शबाना जी इतने झूठ और आडंबरों के बाद ऐसा बड़बोलापन आपको शोभा नहीं देता

(PC: DNA India)

शबाना आजमी हिंदी सिनेमा की ऐसी मंझी हुई अदाकारा मानी जाती हैं जिन्हें उनके अभिनय के लिए खूब सराहा जाता है। हालांकि, पिछले काफी समय से वे अपने हिन्दू-विरोध और मोदी-विरोध के लिए खूब सुर्खियां बटोर रही है। हाल ही में उन्होंने अपने एक बयान में कहा है कि आज कल देश में ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि अगर कोई भी सरकार के खिलाफ कुछ बोलता है तो उसे तुरंत देश-विरोधी घोषित कर किया जाता है। यह बयान उन्होंने इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिया। शबाना आज़मी देश के असहिष्णुता गैंग के उन सदस्यों में से एक हैं जो समय-समय पर देश के माहौल से परेशान नज़र आते हैं लेकिन जब वे कन्हैया कुमार जैसे टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्यों के समर्थन में चुनाव प्रचार करती हैं, तो उन्हें देश के माहौल की कोई चिंता नहीं होती। तब उन्हें, उनके द्वारा एक देशविरोधी का समर्थन करने से समाज में जाने वाले नकारात्मक संदेश का बिल्कुल भी ख्याल नहीं रहता।

शबाना आज़मी ने इंदौर के एक कार्यक्रम में मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए यह शर्मनाक बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘एक वातावरण इस तरह का बन रहा है, कि अगर आपने कोई भी बुराई, खासतौर से सरकार के खिलाफ की, तो आपको देशद्रोही फौरन कह दिया जाता है। इनसे डरना नहीं चाहिए और इनके सर्टिफिकेट की किसी को जरूरत नहीं है। हम वो ही करेंगे, हम गंगा-जमुनी तहजीब में पले-बढ़े लोग हैं और हम जानते हैं कि हिंदुस्तान एक इतना खूबसूरत मुल्क है। और अगर आप इस तरह लोगों को बांटने की कोशिश करेंगे, तो यह मुल्क के लिए सही हो ही नहीं सकता’।

भारत एक लोकतन्त्र है जहां सबको अपनी बात कहने की पूरी आज़ादी है। हालांकि, शबाना आज़मी ने इसी अधिकार का प्रयोग करते हुए लोकतान्त्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार पर आरोप लगाकर ऐसा दिखाने की कोशिश की मानो मोदी सरकार ने सभी की अभिव्यक्ति की आज़ादी छीन ली हो। शबाना आज़मी समय-समय पर अपनी अभिव्यक्ति की आज़ादी का दुरुपयोग कर मोदी सरकार और हिंदुओं के खिलाफ अपना एजेंडा चलाती आई हैं। उदाहरण के तौर पर, इसी वर्ष अप्रैल में शबाना आज़मी ने हिन्दुओं के खिलाफ अपने एक विषैले ट्वीट में हिन्दू भगवानों का मज़ाक उड़ाने का प्रयास किया था। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था ‘मैं इस नवरात्रि पर अल्लाह से दुआ करती हूं कि लक्ष्मी को भीख ना मांगनी पड़े, दुर्गा की भ्रूण हत्या ना हो, पार्वती को दहेज ना देना पड़े, सरस्वती बिना स्कूल के अनपढ़ ना रहे और काली को फेयर एंड लवली की जरूरत ना पड़े! इंशा अल्लाह!’ हालांकि,उस वक्त इस मीम पर सफाई देते हुए शबाना आज़मी ने कहा था कि उन्होंने ऐसा कभी कुछ नहीं कहा।

मोदी सरकार के खिलाफ एजेंडा चलाने के लिए वे फेक न्यूज़ का भी सहारा लेती आई हैं। जैसे पिछले वर्ष जून में उन्होंने एक फेक न्यूज़ के माध्यम से रेल मंत्री पीयूष गोयल पर निशाना साधने की नाकाम कोशिश की। तब उन्होंने एक वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा था कि भारतीय रेलवे के कर्मचारी गंदे पानी से बर्तन को साफ़ कर रहे हैं जिसमें यात्रियों के लिए खाना परोसा जाना है। यहां तक कि अपने ट्वीट में शबाना आज़मी ने भारतीय रेलवे मंत्री पीयूष गोयल को भी टैग किया था और उन्हें शर्मिंदा करने की कोशिश की थी। लेकिन बाद में रेलवे ने अपने ट्वीट में शबाना आज़मी के इस एजेंडे को पूरी तरह धराशायी कर दिया।

रेलवे मंत्रालय द्वारा किये गये ट्वीट में इस वीडियो पर सफाई देते हुए कहा गया था कि वह वीडियो मलेशिया के कुआलालंपुर में स्थित रेस्तरां का है जिसमें गंदे पानी में कर्मचारी बर्तन धोते नजर आ रहे हैं। वीडियो के सामने आने के बाद रेस्तरां को बंद करना पड़ा था’। इस ट्वीट के बाद शबाना को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी पड़ी थी।

हिंदुओं के खिलाफ एजेंडा चलाने वाली शबाना आज़मी रोहिंग्या मुसलमानों के लिए अपने दिल में विशेष जगह रखती हैं। इस बात की पुष्टि तब हुई जब अभिनेत्री और मॉडल कोएना मित्रा ने पिछले वर्ष मार्च में एक ट्वीट में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए रोंहिग्याओं को शरण देने को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया था। तब कोएना मित्रा ने अपने ट्वीट में लिखा था ‘रोहिंग्या को आतंकी गतिविधियों के चलते म्यांमार और श्रीलंका से बाहर कर दिया गया लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में उन्हें जमीन दे रही है और रहने का स्थान दे रही है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।’ 

तब कोएना मित्रा ने इसको लेकर एक और ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने लिखा था ‘अपने अगले ट्वीट में कोएना ने कहा कि उन्हें पता है रोहिंग्या देश के और भी कई हिस्सों में बसे हैं लेकिन वह अपनी जन्मभूमि पश्चिम बंगाल से काफी जुड़ी हैं और इसी वजह से वो इसको लेकर थोड़ी चिंतित हैं क्योंकि पहले और आज के हालात में बहुत अंतर है’। 

हालांकि, शबाना आज़मी को मित्रा का यह ट्वीट बिल्कुल भी नहीं भाया था और उन्होंने तुरंत रोहिंग्या मुसलमानों के बचाव में एक ट्वीट किया। उसमें उन्होंने लिखा ‘संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार के रखाइन में किए गए सैन्य आक्रमण को जाति नरसंहार का एक उदाहरण बताया है जिसकी वजह से आधे से ज्यादा रोहिंग्याओं को पलायन करना पड़ रहा है। क्या सभी आतंकवादी हैं? दोबारा देखिए और सोचिए।

हालांकि, कोएना मित्रा ने तब शबाना आज़मी को मुंहतोड़ जवाब देते हुए उनके मुंह पर ताला लगाने का काम किया था। कोएना मित्रा ने अपने जवाब में लिखा था ‘सभी आतंकवादियों के माता-पिता होते हैं। मैं मानती हूं कि वे अच्छे इंसान होंगे। हर कोई बुरा नहीं होता लेकिन जब हमारा देश बाहरी लोगों और घुसपैठियों की वजह से पीड़ित है तो हमें एक साथ खड़े होकर उनका बहिष्कार करना चाहिए। मेरे लिए यह अंधा कानून है।’ तब कोएना मित्रा ने अपने ट्वीट के जरिए शबाना आजमी को पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा और रामनवमी में अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ हो रहे बर्ताव को भी याद दिलाया था।

समय-समय पर हिंदुओं और भाजपा के खिलाफ अपना एजेंडा चलाने वाली शबाना आज़मी से हमें ऐसे ही घटिया बयानों की उम्मीद रहती है। अब उन्हें भारत के माहौल की चिंता है, हालांकि वे खुद देश के वातावरण को प्रदूषित करने का कोई मौका नहीं छोड़ती हैं। ऐसे लोगों के दोहरे मापदण्डों की जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है। देशवासियों को ऐसे एजेंडावादी लोगों का बहिष्कार करने की आवश्यकता है।

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