कल साउथ दिल्ली म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने सफलतापूर्वक एक मेगा पेरेंट्स-टीचर मीटिंग का आयोजन किया। साउथ दिल्ली म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन एजुकेशन कमिटी की अध्यक्ष होने के नाते ये मेरे लिए बेहद खुशी की बात थी। इस संबंध में मैंने पिछले मंगलवार को ही SDMC के अंतर्गत आने वाले सभी 581 प्राथमिक स्कूलों के प्राध्यापकों से बातचीत की थी और उन्हें इस मेगा पेरेंट्स-टीचर मीटिंग के उद्देश्यों के बारे में अवगत कराया था। रोचक बात तो यह रही कि बच्चों के अभिभावकों ने भी इस अनोखी मेगा पेरेंट्स-टीचर मीटिंग में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और लगभग 78 प्रतिशत अभिभावकों ने कल अपनी उपस्थिती दर्ज़ कराई। अभिभावकों का SDMC पर अपार विश्वास जताने के लिए मैं उनका धन्यवाद करती हूं।
यह मेगा पेरेंट्स-टीचर मीटिंग कई मायनों में स्कूलों में होने वाली पारंपरिक पेरेंट्स-टीचर मीटिंग से बहुत अलग थी। इस मीटिंग में हमने अभिभावकों के साथ सिर्फ बच्चों की परफॉर्मेंस को नहीं बल्कि मौजूदा समय की नई चुनौतियों से सफलतापूर्वक निपटने के लिए भी अपने विचार साझा किए। इसमें भारत सरकार द्वारा चलाई जा रहीं कल्याणकारी योजनाओं, जैसे सुकन्या समृद्धि योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढा़ओं के बारे में अभिभावकों को जानकारी दी गई। इसके अलावा अभिभावकों को सीपीआर प्रशिक्षण, जल जनित बीमारियों के बारे में जानकारी दी गई और पोस्को अधिनियम (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधित अधिनियम) के बारे में अभिभावकों और बच्चों को अवगत भी कराया गया।
SDMC की तरफ से बच्चों के अभिभावकों को पौधे भी बांटे गए और उनके साथ-साथ बच्चों को भी मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों जैसे डेंगू के बारे में अवगत कराया। मुझे इस बात की भी बेहद खुशी है कि अभिभावकों ने भी अपने विचारों को हमारे साथ साझा किया और अपने सुझावों की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया। SDMC की ओर से उन्हें पूरी तरह आश्वस्त किया गया है कि उनके सुझावों पर अवश्य काम किया जाएगा।
बच्चों का सम्पूर्ण मानसिक विकास और उनकी सुरक्षा हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। यही कारण था कि हमने इस मीटिंग के दौरान अभिभावकों से पोस्को अधिनियम के प्रावधानों के बारे में विस्तृत चर्चा की। इससे अभिभावकों और बच्चों में उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और यौन अपराधों में हमें कमी देखने को मिलेगी। हमारा मकसद स्कूलों में शिक्षा के माहौल को बेहतर करना है ताकि बच्चे पूरा ध्यान लगाकर पढ़ाई कर सकें। इसके प्रति स्कूलों के प्राध्यापकों का रुख भी बड़ा सकारात्मक रहा। प्राइमरी स्कूलों के प्राध्यापकों ने कहा की वे भी स्कूलों में स्मार्ट क्लास, योग संबंधी शिक्षा, डिजिटल और शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा दे रहे हैं ताकि बच्चों का सम्पूर्ण मानसिक और शारीरिक विकास हो सके।
मैं एक बार सभी अभिभावकों, प्राध्यापकों का धन्यवाद करना चाहती हूं कि उन्होंने SDMC की इस पहल में हमारा साथ दिया और इस मेगा पेरेंट्स-टीचर मीटिंग के आयोजन को सफल बनाया।