‘आस्तीन का साँप साथ हो तो एनाकोंडा से कैसे लड़ें’, संजय झा और कांग्रेस आजकल थरूर से नाराज़ चल रहे हैं

शशि थरूर संजय झा

हाल ही में काँग्रेस नेता एवं तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने सभी को सकते में डालते हुये अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा उठाए गए विवाद में पीएम मोदी के पक्ष का समर्थन किया है।

दरअसल, डोनाल्ड ट्रम्प ने सभी को हैरान करते हुये पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ की गयी बातचीत में बताया कि वे कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने को तैयार हैं, जिसके लिए स्वयं पीएम मोदी ने आवेदन किया है।

हालांकि, पीएम मोदी वाली बात सरासर झूठ थी, लेकिन इसके बावजूद हमारी पाक परास्त काँग्रेस अपनी आदतों से न बाज़ आते हुये पीएम मोदी की कश्मीर नीति पर प्रतिबद्धता पर ही सवाल उठाने लगे। ऐसे में जब शशि थरूर ने इस विषय पर ट्वीट किया, तो सभी हक्के बक्के रह गए।

शशि के ट्वीट के अनुसार, “मुझे तो बिलकुल भी समझ नहीं आ रहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प आखिर बोलना क्या चाहते हैं? या तो इन्हे इस मुद्दे का कोई ज्ञान नहीं है, या फिर इन्हे किसी ने भारत के पक्ष के बारे में अवगत नहीं कराया है। इसपे विदेश मंत्रालय को अपनी सफाई पेश करनी चाहिए।“

इसी बीच काँग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने इस पर अपना मत रखते हुये ट्वीट किया, “प्रेसिडेंट ट्रम्प कहते हैं पीएम मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाक के बीच मध्यस्थता कराने की मांग की। यदि ये सत्य है तो पीएम मोदी ने भारत के हितों और 1972 शिमला समझौते के साथ धोखा किया है। महज विदेश मंत्रालय के मना करने से कुछ नहीं होगा। पीएम को बताना होगा कि उनकी और यूएस के राष्ट्रपति के बीच मुलाक़ात के दौरान क्या हुआ था!”

ये ट्वीट तब आया, जब स्वयं विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने डोनाल्ड ट्रम्प के बयान की निंदा करते हुये उनकी बातों का संसद के दोनों सदनों में खंडन किया। ऐसे में जब काँग्रेस मोदी प्रशासन के विरुद्ध मोर्चा खोलने हेतु तैयार हो, तो शशि थरूर का यह बयान निसंदेह उनके लिए हितकारी तो नहीं होगा।

इसी बीच काँग्रेस प्रवक्ता एवं वरिष्ठ नेता संजय झा ने हाल ही में ये ट्वीट किया – “मेरे प्यारे काँग्रेस के साथियों, हम अपने बस्ते में अजगर को रख अनाकोंडा से नहीं लड़ सकते।“

अब संजय झा ‘बस्ते में अजगर’ से किसकी ओर इशारा कर रहे थे ये तो वही जाने। लेकिन तब उन्होने यह टिप्पणी पोस्ट की, जब शशि थरूर ने काँग्रेस की विचारधारा के इतर अपना बयान दिया था। अब ऐसे में सवाल उठन तो लाज़मी है। ऐसे में हैरानी नहीं होगी यदि संजय झा ने यह बयान शशि थरूर के लिए लिखा हो। सोनिया गांधी के नेतृत्व में काँग्रेस जानबूझकर ऐसे मुद्दे पर एक विवाद खड़ा करना चाहती थी , जहां सरकार ने पहले ही अपना रुख साफ कर दिया था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने डोनाल्ड ट्रम्प के बयान का खंडन करते हुये ट्वीट किया, ‘हमने @POTUS के बयान देखे हैं। ऐसा कोई भी आवेदन पीएम मोदी की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति को नहीं दिया गया है। भारत सदैव पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए कटिबद्ध रहा है, और पाकिस्तान से बातचीत तभी संभव है जब सीमापार आतंकवाद में कमी हो। शिमला समझौते और लाहौर डिक्लेयरेशन में इसके लिए आवश्यक प्रावधान भी है”।

ऐसे में शशि थरूर के वर्तमान बयान से न केवल काँग्रेस को अपना एजेंडा प्रसारित करने की मंशाओं को गहरा धक्का लगा है, अपितु अपने बयानों से उन्होने नेहरू गांधी वंश के वर्चस्व को चुनौती दी है। ऐसे में अब शशि थरूर के लिए आगे की राह काफी मुश्किल हो सकती है, क्योंकि काँग्रेस हाइकमान इस बयान को हल्के में तो बिलकुल नहीं लेने वाले।

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