राहुल गांधी भले ही कांग्रेस अध्यक्ष का पद त्याग चुके हों, लेकिन स्वघोषित रिटायरमेंट के बावजूद उन्हें अभी किसी प्रकार का चैन मिलता दिखाई नहीं दे रहा है। दरअसल राहुल गांधी के विरुद्ध मानहानि के मामलों की एक लंबी सूची तैयार हो चुकी है, और राहुल गांधी इन मामलों के संबंध में आने वाले कई दिनों तक व्यस्त रहेंगे।
हाल ही में इन्हे मुंबई में गौरी लंकेश से संबन्धित मानहानि के मामले में न्यायालय में अपनी उपस्थिति दर्ज़ करनी पड़ी थी। ज्ञात हो की राहुल गांधी ने गौरी लंकेश के मामले के लिए आरएसएस को दोषी ठहराया था। मजगांव सेवड़ी के जिला न्यायालय ने जहां इनके विरुद्ध मुकदमा चलाने का निर्देश दिया, तो वहीं न्यायालय ने राहुल गांधी को सुनवाई के दौरान उपस्थिति से छूट भी दी। मुकदमा 22 सितंबर से न्यायालय में प्रारम्भ होगा।
#WATCH Rahul Gandhi after appearing in a Mumbai court in a defamation case: I didn't say anything in court,I had to appear. It's a fight of ideology,I'm standing with the poor & farmers.'Aakraman ho raha hai, mazaa aa raha hai'. I'll fight 10 times harder than I did in last 5 yrs pic.twitter.com/AoeQJfdTBU
— ANI (@ANI) July 4, 2019
राहुल गांधी ने अपने आप को इस मामले से बिल्कुल भी न प्रभावित होने का दिखावा किया, परंतु उनके लिए मुसीबतें अभी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। गौरी लंकेश संबन्धित मानहानि के मुकदमे के अलावा उन्हें अभी ठाणे जिले के भिवंडी क्षेत्र में स्थित जिला न्यायालय में एक और मामले में पेशी देनी पड़ेगी। इस मामले में राहुल गांधी ने महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराने का प्रयास किया, जिसको लेकर एक आरएसएस स्वयंसेवक ने इनके विरुद्ध मुकदमा लिखा था।
इस मामले में पिछले वर्ष राहुल गांधी भिवंडी के न्यायालय में उपस्थिति दर्ज़ कराई थी, जहां उन्होंने अपने आप को निर्दोष बताया था। इसके बावजूद न्यायालय ने इनके विरुद्ध आईपीसी की धारा 499 [मानहानि] एवं 500 [मानहानि के लिए दंड] के अंतर्गत मुकदमा दर्ज़ कराया था। अभी इस मामले से संबन्धित मुकदमा प्रारम्भ होने में समय है। अधिवक्ता कुशल मोर के अनुसार, “राहुल गांधी महाराष्ट्र में दो [मानहानि] मामलों का सामना कर रहे हैं – एक मजगांव सेवड़ी के जिला न्यायालय में और दूसरा भिवंडी के जिला न्यायालय में।“
दरअसल राहुल गांधी केवल महाराष्ट्र में ही नहीं, अपितु बिहार और गुजरात में भी मानहानि के मुकदमों का सामना करेंगे। बिहार और गुजरात में इनके विरुद्ध लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा और आरएसएस के विरुद्ध भ्रामक बयान देने के लिए मानहानि का मुकदमा दर्ज़ किया गया है।
चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के विरुद्ध अभद्र भाषा का प्रयोग करने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पटना में मुकदमा दर्ज़ किया था, जिसके सिलसिले में इन्हे हाल ही में 6 जुलाई को न्यायालय में अपनी उपस्थिति दर्ज़ करानी पड़ी थी। दरअसल चुनाव प्रचार के दौरान गांधी ने विजय माल्या, ललित मोदी एवं नीरव मोदी के विदेश भागने के पीछे यह ओछा बयान भी दिया था – “ चाहे नीरव मोदी हो, ललित मोदी हो या नरेंद्र मोदी हो, सभी के समान उपनाम है। आखिर चोरों के एक जैसे उपनाम क्यों होते हैं?”
फलस्वरूप सुशील कुमार मोदी ने नरेंद्र मोदी के निर्देश पर पटना में राहुल गांधी के विरुद्ध मानहानि का मुकदमा दर्ज़ कराया। इसके अलावा राहुल गांधी अहमदाबाद और सूरत में मानहानि के मुकदमों में नामजद है, जहां उन्होंने अभी भी अपनी उपस्थिति दर्ज़ नहीं कराई है।
राहुल गांधी भले ही कांग्रेस अध्यक्ष पद भले ही त्याग चुके हैं, पर मौजूदा हालातों को देखकर लगता है कि वे अभी भी काफी दिनों तक व्यस्त रहने वाले हैं। अभी बाकी मानहानि के मुकदमों में भी निर्णय आने बाकी है, और तो और, अभी नेशनल हेराल्ड मामले पर भी कोर्ट का निर्णय आने में ज़्यादा समय नहीं है। ऐसे में राहुल गांधी का क्या होगा, यह तो आने वाला समय ही जानता है।