मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट देश की पहली महिला वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में पेश किया। जब वे बजट पेश करने संसद में पहुंची तो उनके हाथ में ब्रीफ़ केस की बजाय पारंपरिक बही खाता नज़र आया। मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में देश के कनेक्टिविटी को बढ़ाने के कई संकल्प लिए गए। निर्मला सीतारमण ने इस बात पर ज़ोर दिया कि केंद्र सरकार की सभी योजनाएं गरीबों,किसानों और महिलाओं के हितों को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं। इस बजट में उन्होंने किसानों और महिलाओं के हितों को ध्यान में रखकर कई घोषणाएँ की।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ाया जाएगा और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि ग्रामीण भारतों में सड़कों के जाल को बिछाने के लिए बड़े स्तर पर काम किया जा रहा है ताकि ग्रामीण इलाकों को क्षेत्रीय बाज़ारों से जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि दालों के क्षेत्र में देश को आत्म निर्भर बनाया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि तिलहन के क्षेत्र में भी किसान ऐसे ही सफलता पाएंगे, ऐसी उम्मीद है। इसके साथ ही डेयरी कामों को बढ़ावा दिए जाने की बता कही। सरकार जीरो बजट फॉर्मिंग की ओर बढ़ रही है, कुछ राज्यों ने इसे लागू भी किया है और कुछ राज्यों के किसानों को इसके लिए ट्रेनिंग भी दी गई है। बता दें कि सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में पहले ही काम कर रही है।
बजट में महिलाओं के लिए भी वित्त मंत्री ने कई घोषणाएँ की। वित्त मंत्री ने कहा कि देश में महिला-केन्द्रित योजनाओं से हटकर अब महिलाओं के नेतृत्व वाली योजनाओं को आगे बढ़ाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि संसद में अब की बार रिकॉर्ड 78 महिला सांसद पहुंची है और यह सबूत है कि देश की महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को मुद्रा योजना के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की गई है और इस योजना के तहत ज़्यादातर लोन महिलाओं को ही दिये गए हैं। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के कथन का हवाला देते हुए कहा कि ‘जब तक देश की महिलाओं को विकास के अवसर प्रदान नहीं किए जाते, तब तक कोई देश विकास नहीं कर सकता।’ उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस दिशा में लगातार कदम उठा रही है।
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि देश में पारंपरिक शहद और बांस की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही खादी को भी यह सरकार पिछले कार्यकाल की तरह ही प्रोमोट करने का काम करेगी। ये सभी क्षेत्र महिलाओं को बड़ी संख्या में रोजगार प्रदान करते हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि उज्ज्वला और सौभाग्य योजना से करोड़ों परिवारों की जिंदगी बदली है और इसका सबसे ज़्यादा फायदा महिलाओं को ही मिला है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में 7 करोड़ परिवारों को LPG कनैक्शन दिया गया है। कुल मिलाकर इस बजट से स्पष्ट है कि महिलाओं और किसानों की भलाई इस सरकार की प्राथमिकताओं में से एक रही है,और इस बजट में यह साफ तौर पर दिखाई भी दिया।