युनेस्को ने ‘गुलाबी शहर’ जयपुर को विश्व धरोहर की सूची में किया शामिल, बढ़ेगी पर्यटकों की संख्या

(PC: The Pioneer)

गुलाबी शहर के नाम से मशहूर जयपुर को विश्व पटल पर एक नयी पहचान मिली है। यूनाइटेड नेशन्स के अंतर्गत काम करने वाले संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन यानि युनेस्को ने जयपुर को विश्व धरोहर का दर्जा प्रदान किया है। विश्व धरोहर की सूची में शामिल होने के बाद जयपुर को और ज़्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने का मौका मिलेगा। बाकू (अजरबैजान) में 30 जून से जारी यूनेस्को की विश्व धरोहर कमेटी के 43वें सत्र के बाद इसकी घोषणा की गयी । इस बैठक में विश्व विरासत सूची में जयपुर शहर का नाम शामिल करने पर विमर्श हुआ। इस घोषणा के बाद युनेस्को ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस बात की जानकारी दी।

इस खबर के सामने आने के बाद पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने लिखा ‘जयपुर संस्कृति और वीरता से जुड़ा शहर है। भव्य और ऊर्जावान, जयपुर का आतिथ्य सभी लोगों को आकर्षित करता है। जयपुर को विश्व धरोहर की सूची में शामिल किए जाने से मैं प्रसन्न हूं’।  

बता दें कि जयपुर भारत के सांस्कृतिक शहरों में से एक है और अभी यह शहर राजस्थान राज्य की राजधानी है। दिल्ली में मौजूद युनेस्को कार्यालय ने इससे पहले कहा था ‘जयपुर शहर प्राचीन हिन्दू, मुग़ल और पश्चिमी विचारों के आदान प्रदान के नतीजे से विकसित हुआ था’। बता दें कि अनुकरणीय शहर योजना और वास्तुकला के कारण ही शहर को विश्व धरोहर का दर्जा मिलने में आसानी मिली है। जयपुर ने विकास के नाम पर कभी अपनी सांस्कृतिक धरोहर को पीछे नहीं छोड़ा और वास्तुकला को सहेजकर रखा।

(PC: YouTube)

यूनेस्को भारत कार्यालय के निदेशक एरिक फाल्ट ने कहा कि वर्ष 2018 में मुंबई के विक्टोरियन गोथिक एंड आर्ट डेको इनसेंबल के सफल नामांकन के बाद यह दर्जा भारत के शानदार विरासत स्थल का एक और प्रमाण है। फाल्ट ने कहा, ”मैं इस सफल नामांकन के लिए भारत सरकार, राजस्थान सरकार और जयपुर शहर को तहे दिल से बधाई देता हूं।” संस्कृति मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जयपुर के शामिल होने के साथ यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में भारत में विरासत स्थलों की संख्या बढ़कर 38 हो गयी है। इसमें 30 सांस्कृतिक संपत्ति, सात प्राकृतिक संपत्ति और एक मिश्रित स्थल है। भारत की संस्कृति को सहेज कर रखने के लिए हम सभी को जयपुर शहर और यहां के वासियों का तहे दिल से धन्यवाद करने की आवश्यकता है। युनेस्को द्वारा जयपुर शहर को विश्व धरोहर का दर्जा दिया जाना ही इस शहर के साथ सबसे बड़ा न्याय है।

Exit mobile version