भाजपा और मोदी सरकार का स्वच्छता को लेकर शुरू से ही सकारात्मक रुख रहा है। वर्ष 2014 में पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन को लॉंच किया जिसका मकसद लोगों को सफाई के प्रति जागरूक करना था। पिछले पांच सालों के दौरान पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार इस मिशन को एक जन-अभियान में परिवर्तित करने में पूरी तरह सफल भी साबित हुई है। अब त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब भी पीएम मोदी का अनुसरण करते नज़र आ रहे हैं। सोमवार को जहां एक तरफ उन्होंने लोगों से अपने आस-पास सफाई बनाए रखने की अपील की, तो वहीं कामचोर सरकारी अफसरों को भी कड़ी चेतावनी जारी कर डाली।
मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने साफ किया कि उनकी सरकार ने राज्य के शहरों को गंदगी से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके साथ ही उन्होंने गंदगी फैलाने वाले लोगों को भी अपनी आदतें सुधारने का आह्वान किया। उन्होंने कहा ‘राज्य के लोगों को अपने आस पास सफाई बनाए रखने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करना चाहिए। उन्हें खुले में कूड़ा फेंकने से बचना चाहिए। लोग खुले में ही गंदगी से भरा प्लास्टिक बैग फेंक देते हैं जो बाद में नालियों को जाम कर देता है। लोगों सड़कों पर थूकते हुए चलते हैं। हमें इसे रोकने के लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है।’ मुख्यमंत्री ने यह भी साफ किया कि नियम तोड़ने वाले लोगों पर जरूरी कार्रवाई भी की जाएगी।
इसके बाद उन्होंने स्वच्छता के प्रति उनकी सरकार की प्रतिबद्धता का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ‘कचरा उठाने वाले कर्मचारियों को कचरा उठाने के दौरान ही गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग इकट्ठा करने की ट्रेनिंग दी जा रही है।’ उन्होंने कहा ‘कचरा उठाने वाले कर्मचारी राजधानी के हर घर से कचरा उठाएंगे और वहीं पर प्लास्टिक कचरे को अलग कर देंगे और बाद में उस प्लास्टिक को रिसाइकलिंग के लिए भेजा जाएगा’।
बिप्लब कुमार देब ने इसके साथ ही निठल्ले सरकारी बाबुओं को भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा ‘त्रिपुरा आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों के मुक़ाबले बहुत छोटा राज्य है। अगर सरकारी कर्मचारी सही से काम नहीं करते हैं तो उनकी जवाबदेही तय की जाएगी। अगर ज़रूरत पड़ी तो कई अफसरों को जबरन सेवानिवृत्त भी किया जा सकता है’।
बिप्लब सरकार द्वारा राज्य को स्वच्छ बनाने की दिशा में उठाए जा रहे कदम बेहद सराहनीय है। स्वच्छ भारत मिशन ‘स्वच्छ पूर्वोत्तर’ के बिना कभी सफल नहीं हो सकता। अगर त्रिपुरा सरकार अपने इस अभियान में सफल हो पाती है तो वह भारत के अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के लिए एक मिसाल बनकर उभरेगा और अन्य राज्य भी त्रिपुरा के स्वच्छता मॉडल का अनुसरण करने के लिए प्रेरित होंगे।