पिछले कुछ दिनों से तबरेज़ अंसारी की मौत को लेकर एक खास वर्ग के लोगों ने पूरे देश में विवाद खड़ा किया हुआ है। देश की राजनीति से लेकर, देश की मीडिया तक, हर जगह तबरेज़ की मौत के मुद्दे पर बड़े-बड़े बुद्धिजीवी भारत को एक असहिष्णु देश घोषित करने पर तुले हैं। यहां तक कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले कुछ लोग सोशल मीडिया पर भी अंसारी की मौत का बदला लेने की हुंकार भरते नज़र आ रहे हैं।
हालांकि, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ऐसे लोगों को बर्दाश्त करने के मूड में बिल्कुल भी नज़र आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपी पुलिस ने मेरठ की एक मस्जिद के बाहर प्रदर्शन कर रहे 850 लोगों की हिंसक भीड़ पर लाठीचार्ज कर उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। ये सभी लोग तबरेज़ को एक शहीद का दर्जा देने की मांग कर रहे थे।
पुलिस के मुताबिक 22 वर्षीय तबरेज़ की मौत को लेकर मेरठ में लगभग 850 लोग प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन तभी इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया और हिंसक भीड़ ने पुलिस पर हमला करना शुरू कर दिया। पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया। पुलिस के मुताबिक उग्र भीड़ की चपेट में आने से 5 पुलिसवालों को गंभीर चोटें भी आई हैं। इस घटना से संबन्धित कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं जिसमें कुछ लोग ‘तबरेज़ तेरे खून से इंकलाब आएगा’ के नारे लगाते हुए सुने जा सकते हैं।
मेरठ के एसएसपी के मुताबिक 5 अलग-अलग थानों के अंतर्गत इन सभी लोगों पर केस दर्ज़ कर लिया गया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना की वीडियो की जांच के बाद कुछ लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानि एनएसए के तहत भी मुकदमा दायर किया जा सकता है। पुलिस इस मामले में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
बता दें कि चोरी के आरोप में 17 जून को कुछ लोगों ने तबरेज़ अंसारी को पीट-पीटकर घायल कर दिया था, उसके बाद 22 जून को अस्पताल में इलाज के दौरान अंसारी ने दम तोड़ दिया था। संसद में खुद प्रधानमंत्री मोदी भी इस घटना की निंदा कर चुके हैं लेकिन इसके बावजूद कुछ एजेंडावादी लोग इसी घटना को लेकर बार-बार देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। ये लोग तबरेज़ अंसारी के लिए शहीद के दर्जे की मांग कर रहे हैं, मानों तबरेज़ अंसारी ने अपने राष्ट्र के लिए कोई बहुत बड़ा पराक्रम किया हो।
अगर तबरेज़ अंसारी के लिए शहीद के दर्जे की मांग करना तर्कसंगत है, तो ऐसे लोगों को मथुरा के लस्सी विक्रेता भरत यादव और गंगाराम के लिए भी शहीद के दर्जे की मांग करनी चाहिए, जिनकी उग्र भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर ड़ाली थी। तबरेज़ अंसारी के लिए दिन रात खून के आंसू रोने वाले डिज़ाइनर पत्रकार और बुद्धिजीवी गैंग के इन लोगों पर भरत यादव की मौत से कोई फर्क नहीं पड़ता। हर घटना को धर्म के चश्में से देखने वाले इस गैंग ने एक बार फिर अपने दोहरे मापदण्डों को दर्शाया है।
योगी सरकार द्वारा 850 लोगों पर केस दर्ज़ करना देशहित में लिया गया फैसला है। इस फैसले का सबको स्वागत करना चाहिए। देश के माहौल को खराब करने की कोशिश करने वाले लोगों की सही जगह जेल में ही है। इस बात की पूरी संभावना है कि योगी सरकार के इस कदम से बुद्धिजीवी गैंग के कुछ लोगों को भारी पीड़ा पहुंची होगी और अब ये लोग सरकार पर लोकतन्त्र की हत्या करने का पुराना ढिंढोरा पीटना शुरू करेंगे, लेकिन सरकार को ऐसे लोगों के दबाव में ना आकर एजेंडा फैलाने वाले लोगों पर ऐसी ही कार्रवाई जारी रखने की आवश्यकता है।