देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी को दुनिया के टॉप सीईओ की सूची में शामिल किया गया है। इस लिस्ट में मुकेश अंबानी के अलावा आईओसी के चेयरमैन संजीव सिंह और ओएनजीसी के प्रमुख शशि शंकर शामिल हैं। सीईओ वर्ल्ड पत्रिका ने इसी महीने 25 जुलाई को दुनिया के सबसे अधिक प्रभावशाली मुख्य कार्यकारियों की सूची जारी की है। इस सूची में 10 भारतीय सीईओ शामिल हैं।
आर्सेलरमित्तल के चेयरमैन एवं सीईओ लक्ष्मी निवास मित्तल सबसे ऊंची रैंकिंग (तीसरी) वाले भारतीय सीईओ हैं। हालांकि, उनकी कंपनी को लक्जमबर्ग की कंपनी के रूप में दिखाया गया है। इस 121 सीईओ की सूची में रिलायंस के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी 49वें, आईओसी के संजीव सिंह 69वें और ओएनजीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शशि शंकर को 77वां स्थान मिला हैं। अन्य भारतीय कंपनी के अधकरियों में स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार 83वें, टाटा मोटर्स के गुएंटर बटशेक 89वें, बीपीसीएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डी राजकुमार 94वें, राजेश एक्सपोर्ट्स के कार्यकारी चेयरमैन राजेश मेहता 99वें, टीसीएस के सीईओ राजेश गोपीनाथन 116वें और विप्रो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आबिदअली जेड नीमचवाला 118वें स्थान पर हैं।
इस पत्रिका के अनुसार वॉलमार्ट के सीईओ डगलस मैकमिलन पहले स्थान पर हैं। उनके बाद रॉयल डच शेल के वैश्विक मुख्य कार्यकारी बेन वान ब्यूंडर और आर्सेलरमित्तल के लक्ष्मी मित्तल का नंबर आता है। सऊदी अरामको के सीईओ अमीन एच नासिर इस सूची में चौथे स्थान पर हैं। वर्ष 2019 की वैश्विक सीईओ की सूची में बीपी के मुख्य कार्यकारी बॉब डुडले पांचवें, एक्सॉनमोबिल के सीईओ डेरन वुड्स छठे, फॉक्सवैगन के सीईओ हरबर्ट डिएस सातवें और टोयोटो के मुख्य कार्यकारी एकियो टोयोदा आठवें स्थान पर हैं। एपल के सीईओ टिम कुक सूची में नौवें और बर्कशायल हैथवे के सीईओ वॉरेन बफे 10वें पायदान पर हैं।
बता दें कि मुकेश अंबानी के नेतृत्व में कुछ ही दिन पहले ही रिलायंस ग्रुप की जियो भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बनी थी। तीन साल पहले भारत के दूरसंचार क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली रिलायंस जियो के ग्राहकों की संख्या बढ़कर 33.13 करोड़ हो गई है और इसी के साथ वोडाफोन आइडिया दूसरे पायदान आ गई। पिछले सप्ताह रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से जारी पहली तिमाही के नतीजों के मुताबिक उसकी अनुषंगी कंपनी रिलायंस जियो के ग्राहकों की संख्या जून 2019 के आखिर में 33.13 करोड़ बताया गया था। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के मुताबिक जियो मई में एयरटेल को पछाड़ते हुए देश की दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता बन गयी थी।
मुकेश अंबानी की बदौलत भारत में डेटा दर दुनिया में सबसे कम है। इसके अलावा कुछ ही महीने पहले मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड को भारत की सबसे बड़ी कंपनी होने का ताज मिला था। राजस्व, कमाई और मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर रिलायंस अब देश की सबसे बड़ी कंपनी उभर कर सामने आई थी। सबसे दिलचस्प बात यह है कि रिलायंस ने एक पब्लिक सेक्टर कंपनी यानि इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन को पीछे छोड़ पहले स्थान को प्राप्त किया था। वित्त वर्ष 2018-19 में इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन ने जहां 6 लाख 17 हज़ार करोड़ रुपये का टर्नओवर रिकॉर्ड किया तो वहीं रिलायंस का टर्नओवर 6 लाख 23 हज़ार करोड़ रहा था।
रिलायंस कंपनी की इस सफलता के पीछे मुकेश अंबानी का कुशल नेतृत्व माना जाता है। वे हर बड़े प्रोजेक्ट में खुद दिलचस्पी लेकर अपनी रणनीति को अंजाम देने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने देश के कई बड़े प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक पूरा किया, जिसमें 15 हज़ार करोड़ की लागत से जामनगर में बना रिलायंस पेट्रोलियम प्लांट शामिल था। वे आमतौर पर मीडिया से कम बातचीत करते हैं और बाज़ार में अपनी मोनोपोली स्थापित करने में विश्वास रखते हैं। मुकेश अंबानी के दोस्त और प्रतिद्वंदी उनके लिए ‘जुनूनी और क्रूर’ जैसे शब्दों का इस्तमाल करते है।