अरुण जेटली एक सफल राजनेता, प्रखर अधिवक्ता, जानेमाने बुद्धिजीवी, कुशल शासक और शानदार रणनीतिकार थे। इन सभी रूपों में देश के लिए उनका योगदान वर्षों तक याद रखा जाएगा। उनके निधन से देश ने एक साथ उनके कई रूपों को भी खोया है। इन क्षेत्रों के अलावा भी एक क्षेत्र और था जहां उनका योगदान किसी महापुरुष से कम नहीं था और वो है दिल्ली क्रिकेट। भारत में क्रिकेट एक धर्म की तरह पुजा जाता है, यहाँ इस खेल से लोकप्रिय कुछ भी नहीं। इसी लोकप्रियता की वजह से भारत के सभी क्षेत्रों से कई नामी खिलाड़ी उभरे है। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से पिछले एक दशक में दिल्ली क्रिकेट खिलाड़ियों के ‘पावर हाउस’ के रूप में स्थापित हुआ है। आशीष नेहरा, सेहवाग, गंभीर, विराट महान खिलाड़ियों की सूची में आते हैं। अगर यह संभव हुआ है तो एक अच्छे क्रिकेट प्रशासक की वजह से ही और वह क्रिकेट प्रशासक है अरुण जेटली।
अरुण जेटली को स्कूल के दिनों से ही क्रिकेट में दिलचस्पी रही थी। कालेज के दिनों में वह एक मीडियम पेस बॉलर रहे थे। राजनीति में आने के बाद भी उनका यह क्रिकेट प्रेम कम नहीं हुआ और वह 1999 में दिल्ली ज़िला क्रिकेट एसोसिएशन (DDCA) के अध्यक्ष चुने गए। वह इस पद पर 13 वर्ष यानि 2012 तक आसीन रहे। जब उन्हें यह पद मिला था तब दिल्ली क्रिकेट में जूनियर से लेकर सीनियर लेवल तक भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद अपने चरम पर था। देश के अन्य क्षेत्रों में भी यही हालात थे। जेटली ने इन हालातों के बावजूद दिल्ली क्रिकेट में सुधार कर उसे भारतीय क्रिकेट का ‘पावर हाउस’ बना दिया। सबसे पहले उन्होंने सभी आयु समूहों के चयनकर्ताओं को सख्त निर्देश दिए और उन्हें प्रशासन से मजबूत समर्थन का आश्वासन दिया। इसका फायदा यह हुआ कि सभी चयनकर्ताओं को निडर होकर बिना किसी राजनीतिक दबाव के अच्छी प्रतिभा के खिलाड़ियों का चुनाव करने का मौका मिल गया।
प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के ऊपर आने से दिल्ली क्रिकेट का प्रदर्शन भी साल दर साल सुधरने लगा और फिर जाकर उनके अध्यक्ष रहते 2008 में दिल्ली की टीम रणजी ट्रॉफी जीतने सफल रही। वर्ष 2009 में वे बीसीसीआई उपाध्यक्ष भी चुने गए थे। अपने कार्यकाल में उन्होंने फिरोज़शाह कोटला मैदान की काया ही पलट दी थी। जेटली को स्टेडियम को आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाने और दर्शक क्षमता बढ़ाने के साथ विश्वस्तरीय ड्रेसिंग रूम बनवाने का श्रेय जाता है। अपने इंग्लैंड दौरों के अनुभव से उन्होंने कोटला की बुनियादी ढांचे का विकास किया। इस बारे में उनका कहना था कि, “मैं चाहता हूं कि कोटला को लॉर्ड्स मैदान की तरह ही प्रतिष्ठा मिले और यह किया जा सकता है। मैं चाहता हूं कि यहाँ हर दर्शक आराम से सीट पर बैठ सके और हर सीट का हिसाब हो। हमे एक ऐसा माहौल बनाना होगा जिससे दिल्ली के क्रिकेटरों को अपने घरेलू मैदान में खेलने पर गर्व हो।”
क्रिकेट और क्रिकेटर उनके लिए प्रथिमिकता थे। उन्होंने कहा था, “मैं एक क्रिकेट संस्कृति स्थापित करना चाहता हूं। दिल्ली ने कुछ महान खिलाड़ियों का जन्म दिया है और स्टेडियम में उनकी उपलब्धियों को प्रतिबिंबित करना चाहिए और उन्हें प्रलेखित करना चाहिए।”
अरुण जेटली के कारण दिल्ली ज़िला क्रिकेट एसोसिएशन में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद पर काबू किया गया। उनके द्वारा दी गयी चयनकर्ताओं को मिली खुली छूट से ही दिल्ली ने उनके कार्यकाल में कई विश्वस्तरीय खिलाड़ियों ने अपना परचम लहराया। भारतीय क्रिकेट के कई दिग्गजों को जेटली ने सराहा और उनको विश्व क्रिकेट में पहचान बनाने में अहम भूमिका को महत्च दिया।
जेटली के कार्यकाल में ही सहवाग, गौतम गंभीर, शिखर धवन, विराट कोहली जैसे धुरंधर बल्लेबाज निकलकर सामने आए। वहीं आशीष नेहरा और इशांत शर्मा जैसे शानदार गेंदबाज भी जेटली के डीडीसीए अध्यक्ष रहते ही उभरकर विश्व क्रिकेट में पहचान बनाने में कामयाब हुए। दिल्ली के गेंदबाज आशीष नेहरा अपने करियर के दौरान चोटों से लगातार जूझते रहे। नेहरा जब टीम में खेलते हुए चोटिल हुए थे तब उनके ऑपरेशन का बीड़ा जेटली ने ही उठाया था।
इसके अलावा जब बीसीसीआई ने भारत की तरफ से खेल चुके पूर्व क्रिकेटरों की पेंशन दिए जाने की योजना शुरू की तब जेटली ने इसे डीडीसीए में भी लागू करने का फैसला लिया।
हालांकि, वर्ष 2015 में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल समेत आप के कई नेताओं ने वित्त मंत्री जेटली के खिलाफ भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप लगाए थे। उन्होंने जब अरविंद केजरीवाल सहित कई AAP नेताओं पर अलग-अलग दो केस फाइल किए तथा 10-10 करोड़ के मुआवजे की मांग की तब आप के नेताओं के होश ठिकाने आए और झूठे आरोप लगाना बंद किये। हालांकि, बाद में आप नेताओं ने माफी मांग ली थी, जिसके बाद उन्होंने केस वापस ले लिया था।
A clarification from the DDCA president: The stadium has been named as Arun Jaitley Stadium. The ground will continue to be called the Feroz Shah Kotla.
— DDCA (@delhi_cricket) August 27, 2019
अब जब दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (DDCA) ने मंगलवार को फिरोजशाह कोटला स्टेडियम का नाम अपने पूर्व अध्यक्ष और देश के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के नाम पर रखने का फैसला किया है तब अरुण जेटली को उनके क्रिकेट में योगदान के लिए इससे अच्छा श्रीद्धांजली नहीं हो सकती। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। जय हिन्द।