कांग्रेस मुखपत्र ने नागालैंड को अलग झंडा और पासपोर्ट देने को लेकर फैलाया झूठ

नेशनल हेराल्ड नागालैंड

(PC: Fact Hunt)

कांग्रेस का मुखपत्र नेशनल हेराल्ड एक बार फिर से सुर्खियों में है, और इस बार भी वे विवादों के केंद्र में है। दरअसल, नेशनल हेराल्ड ने हाल ही में ये खबर प्रकाशित की –  

इस खबर के अनुसार मोदी सरकार नागालैंड को अलग संविधान, अलग ध्वज इत्यादि की सुविधा देने के लिए तैयार हैं। अब ये समझ से बाहर है कि जो भाजपा सरकार कश्मीर को भारत से अलग करने के विरुद्ध रही है, वही अब नागालैंड को अलग ध्वज, अलग संविधान, और साथ ही साथ अलग पासपोर्ट देने के लिए कैसे राजी हो गयी?

नेशनल हेराल्ड ने कथित रूप से पूर्वोत्तर के कुछ स्थानीय रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा है कि मोदी सरकार ने (NSCN-IM) नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड के साथ शांति समझौते के तहत 8 बिंदुओं पर हस्ताक्षर हुए हैं।

हालांकि, इस आर्टिक्ल के सोशल मीडिया पर प्रकाशित होते ही कुछ जागरूक लोगों ने इसके पीछे के असली कारण की जांच पड़ताल करनी शुरू कर दी। जल्द ही यह बात सामने आ गयी कि नेशनल हेराल्ड द्वारा प्रकाशित यह लेख सफ़ेद झूठ है, जिसे उजागर करने में तथ्यों का विश्लेषण करने वाली वैबसाइट ‘फ़ैक्ट हंट’ ने एक अहम भूमिका निभाई है।

फ़ैक्ट हंट के लेख के अनुसार, ‘नागालैंड पोस्ट को दिए इंटरव्यू में राष्ट्रीय सुरक्षा के उप सलाहकार आर एन रवि जो हाल ही में नागालैंड के राज्यपाल नियुक्त किये गये हैं, उन्होंने बताया कि ये दावें निराधार हैं इनमें कोई सच्चाई नहीं है। रवि के अनुसार, ‘यह सब महज अफवाहें है। ऐसा कुछ भी नहीं है। नागालैंड के राजनैतिक गुटों के साथ बातचीत अभी भी जारी है, पर कई अहम मुद्दों पर हमारी गलतफहमियां दूर हुई हैं।‘

इस आधार पर फ़ैक्ट हंट ने नेशनल हेराल्ड द्वारा फैलाए जा रहे फेक न्यूज़ का पर्दाफाश किया और अपने ट्विटर अकाउंट पर ये पोस्ट किया

इससे पहले भी नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड से जुड़ी झूठी खबर फैलाई गयी थी तब स्वयं पूर्व गृहराज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ऐसे खबरों का खंडन करते हुए कहा था, “सरकार अद्वितीय नागा इतिहास को पहचानती है और इसी दिशा में ईमानदारी से एनएससीएन-आइएस के साथ इस पर बातचीत चल रही है ताकि इसका परिणाम सकारात्मक हो। ऐसे में अलग ध्वज और पासपोर्ट की जो न्यूज है वो बिल्कुल गलत है।”

हालांकि, यह पहला अवसर नहीं है जब नेशनल हेराल्ड ने भ्रामक खबरों के जरिये अपने एजेंडे का प्रचार करने का विफल प्रयास किया हो। चुनाव परिणाम से पहले पीएम मोदी का मज़ाक उड़ाना हो, या फिर राफेल मुद्दे को लेकर फेक न्यूज़ फैलानी हो, या फिर हिंदुओं के विरुद्ध भ्रामक लेखों को ही बढ़ावा देना क्यों न हो । नेशनल हेराल्ड अपने एजेंडा के प्रसार में कोई कसर नहीं छोड़ती।

ऐसे में नेशनल हेराल्ड का यह लेख कांग्रेस की संकीर्ण सोच को ही उजागर करता है, जो सत्ता पाने की हताशा में निम्न स्तर की राजनीति करने का एक अवसर नहीं छोड़ती है। कुछ ही महीनों पहले नरेंद्र मोदी अरुणाचल प्रदेश गए थे, तो उन्हें स्थानीय निवासियों ने एक टोपी भेंट में दी, जिसका नेशनल हेराल्ड की संपादिका मृणाल पांडे ने कुछ इस तरह मज़ाक उड़ाया था –

हालांकि, नागालैंड के बारे में ऐसी भ्रामक खबरें फैलाकर नेशनल हेराल्ड ने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारी है, क्योंकि नेशनल हेराल्ड घोटाले से संबन्धित मामला अभी अदालत में जारी है। ऐसे में नेशनल हेराल्ड के लिए अपनी साख बचाने के लिए जो अवसर इन्हे मिला था, उसे भी इनहोने अपने बीजेपी प्रशासन के अंध विरोध के प्रति बड़ी आसानी से गंवा दिया।

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