटों की बात करें तो अभी पाकिस्तान में 30 से 40 हज़ार आतंकी मौजूद है जिन्हें या तो अफ़ग़ानिस्तान में ट्रेन किया गया है या फिर कश्मीर में’। इमरान खान की इस स्वीकारोक्ति के बाद भारत ने इसपर अपनी खुशी जताई है। सरकारी अधिकारी ने द हिन्दू से बातचीत में बताया कि ‘पाकिस्तान की यह स्वीकारोक्ति बहुत महत्वपूर्ण है। हालांकि, अब पाकिस्तान द्वारा इन आतंकियों के विरूद्ध कार्रवाई करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है’।
इमरान खान ने पाकिस्तान में आतंकियों की मौजूदगी को स्वीकार कर पाकिस्तान के लिए एक और मुश्किल खड़ी कर दी है। दरअसल, पाकिस्तान ने अपने यहां मौजूद आतंकियों की संख्या जो FATF को बताई है, वह इमरान खान द्वारा बताए गए 40 हज़ार के आंकड़े से बहुत कम है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान के आतंक विरोधी कानून के तहत सिर्फ 8 हज़ार आतंकियों को ही पाकिस्तानी सरकार ने चिह्नित किया हुआ है।
अब इमरान खान और पाकिस्तान बुरी तरह फंस चुके हैं। इमरान खान के बयान को अगर सच माना जाए तो इससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान ने एफ़एटीएफ़ को गलत जानकारी दी और पूरे विश्व से जमीनी सच्चाईयों को छिपाने की कोशिश की। अब भारत इसी बात को एफ़एटीएफ़ की अगली मीटिंग में प्रकाशित करेगा और पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट करवाने की पूरी कोशिश करेगा। अगर पाकिस्तान कहीं भी दोषी पाया जाता है तो भारत अपनी कोशिश में कामयाब भी हो सकता है। हालांकि, इसके लिए हमें कुछ दिनों का इंतज़ार करने की आवश्यकता है।