ऐसा लगता है पड़ोसी देश पाकिस्तान अभी भी यह मानने को तैयार नहीं है कि वो पूरी दुनिया में वह अलग-थलग पड़ चुका है। इसीलिए वो भारत में लोगों व सेना को सरकार के खिलाफ भड़काने का हरसंभव प्रयास कर रहा है। मंगलवार को पाक के विज्ञान एवं तकनीक मंत्री फवाद चौधरी ने एक बेहद भड़काऊ ट्वीट करते हुए भारत के पंजाब प्रांत के लोगों को उकसाने का बेहद घटिया प्रयास किया है –
ਮੈਂ ਇੰਡੀਅਨ ਆਰਮੀ ਵਿਚ ਸਾਰੇ ਪੰਜਾਬੀ ਜਵਾਨਾਂ ਨੂੰ ਬੇਨਤੀ ਕਰਦਾ ਹਾਂ ਕਿ ਇੰਡੀਅਨ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਮਜ਼ਲੂਮ ਕਸ਼ਮੀਰੀਆਂ ਤੇ ਹੋ ਰਹੇ ਜ਼ੁਲਮ ਦੇ ਖ਼ਿਲਾਫ਼ ਆਪਣੀ ਆਰਮੀ ਡਿਊਟੀ ਤੋਂ ਇਨਕਾਰ ਕਰ ਦਿਓ !!
I appeal to all Punjabis in Indian army to refuse to be part of injustice/zulm and deny duty in Kashmir
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) August 13, 2019
उक्त ट्वीट में पाकिस्तानी मंत्री फवाद चौधरी ने भारतीय सेना में काम कर रहे पंजाबियों, विशेषकर सिखों को भारत द्वारा कश्मीर पर कथित रूप से ढाए जा रहे ज़ुल्मों के विरोध में बगावत करने के लिए उकसा रहे थे। इनके अनुसार, ‘मैं अपील करता हूँ कि कश्मीर पर हो रहे ज़ुल्म में भारतीय सेना में काम कर रहे पंजाबी हिस्सा न बने”।
हालांकि पाकिस्तान इस तरह का हरकत पहली बार नहीं कर रहा है, पाक वर्षों से पंजाब में उग्रवाद को बढ़ावा देता आ रहा है। खालिस्तान की बेतुकी मांग का पाकिस्तान ने हमेशा समर्थन किया है, जो कई अवसरों पर उजागर भी हो चुका है। परंतु इस बार पंजाब ने एक सुर में न केवल फवाद चौधरी के भड़काऊ बयानों की भर्त्सना की है, बल्कि उसे भारत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी याद दिलाई है।
फवाद को सबसे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह [सेवानिर्वृत्त] ने खरी-खोटी सुनाई। अमरिंदर सिंह के ट्वीट के अनुसार, “भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का दुस्साहस न करें। मैं आपको बता देता हूँ कि आपकी सेना की तुलना में भारतीय सेना अधिक अनुशासनप्रिय एवं राष्ट्रवादी सेना है। आपके भड़काऊ बयान यहाँ नहीं चलने वाले, और न ही हमारे सैनिक आपके विभाजनकारी नीतियों का समर्थन करेंगे”। साफ शब्दों में कहें तो कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान को अपने काम से वास्ता रखने और भारत के अंदरूनी मामलों से दूर रहने की हिदायत दी है।
Stop trying to interfere in India's internal matter. And let me tell you that the Indian Army is a disciplined and nationalist force, unlike your Army @fawadchaudhry. Your provocative statement will not work, nor will the Soldiers in our Army follow your divisive diktats. @adgpi https://t.co/DAQfj0yqQ0
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) August 13, 2019
हालांकि यह पहला अवसर नहीं है जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी पार्टी काँग्रेस की विचारधारा से इतर चलते हुए राष्ट्रवाद को सर्वोपरि रखा हो। अनुच्छेद 370 पर यदि उनके विरोध को अलग रखा जाये तो कई अवसरों पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रवाद को ज़्यादा महत्व दिया है।
चाहे वो खालिस्तान का अप्रत्यक्ष समर्थन के लिए कैनेडियाई पीएम जस्टिन ट्रूडो की आलोचना करना हो, या फिर इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पाक आर्मी चीफ कमर बाजवा से गले मिलने पर उन्हे लताड़ना हो, या फिर करतारपुर कॉरिडोर मामले पर पाक की बदनीयती के प्रति भारत सरकार को आगाह करना हो, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हर जगह अपनी पार्टी के भारत विरोधी नीतियों से इतर भारत के हितों को सर्वोपरि रखा है।
अमरिंदर सिंह का अनुमोदन करते हुए पंजाब में विपक्षी दल यानी शिरोमणि अकाली दल की नेता एवं मोदी सरकार में मौजूदा कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने भी पाक को जमकर खरी खोटी सुनाई हैं। अपने ट्वीट में उन्होने पाक मंत्री की बौखलाहट को उजागर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
Pak minister's desperate tweet asking Punjabi Army Jawans to refuse duty in Kashmir exposes their frustration n nefarious designs. Punjabis are patriots for whom NO sacrifice is too great when it comes to their nation. @fawadchaudhry we don’t need lessons in line of duty frm you. pic.twitter.com/pVPqAmXv7e
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) August 13, 2019
इन दोनों के अलावा सोशल मीडिया यूजर्स पर पंजाबियों समेत कई भारतीयों ने फवाद चौधरी को उसके भड़काऊ ट्वीट्स के लिए जमकर खरी खोटी सुनाई है –
Galat logon se panga le raha hai be chaman…….. 😂😂 pic.twitter.com/ey6QE9Jw4G
— Krishna (@Atheist_Krishna) August 13, 2019
After bankruptcy, impotency has infested Pakistan.
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) August 13, 2019
https://twitter.com/theskindoctor13/status/1161215624103677953?s=20
Funny part is these Pakistani Panjabi Islamists have destroyed the Panjabi script in their own Panjab.
Fact of the matter is Pakistan is frustrated as Pashtun Soldiers are refusing to obey orders from Panjabi officers in the Army. Pashtuns are furious with #KharQamarMassacre
— Jayess Modi Ka Parivar (@Sootradhar) August 13, 2019
I am convinced that ISI ordered the vandalism on Maharaja Ranjit Singh's statue in Pakistan.
It was vandalized by Khadim Rizvi , same Khadim Rizvi who is puppet of Pakistani Panjabi Army https://t.co/pFwJMCPTW6
— Jayess Modi Ka Parivar (@Sootradhar) August 13, 2019
Pi'ārē muśāhīda ulāha khāna, kirapā karakē usanū dubārā banhō…
ਪਿਆਰੇ ਮੁਸ਼ਾਹੀਦ ਉਲਾਹ ਖਾਨ, ਕਿਰਪਾ ਕਰਕੇ ਉਸਨੂੰ ਦੁਬਾਰਾ ਬੰਨ੍ਹੋ
— Manak Gupta (@manakgupta) August 13, 2019
As a Sikh I stand with my country’s decision!
We will never take your side, so stop being this desperate!
— Amrita Bhinder 🇮🇳 (@amritabhinder) August 13, 2019
Fawad forgot that it was an Indian Sikh Officer, Lieutenant General Jagjit Singh Aurora, who led the Indian Army and defeated the Pakistani Islamist Army in Bangladesh and later accepted the Pakistani Surrender 😊😊https://t.co/wUDTdnNS2S pic.twitter.com/mJfvSQCSzS
— Indian Infidel (@infidel_indian) August 13, 2019
हमेशा से ही पंजाबियों का हमारे राष्ट्र के विकास एवं सुरक्षा में बेहद अहम योगदान रहा है। इस क्षेत्र ने देश को कई बहादुर जवान दिए हैं, और भारत के सर्वोच्च वीरता सम्मान परम वीर चक्र पाने वाले 21 वीर सैनिकों में से 5 सैनिक पंजाब से ही आते हैं। पाकिस्तान के घमंड को तोड़ने वाले वीरों में से एक लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा भी पंजाब से ही आते हैं। पंजाब की शान माने जाने वाली सिख रेजीमेंट भारतीय सेना की सबसे प्रतिष्ठित रेजीमेंट्स में से एक मानी जाती है। इस रेजीमेंट को 72 बैटल ऑनर्स, 15 थिएटर ऑनर्स, 2 परमवीर चक्र, 14 महावीर चक्र, 5 कीर्ति चक्र, 67 वीर चक्र और 1596 अन्य वीरता पुरुस्कार मिले हुए हैं।
हालांकि हमें फवाद चौधरी के ऐसे बयानों पर क्रोध नहीं, केवल दया आती है। अनुच्छेद 370 के विशेषाधिकार संबंधी प्रावधान हटाये जाने के बाद से हमारे पड़ोसी देश के कई लोग अपना सुध-बुध खो बैठे हैं। ऐसे में ये बयान केवल उनकी बौखलाहट को दर्शाता है, क्योंकि उन्हें भी पता है कि उनकी एक गलती पर भारत उन्हे कहीं का नहीं छोड़ने वाला।