कल लोकसभा में AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी और गृह मंत्री अमित शाह के बीच जुबानी जंग देखने को मिली। दोनों के बीच एनआईए (संसोधन) बिल पर पर चर्चा के दौरान जमकर बहस हुई। दरअसल, ओवैसी ने चर्चा के दौरान भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह की एक बात पर आपत्ति जताई थी।
सिंह ने अपने भाषण में कहा था कि कुछ अल्पसंख्यक समुदाय के आरोपियों को बचाने के लिए राज्य के एक प्रभावशाली नेता द्वारा हैदराबाद के पुलिस कमिश्नर को आतंक से संबन्धित एक मामले में जांच भटकाने के निर्देश दिये गए थे। सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि उस नेता ने कमिश्नर को ऐसा ना करने की स्थिति में ट्रान्सफर करने की धमकी दी थी। सिंह ने आगे बताया कि वो उस समय मुंबई के पुलिस कमिश्नर थे और इसलिए उन्हें इस बात की जानकारी है।
ओवैसी इसी बात पर भड़क उठे और उन्होंने सिंह को बीच में टोकते हुए उस घटना से संबन्धित सभी सबूतों को सदन में पेश करने के लिए कहा। सदन के स्पीकर ने उन्हें बैठने के लिए कहा, लेकिन वे फिर भी शांत नहीं हुए।
ओवैसी के इस दुर्व्यवहार को देखते हुए अमित शाह को गुस्सा आया और उन्होंने कहा कि जब विपक्ष नेता अपनी बात रख रहे थे तो सरकार के किसी मंत्री या पार्टी के सांसद ने उन्हें बीच में नहीं टोका था, अब उन्हें भी इसी आचरण का अनुसरण करना चाहिए। ओवैसी तब भी नहीं माने तो शाह ने उन्हें कहा ‘सुनने की भी आदत डालिए ओवैसी साहब, इस तरह से नहीं चलेगा’।
अमित शाह ओवैसी को सिर्फ यही बता रहे थे कि उन्हें चर्चा के स्तर को इस तरह नहीं गिराना चाहिए और धैर्य के साथ सब की बात ध्यान से सुननी चाहिए। संसद के अंदर सभी को वाद-विवाद और चर्चा की मर्यादा का सम्मान करना चाहिए।
संसद के कीमती समय का इस्तेमाल अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि सभ्य चर्चाओं के माध्यम से देशनीति पर काम करने के लिए किया जाना चाहिए। हालांकि, ओवैसी को यह इतनी सी बात समझ में नहीं आई और उन्होंने संसद में ही विक्टिम कार्ड खेलना शुरू कर दिया।
ओवैसी ने अमित शाह पर उन्हें उंगली दिखाकर बात करने का आरोप लगाया और कहा कि इस तरह उन्हें डराया नहीं जा सकता। यह पहला मौका नहीं था जब विपक्ष के किसी नेता ने सरकार पर उन्हें डराने का आरोप लगाया हो, जब ऐसे नेताओं के पास तथ्य नहीं होते हैं, तो ये नेता अक्सर सरकार पर उन्हें डराने का आरोप लगाते रहते हैं।
साफ है कि ओवैसी भी यहां यही करते नज़र आए हालांकि अब की बार उनके सामने अमित शाह थे और शाह ने उन्हें ऐसा जवाब दिया कि संसद ठहाकों से गूंज उठा। शाह ने ओवैसी को जवाब दिया कि ‘जब आपके जहन में ही ड़र है, तो क्या किया जा सकता है’।
AIMIM के विवादित सांसद असदुद्दीन ओवैसी अपने सांप्रदायिक भड़काऊ भाषणों के लिए बदनाम हैं। एनआईए को और ज़्यादा शक्ति देने वाले बिल का ओवैसी ने समर्थन नहीं किया था।
इसके अलावा उनकी पार्टी आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपियों को बड़ी ही बेशर्मी से खुलेआम कानूनी सहायता भी दे चुकी है। हालांकि, संसद में अमित शाह ने जिस तरह ओवैसी की अभद्रता का जवाब दिया है, उससे भविष्य में ओवैसी के आचरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।