रांची की एक निचली अदालत ने रिचा भारती नाम की एक छात्रा को फेसबुक पर इस्लाम धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट डालने के लिए कुरान बांटने की शर्त पर जमानत दी है। आरोपी हिन्दू है और उसे 15 दिन के अंदर इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान की 5 प्रतियां अलग-अलग संस्थाओं में बांटने का आदेश दिया गया है।
दरअसल, रांची के पिठोरिया क्षेत्र की सदर अंजुमन कमेटी ने 12 जुलाई को फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर रिचा के खिलाफ पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी दर्ज होने के तीन घंटे के भीतर ही ऋचा भारती को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सोमवार को इस मामले पर न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान मनीष कुमार सिंह ने ऋचा भारती को सजा सुनाते हुए सशर्त जमानत दी। शर्त यह रखी कि वह सात हजार के दो निजी बॉन्ड जमा करे तथा 15 दिनों के अंदर पांच कुरान बांटे। साथ ही अदालत ने यह कहा कि अगर इसकी अवहेलना की गई तो जमानत रद हो सकती है। ऋचा भारती सोमवार को सात हजार के दो निजी बांड जमा करने के बाद जेल से बाहर आ चुकी हैं। परन्तु ऋचा भारती ने अदालत के कुरान बांटने के फैसले को मानने से इंकार कर दिया। साथ ही इस मामले को उच्च न्यायलय में ले जाने की बात कही।
रिचा ने न्यूज़ 18 से बात करते हुए कहा कि “मैंने कोई गलत काम नहीं किया है, मैंने वही किया है जो सभी करते है। दूसरे समुदाए के लोग मुझसे ज्यादा खराब पोस्ट करते हैं लेकिन उन्हें कभी कुछ नहीं कहा जाता है। फैजू नाम के एक लड़के ने अपने एक वीडियो में कहा था कि तबरेज का बेटा कल को आतंकवादी जायेगा तो उसे गलत मत कहना, पर उसका अकाउंट सिर्फ बंद किया गया। उसे कोई सज़ा दी नहीं गयी। विशेष समुदाए के लोग सनातन धर्म के खिलाफ हमेशा ही लिखते रहते हैं लेकिन, उन्हें कभी कुछ नहीं किया जाता।“
इंटरव्यू में ऋचा ने आगे कहा, “मैं कोर्ट का आदेश नहीं मानने जा रही हूं। आज मुझे कुरान बांटने के लिए कह रहे हैं, कल कहेंगे इस्लाम स्वीकार कर लो, कहेंगे, नमाज पढ़ लो, कुछ और कर लो। यह कहां तक जायज है।“ ऋचा ने ये भी कहा कि ‘मुझे किसी धर्म से बैर नही, लेकिन मैं कुरान नही बांटूंगी।’
वहीं ऋचा परिजनों का कहना है कि ‘हम कोर्ट का सम्मान करते हैं लेकिन, ये फैसला सही नही है। इस मामले पर हम कानूनी राय ले रहे हैं। हम ऊपरी अदालत तक इस मामले को ले जाएंगे।’
Can someone connect #RichaBharti with us? We can support her in her legal fees. https://t.co/vJ62YgaSmM
— Vikas Pandey (Sankrityayan) Modi ji’s Family (@MODIfiedVikas) July 16, 2019
ऋचा की इस टिप्पणी पर कई लोग उसके समर्थन में आगे आये हैं। जिस तरह से आज के समय में विशेष समुदाय के समर्थन में बड़े-बड़े लेख लिखे जाते हैं। आज जब ऋचा ने अपने मन की बात कही तो कुछ लोगों के अनुसार वो धार्मिक भावनाओं को भड़का रही हैं। अगर गलती हुई है तो सजा मिलनी चाहिए लेकिन हर धर्म के लोगों को सम्मान रूप से सजा का प्रावधान होना चाहिए न कि अपनी गलती के लिए दूसरे धर्म का प्रचार करने को कहा जाए, और इस बात को ऋचा ने अपने इंटरव्यू में उठाया भी है।
अब इस मामले पर फिर से सोशल मीडिया में संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 पर बहस शुरू हो चुकी है। ऋचा का जवाब सराहनीय है। जिस तरह से लेफ्ट लिबरल मीडिया और इन धर्मिक ताकतों के दबाव में न आते हुए ऋचा ने अपने पक्ष को रखा है वो बहुत कम ही देखने को मिलता है। अक्सर कट्टरपंथियों के निशाने पर आने के डर से कुछ लोग सही होने के बावजूद अपने कदम पीछे खींच लेते हैं लेकिन ऋचा ने ऐसा नहीं किया है। अब आगे की लड़ाई ऋचा के लिए कैसे होगी आने वाले समय में स्पष्ट हो जायेगा।