पुलिसवालों से अमित शाह बोले, ‘यह थर्ड डिग्री का युग नहीं अब साइंटिफिक तरीका अपनाते हैं’

अमित शाह पुलिस

(PC: ANI)

अमित शाह ने देश के आंतरिक सुरक्षा के मामलों को सुधारने का बीड़ा उठा लिया है। आतंकवाद पर कड़े प्रहार और बाहरी खतरों से देश को सुरक्षित करने के बाद अमित शाह ने देश के अंदर बैठे नक्सलियों से निपटने के लिए नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, शीर्ष पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सोमवर को बैठक की थी। अब एक नए बयान में उन्होंने पुलिस रिफॉर्म के संकेत दिये है।

पुलिस अनुसंधान और विकास (BPR&D) ब्यूरो के 49वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “पुलिस रिफॉर्म लंबी और निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, चुनौतियां जैसे बदलेंगी उसी के अनुसार आगे बढ़ना पड़ेगा, लेकिन पुलिसिंग में रिफार्म एक बहुत बड़ा कांसेप्ट है, बीपीआरडी को इन सुधारों की रूपरेखा नए सिरे से तैयार करनी होगी।” इसके साथ ही उन्होंने सीआरपीसी (Criminal Procedure Code) और आईपीसी में संशोधन के संकेत दिए हैं तथा नेशनल मोडल ऑपरेंडी ब्यूरो  की स्थापना पर विचार करने की बात कही है।

बुधवार को अमित शाह ने घोषणा करते हुए कहा कि पुलिस विश्वविद्यालय और फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना राष्ट्रीय स्तर पर की जाएगी। हर राज्य में इससे जुड़े कॉलेज स्थापित किये जायेंगे। अमित शाह ने कहा कि अपराध और आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगों से पुलिस को हमेशा चार कदम आगे रहना चाहिए। इसके लिए आपराधिक मानसिकता और अपराध के तरीकों को अध्ययन करना आवश्यक है जिसके लिए नेशनल मोडल ऑपरेंडी ब्यूरो की स्थापना पर विचार किया जा रहा है।

उन्होंने आगे कहा, “ये तभी संभव हो सकता है जब आधुनिकीकरण सही प्रकार से हो। अब थर्ड डिग्री का जमाना नहीं है। पुलिस को वैज्ञानिक तरीके से जांच करने की आवश्यकता है। इसके लिए मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आपराधिक मानसिकता और अपराध के तरीकों के अध्ययन करने के लिए नेशनल मोडल ऑपरेंडी ब्यूरो की स्थापना पर विचार करने के लिए कहा है।”

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सीआरपीसी और आईपीसी के अंदर जरूरी बदलाव के लिए देशभर में एक परामर्श प्रक्रिया शुरु करने की जरूरत है। सीआरपीसी और आईपीसी में जरूरी बदलावों के लिए हमें आगे बढ़ने की जरूरत है। साथ ही अमित शाह ने प्रधानमंत्री द्वारा देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए देश की आंतरिक तथा बाहरी सुरक्षा को मजबूत करने के महत्व पर भी जोर दिया। समारोह के दौरान अमित शाह ने कहा, ‘मोदी जी देश को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं और देश को दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल कराना चाहते हैं, लेकिन देश की सुरक्षा के बिना आर्थिक प्रगति संभव नहीं है। सभी राज्यों में कानून व्यवस्था तथा सुरक्षा व्यवस्था कायम रखने की जरूरत है।’

बता दें कि अमित शाह का पुलिस रिफार्म से जुड़ा यह पहला बयान है और उनके पिछले रिकॉर्ड को देखें तो लगता है इन सुधारों को जल्द ही लागू की जाएगी।

अमित शाह गुजरात के गृह मंत्री रह चुके हैं और वहां भी उन्होंने पुलिसिंग में वैज्ञानिक तरीकों को अपनाकर बदलाव किया था। उनके नेतृत्व में गुजरात पुलिस द्वारा अपनाए गए वैज्ञानिक तरीकों को नीति आयोग ने भी एक मॉडल माना था। गौरतलब है कि, अहमदाबाद में राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला है। इसके अलावा, अहमदाबाद जूनागढ़, राजकोट, सूरत और वडोदरा में क्षेत्रीय प्रयोगशालाएं है और वलसाड में एक जिला प्रयोगशाला हैं। इसके अलावा, 47 मोबाइल प्रयोगशालाएं पूरे राज्य को कवर करती हैं। इसके अलावा गुजरात फॉरेंसिक साइंसेज विश्वविद्यालय और गांधीनगर में फोरेंसिक विज्ञान निदेशालय भी इसमें मदद करती है।

अमित शाह ने कश्मीर में सुधार लाने के बाद अब अपना ध्यान भारत के आंतरिक सुरक्षा पर केन्द्रित किया है। जिस तरह से वह एक के बाद एक ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं उससे अब यही लगता है कि वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक होगा।

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